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Special: कोरोना ने अपनों को किया पराया, मुंह देखने को तरसते रहे परिजन, अब मिलेगा अंतिम संस्कार का अधिकार

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Published : Sep 9, 2020, 10:57 PM IST

देशभर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, तो कई लोग मौत के शिकार भी हो रहे हैं. इसी बीच सरकार ने कोरोना से मृतक के अंतिम संस्कार को लेकर नई गाइड लाइन जारी की है, जिसमें अब कोरोना से मृत व्यक्ति का शव उसके परिवार के लोगों को मिल सकेगा और परिवार के लोग सामाजिक रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार भी कर सकेंगे.

Corona virus news dungarpur
कोरोना से मृत अपने का अंतिम संस्कार कर सकेंगे परिजन

डूंगरपुर. कोरोना काल में कोरोना के कई रूप देखने को मिले, जिसमें से एक रूप है कोरोना से मरने वालों का न तो परिवार के लोग अंतिम दर्शन कर पाएं और न ही अंतिम संस्कार. ऐसे में कोरोना ने अपनों को ही बैगाना कर दिया, जिसका मलाल कोरोना से मृतकों के परिवार को जिंदगीभर कचोटता रहेगा.

कोरोना से मृत अपने का अंतिम संस्कार कर सकेंगे परिजन

अब कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच लोग मृतक का मुंह तो नहीं देख पाएंगे. लेकिन परिवार के लोग सामाजिक रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार जरूर कर सकेंगे. कोरोना मृतक का शव अब परिजनों को देने के आदेशों के बाद किस तरह की गाइड लाइन का पालन करना होगा, इस तमाम बातों को लेकर ईटीवी भारत ने जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. कांतिलाल मेघवाल से बातचीत की, पेश है एक रिपोर्ट.

Corona virus news dungarpur  Corona virus news dungarpur
श्मशानों में भी कम पड़ रही जगह

कोरोना के कारण डूंगरपुर जिले में अब तक 21 से ज्यादा मौतें हो चुकी है. इसके अलावा जिले के कई लाल विदेश की धरती पर भी कोरोना काल के शिकार हुए. कोरोना की इस भयंकर माहामारी के कारण न तो परिवार के लोगों को शव नसीब हुआ और न ही परिवार के लोग जिसके साथ जन्म से रहे उसका मुखड़ा देख सके और न ही सामाजिक रस्मों के साथ अंतिम संस्कार कर सके. परिवार के लोग चाहकर भी अपनों के बिछड़ने के दुःख में केवल गम के दो आंसू बहा सके, जिस कारण कोरोना ने अपनों को पराया बनाकर रख दिया.

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अब तक परिजन नहीं कर पा रहे थे अंतिम संस्कार

कई परिवार ऐसे भी थे, जिसके परिवार में एक नहीं दो या तीन मौतें भी हुई, लेकिन वे कोरोनाकाल में बेबस नजर आए और जिंदगीभर का गम परिवार को दे गया. देशभर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है, तो कई लोग मौत के शिकार भी हो रहे है. इसी बीच सरकार ने कोरोना से मृतक के अंतिम संस्कार को लेकर नई गाइड लाइन जारी की है, जिसमें अब कोरोना से मृत व्यक्ति का शव उसके परिवार के लोगों को मिल सकेगा और परिवार के लोग सामाजिक रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार भी कर सकेंगे. सरकार की यह नई गाइड लाइन क्या है और कोरोना का कितना खतरा रहेगा. इन बातों को जानने ईटीवी भारत ने डूंगरपुर श्रीहरिदेव जोशी सामान्य चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ कांतिलाल मेघवाल से बातचीत की है.

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लगातार हो रही कोरोना संक्रमितों की मौत

पढ़ें- स्पेशल: 'गोल्डन आवर ऐप' देगा गंभीर मरीजों को जीवनदान, जयपुर पुलिस जल्द शुरू करेगी सुविधा

ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए डॉ. कांतिलाल मेघवाल ने कहा कि यह बात सही है कि कोरोना के बाद सरकार की गाइड लाइन के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार प्रशासन, चिकित्सा विभाग और नगर परिषद के सहयोग से किया गया. इसके बाद परिवार को यह दुःख रहा कि वह उसके परिवार के सदस्य का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके. लेकिन सरकार ने अब नई गाइड लाइन जारी कि है, जिसमें कोरोना से मौत के बाद भी परिवार के लोग चाहें तो वे शव को अपने साथ ले जाकर सामाजिक रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर सकेंगे, लेकिन इस दौरान भी उन परिवार के लोगों को शव के अंतिम संस्कार को लेकर सरकार की गाइड लाइन का पूर्णतया पालन करना होगा, जिसमें कई खास बातें है, जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है.

पढ़ें- स्पेशल: लाल ढक्कन वाले ड्रम में 'मौत' बांट रहे है शराब तस्कर

आइये जानते है नई गाइड लाइन में क्या है खास

1. नई गाइड लाइन के अनुसार अब कोरोना से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसका शव परिवार के लोगों को मिल सकेगा.

2. कोरोना संक्रमित शव को चिकित्सा विभाग की ओर से सेनेटाइज करने के बाद बॉडी बैग में सुरक्षित पैक किया जाएगा. इसके बाद शव से शव को सैनिटाइज किया जाएगा.

