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सागवाड़ा विधायक ने छेड़ा वीरबाला काली बाई की जाति का राग....

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Published : Nov 14, 2019, 8:52 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 9:53 AM IST

डूंगरपुर वीरबाला काली बाई कन्या महाविद्यालय में छात्रसंघ कार्यालय उदघाट्न कार्यक्रम में पहुंचे सागवाड़ा विधायक ने वीरबाला काली बाई की जाति पर लेकर टिप्पणी की, उन्होंने कहा कि काली बाई की मिसाल तो सब याद करते हैं, पर उनकी जाति कोई नहीं बताता है. उनकी जाति कलासुआ आदिवासी थी, जो कि उनके नाम के साथ लगनी चाहिए.

dungarpur news, डूंगरपुर न्यूज

डूंगरपुर. जिला वीरबाला काली बाई कन्या महाविद्यालय में छात्रसंघ कार्यालय उदघाट्न कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सागवाड़ा से बीटीपी विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने एक बार फिर शिक्षा की देवी वीरबाला काली बाई की जाति को लेकर बहस छेड़ दी है.

बीटीपी विधायक ने छेड़ा काली बाई की जाति का मुद्दा

विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में एक अनोखी मिसाल देखने को मिलती है जो ओर कहीं नहीं मिलती है. विधायक ने कहा कि डूंगरपुर में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए अपने गुरुजी की जान बचाने के लिए शिक्षा की देवी काली बाई ने अपनी जान न्यौछावर कर दी थी, उनके नाम पर शहर में स्मारक बनवाएं गए, गर्ल्स कॉलेज भी खोली गई, लेकिन इसमें काली बाई की जाति और गोत्र को गायब कर दिया गया, जबकि काली बाई कलासुआ आदिवासी समुदाय से है.

पढ़ें- महराष्ट्र कांग्रेस विधायकों की मेहमान नवाजी में खर्चे पर CM ने किया पलटवार, कहा- भाजपा अपने गिरेबान में झांके

डिंडोर ने कहा कि स्मारक और कॉलेज पर केवल काली बाई ही लिखा हुआ है, जबकि उनकी जाति को छुपाया गया है. इसे छुपाने में किन लोगों का हाथ है और वे क्या चाहते है, क्योंकि आदिवासी क्षेत्र में काली बाई शिक्षा की देवी है और उसका मान-सम्मान को बनाकर इतिहास जानना पड़ेगा.

इस दौरान विधायक डिंडोर ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा और कॉलेज की कमियों को लेकर सरकार को कोसा. सागवाड़ा विधायक के यह बयान एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है.

डूंगरपुर. जिला वीरबाला काली बाई कन्या महाविद्यालय में छात्रसंघ कार्यालय उदघाट्न कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सागवाड़ा से बीटीपी विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने एक बार फिर शिक्षा की देवी वीरबाला काली बाई की जाति को लेकर बहस छेड़ दी है.

बीटीपी विधायक ने छेड़ा काली बाई की जाति का मुद्दा

विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में एक अनोखी मिसाल देखने को मिलती है जो ओर कहीं नहीं मिलती है. विधायक ने कहा कि डूंगरपुर में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए अपने गुरुजी की जान बचाने के लिए शिक्षा की देवी काली बाई ने अपनी जान न्यौछावर कर दी थी, उनके नाम पर शहर में स्मारक बनवाएं गए, गर्ल्स कॉलेज भी खोली गई, लेकिन इसमें काली बाई की जाति और गोत्र को गायब कर दिया गया, जबकि काली बाई कलासुआ आदिवासी समुदाय से है.

पढ़ें- महराष्ट्र कांग्रेस विधायकों की मेहमान नवाजी में खर्चे पर CM ने किया पलटवार, कहा- भाजपा अपने गिरेबान में झांके

डिंडोर ने कहा कि स्मारक और कॉलेज पर केवल काली बाई ही लिखा हुआ है, जबकि उनकी जाति को छुपाया गया है. इसे छुपाने में किन लोगों का हाथ है और वे क्या चाहते है, क्योंकि आदिवासी क्षेत्र में काली बाई शिक्षा की देवी है और उसका मान-सम्मान को बनाकर इतिहास जानना पड़ेगा.

इस दौरान विधायक डिंडोर ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा और कॉलेज की कमियों को लेकर सरकार को कोसा. सागवाड़ा विधायक के यह बयान एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है.

Intro:डूंगरपुर। वीरबाला काली बाई कन्या महाविद्यालय डूंगरपुर में छात्रसंघ कार्यालय उदघाट्न कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सागवाड़ा से बीटीपी विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने एक बार फिर शिक्षा की देवी वीरबाला काली बाई की जाति को लेकर बहस छेड़ दी है।


Body:विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में एक अनोखी मिसाल देखने को मिलती है जो ओर कहीं नहीं मिलती है। विधायक ने कहा कि डूंगरपुर में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए अपने गुरुजी की जान बचाने के लिए शिक्षा की देवी काली बाई ने अपनी जान न्यौछावर कर दी। उसके नाम पर शहर में स्मारक बनवाएं गए, गर्ल्स कॉलेज भी खोली गई, लेकिन इसमें काली बाई की जाति और गोत्र को गायब कर दिया गया, जबकि काली बाई कलासुआ आदिवासी समुदाय से है।
डिंडोर ने कहा कि स्मारक और कॉलेज पर केवल काली बाई ही लिखा हुआ है, जबकि उनकी जाति को छुपाया गया है। इसे छुपाने में किन लोगों का हाथ है ओर वे क्या चाहते है, क्योंकि आदिवासी क्षेत्र में काली बाई शिक्षा की देवी है और उसका मान-सम्मान को बनाकर इतिहास जानना पड़ेगा। इस दौरान विधायक डिंडोर ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा और कॉलेज की कमियों को लेकर सरकार को कोसा। सागवाड़ा विधायक के यह बयान एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।

बाईट- रामप्रसाद डिंडोर, बीटीपी से सागवाड़ा विधायक।


Conclusion:
Last Updated : Nov 15, 2019, 9:53 AM IST
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