डूंगरपुर. जिला वीरबाला काली बाई कन्या महाविद्यालय में छात्रसंघ कार्यालय उदघाट्न कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सागवाड़ा से बीटीपी विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने एक बार फिर शिक्षा की देवी वीरबाला काली बाई की जाति को लेकर बहस छेड़ दी है.
विधायक रामप्रसाद डिंडोर ने कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में एक अनोखी मिसाल देखने को मिलती है जो ओर कहीं नहीं मिलती है. विधायक ने कहा कि डूंगरपुर में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए अपने गुरुजी की जान बचाने के लिए शिक्षा की देवी काली बाई ने अपनी जान न्यौछावर कर दी थी, उनके नाम पर शहर में स्मारक बनवाएं गए, गर्ल्स कॉलेज भी खोली गई, लेकिन इसमें काली बाई की जाति और गोत्र को गायब कर दिया गया, जबकि काली बाई कलासुआ आदिवासी समुदाय से है.
डिंडोर ने कहा कि स्मारक और कॉलेज पर केवल काली बाई ही लिखा हुआ है, जबकि उनकी जाति को छुपाया गया है. इसे छुपाने में किन लोगों का हाथ है और वे क्या चाहते है, क्योंकि आदिवासी क्षेत्र में काली बाई शिक्षा की देवी है और उसका मान-सम्मान को बनाकर इतिहास जानना पड़ेगा.
इस दौरान विधायक डिंडोर ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा और कॉलेज की कमियों को लेकर सरकार को कोसा. सागवाड़ा विधायक के यह बयान एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है.