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डूंगरपुर: शिक्षा की अलख जगाने वाली कालीबाई को किया नमन, पौधरोपण कर दी श्रद्धांजलि - Veer Bala Kalibai

वीर बाला कालीबाई की शहादत की 75वी वर्षगांठ (death anniversary of Kalibai) पर डूंगरपुर जिले में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. डूंगरपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में सभापति अमृत कलासुआ (Chairman Amrit Kalasua) ने कालीबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. वही मांडवा गांव स्थित कालीबाई पैनारोमा (kalibai panorama) परिसर में पौधरोपण भी किया गया.

75th death anniversary of Kalibai, Plantation in Dungarpur
वीर बाला कालीबाई की शहादत के 75वी वर्षगांठ
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Published : Jun 19, 2021, 5:02 PM IST

डूंगरपुर. आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने वाली वीर बाला कालीबाई (Veer Bala Kalibai) की शहादत के शनिवार को 75वी वर्षगांठ है. वीर बाला कालीबाई ने आज ही के दिन 1947 में अंग्रेजो से लोहा लेते हुए बलिदान (Kalibai Sacrifice) दिया था. उनकी शहादत पर शनिवार को जिलेभर में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये.

इस मौके पर नगर परिषद की ओर से श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें सभापति अमृत कलासुआ सहित पार्षदों ने शहीद नानाभाई खाट और वीरबाला कालीबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वही मांडवा गांव स्थित कालीबाई पैनारोमा परिसर में पौधरोपण भी किया गया. सभापति और पार्षदों ने मिलकर परिसर में 100 पौधे लगाए.

वीर बाला कालीबाई की शहादत के 75वी वर्षगांठ

पढ़ें- डूंगरपुर में श्रमिकों के लिए मनरेगा बनी वरदान, अनलॉक के बाद 1.15 लाख लोगों को मिला रोजगार

अंग्रेजों ने किया गोलियों से छलनी

डूंगरपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में नगर सभापति अमृत कलासुआ ने कहा कि आज आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा की दीपक जलाने वाली कालीबाई की शहादत का दिन है, इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. अमृत कलासुआ ने बताया कि आजादी से पहले रास्तापाल गांव में शिक्षा के लिए नाना भाई खांट ने जब पाठशाला शुरू की तो अंग्रेजी हुकूमत ने पाठशाला को बंद करवाने के लिए सैनिक भेजे. इस दौरान अंग्रेज नाना भाई खांट को बंदी बनाकर जीप के पीछे बांधकर ले जाने लगे तभी काली बाई ने अपने गुरुजी को बचाने के लिए हासिये (दांतली) से उस रस्सी को काट दी. इस दौरान अंग्रेजो ने गोलियों से कालीबाई को छलनी कर दिया. इस तरह कालीबाई शिक्षा की अलख जगाते हुए शहीद हो गई.

डूंगरपुर. आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने वाली वीर बाला कालीबाई (Veer Bala Kalibai) की शहादत के शनिवार को 75वी वर्षगांठ है. वीर बाला कालीबाई ने आज ही के दिन 1947 में अंग्रेजो से लोहा लेते हुए बलिदान (Kalibai Sacrifice) दिया था. उनकी शहादत पर शनिवार को जिलेभर में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये.

इस मौके पर नगर परिषद की ओर से श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें सभापति अमृत कलासुआ सहित पार्षदों ने शहीद नानाभाई खाट और वीरबाला कालीबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वही मांडवा गांव स्थित कालीबाई पैनारोमा परिसर में पौधरोपण भी किया गया. सभापति और पार्षदों ने मिलकर परिसर में 100 पौधे लगाए.

वीर बाला कालीबाई की शहादत के 75वी वर्षगांठ

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अंग्रेजों ने किया गोलियों से छलनी

डूंगरपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में नगर सभापति अमृत कलासुआ ने कहा कि आज आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा की दीपक जलाने वाली कालीबाई की शहादत का दिन है, इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. अमृत कलासुआ ने बताया कि आजादी से पहले रास्तापाल गांव में शिक्षा के लिए नाना भाई खांट ने जब पाठशाला शुरू की तो अंग्रेजी हुकूमत ने पाठशाला को बंद करवाने के लिए सैनिक भेजे. इस दौरान अंग्रेज नाना भाई खांट को बंदी बनाकर जीप के पीछे बांधकर ले जाने लगे तभी काली बाई ने अपने गुरुजी को बचाने के लिए हासिये (दांतली) से उस रस्सी को काट दी. इस दौरान अंग्रेजो ने गोलियों से कालीबाई को छलनी कर दिया. इस तरह कालीबाई शिक्षा की अलख जगाते हुए शहीद हो गई.

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