डूंगरपुर. जिले मे हुई हिंसा के बाद से इसे लेकर सियासत लगातार गरमाई हुई है. भाजपा, कांग्रेस और बीटीपी पूरे घटनाक्रम को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इस घटना को लेकर भाजपा से राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा दो दिनों से हिंसा प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर हैं. इस दौरान सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए पुलिस कार्रवाई पर कई सवाल उठाए और निर्दोष लोगों को जबरन फंसाने के भी आरोप लगाए.
सांसद किरोड़ीलाल मीणा दूसरे दिन मंगलवार को उदयपुर से डूंगरपुर पंहुचे. सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने सर्किट हाउस में बीटीपी के दोनों विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर से मुलाकात कर हिंसा मामले को लेकर चर्चा की. तीनों नेताओ ने करीब 1 घंटे तक बंद कमरे में चर्चा की. इसके बाद सांसद मीणा ने जनसुनवाई भी की. इस दौरान कई लोगों ने अपनी परिवेदनाएं पेश कीं.
इस दौरान सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने डूंगरपुर हिंसा मामले में पुलिस पर निर्दोष लोगों को फंसाने और बर्बरता बरतने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पुलिस ने जो लोग हिंसा में शामिल नहीं थे, उनके नाम भी मुकदमों में डाले हैं और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने एक बैरक में ठूंस-ठूंस कर कैदियों को रखने के आरोप लगाए.
मीणा ने इस हिंसा से प्रभावित लोगों के नुकसान की भरपाई की भी मांग राज्य सरकार से की है. इस दौरान टीएसपी क्षेत्र में आदिवासी संगठनों की ओर से एसटी (ST) वर्ग के 12 फीसदी आरक्षण में से 6 फीसदी आरक्षण प्रशासनिक सेवाओं में टीएसपी क्षेत्र के आदिवासियों को दिए जाने की मांग के सवाल पर मीणा ने उनकी मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि 12 में 6 फीसदी आरक्षण टीएसपी के आदिवासियों को मिलना चाहिए और वे इसके लिए पैरवी करेंगे.
जेल में बंद आरोपियों से मिलने पहुंचे मीणा बैरंग लौटे
इस दौरान राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा उपद्रव के मामले में बंद आरोपियों से मिलने जिला कारागृह पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जेलर से मुलाकात की और जेल में बंद आरोपियों से मिलने की बात कही, लेकिन जेलर ने मामले में ऐसे कोई आदेश नहीं होने के कारण उन्हें मिलने से इंकार कर दिया.
इस पर राज्यसभा सांसद मीणा ने जेलर को खरी-खोटी भी सुनाई. इसके बाद इस मामले में उन्होंने उच्चाधिकारियों से बात की, लेकिन उच्च अधिकारियों ने भी कानून का हवाला देते हुए जेल में आरोपियों से मिलने पर इंकार कर दिया. इसके बाद करीब 1 घंटे तक मीणा जेल में ही रहे और अपनी मांग पर अड़े रहे, लेकिन बाद में समझाइश पर माने और लौट गए.