3. शव को कोरोना गाइड लाइन के अनुसार ही परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा. इसके लिए चिकित्सा विभाग की ओर से एक गाइड लाइन की जानकारी देने वाला पर्चा साथ दिया जाएगा.

4. शव को ले जाने से पहले परिजनों को एक लिखित शपथ पत्र देना होगा, जिसमें उन्हें शपथ लेनी होगी की वे सरकारी गाइड लाइन का पूर्णतया पालन करेंगे.

5. शव को ले जाने पर वहां के स्थानीय चिकित्सा प्रशासन के साथ ही सीएमएचओ, उपखंड अधिकारी को भी स्वयं के स्तर पर परिजनों को सूचना देनी होगी.

6. शव को एम्बुलेंस के जरिये ही सुरक्षित तरीके से ले जा सकेंगे.

7. शव को अस्पताल से सीधे ही श्मशान घाट पर ले जाना होगा. शव को लेकर घर नहीं जा पाएंगे.

8. शव की बैग पैकिंग को नहीं खोल सकेंगे और न ही परिवार के लोग किसी तरह से चूम सकेंगे.

9. अंतिम संस्कार के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से एक पीपीई किट भी परिजनों को दिया जाएगा. यह पीपीई किट दाह संस्कार करने वाले एक ही व्यक्ति के लिए होगा.

10. अंतिम संस्कार के दौरान भी अधिकतम 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे.

पढ़ें- Special: कोरोना काल में रिवर्स टेलीमेडिसिन से मेडिकल स्टूडेंट्स कर रहे पढ़ाई

अब हर मृतक के सैम्पल लेना जरूरी नहीं

कोरोना संदिग्ध मृतक के अब सैम्पल लेना जरूरी नहीं रहेगा. केवल कोरोना गाइड लाइन का पालन किया जाएगा. कोरोना के लक्षण वाले मरीज के अस्पताल पंहुचते ही मौत हो जाने की स्थिति में अब सैंपल लेना जरूरी नहीं होगा, बल्कि चिकित्सा विभाग की ओर से शव को गाइड लाइन के अनुसार बॉडी बैग में पैक करके दे दिया जाएगा और फिर कोरोना पॉजिटिव गाइड लाइन के अनुसार ही अंतिम संस्कार किया जाएगा.

इसके अलावा ऐसे मरीज जिनके कोरोना सैंपल लिए गए है, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले मौत हो जाने पर शव को रहने नहीं दिया जाएगा. बल्कि गाइड लाइन के अनुसार उसका भी अंतिम संस्कार किया जा सकेगा.

डूंगरपुर. कोरोना काल में कोरोना के कई रूप देखने को मिले, जिसमें से एक रूप है कोरोना से मरने वालों का न तो परिवार के लोग अंतिम दर्शन कर पाएं और न ही अंतिम संस्कार. ऐसे में कोरोना ने अपनों को ही बैगाना कर दिया, जिसका मलाल कोरोना से मृतकों के परिवार को जिंदगीभर कचोटता रहेगा.

कोरोना से मृत अपने का अंतिम संस्कार कर सकेंगे परिजन

अब कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच लोग मृतक का मुंह तो नहीं देख पाएंगे. लेकिन परिवार के लोग सामाजिक रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार जरूर कर सकेंगे. कोरोना मृतक का शव अब परिजनों को देने के आदेशों के बाद किस तरह की गाइड लाइन का पालन करना होगा, इस तमाम बातों को लेकर ईटीवी भारत ने जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. कांतिलाल मेघवाल से बातचीत की, पेश है एक रिपोर्ट.

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श्मशानों में भी कम पड़ रही जगह

कोरोना के कारण डूंगरपुर जिले में अब तक 21 से ज्यादा मौतें हो चुकी है. इसके अलावा जिले के कई लाल विदेश की धरती पर भी कोरोना काल के शिकार हुए. कोरोना की इस भयंकर माहामारी के कारण न तो परिवार के लोगों को शव नसीब हुआ और न ही परिवार के लोग जिसके साथ जन्म से रहे उसका मुखड़ा देख सके और न ही सामाजिक रस्मों के साथ अंतिम संस्कार कर सके. परिवार के लोग चाहकर भी अपनों के बिछड़ने के दुःख में केवल गम के दो आंसू बहा सके, जिस कारण कोरोना ने अपनों को पराया बनाकर रख दिया.

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अब तक परिजन नहीं कर पा रहे थे अंतिम संस्कार

कई परिवार ऐसे भी थे, जिसके परिवार में एक नहीं दो या तीन मौतें भी हुई, लेकिन वे कोरोनाकाल में बेबस नजर आए और जिंदगीभर का गम परिवार को दे गया. देशभर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है, तो कई लोग मौत के शिकार भी हो रहे है. इसी बीच सरकार ने कोरोना से मृतक के अंतिम संस्कार को लेकर नई गाइड लाइन जारी की है, जिसमें अब कोरोना से मृत व्यक्ति का शव उसके परिवार के लोगों को मिल सकेगा और परिवार के लोग सामाजिक रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार भी कर सकेंगे. सरकार की यह नई गाइड लाइन क्या है और कोरोना का कितना खतरा रहेगा. इन बातों को जानने ईटीवी भारत ने डूंगरपुर श्रीहरिदेव जोशी सामान्य चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ कांतिलाल मेघवाल से बातचीत की है.

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लगातार हो रही कोरोना संक्रमितों की मौत

पढ़ें- स्पेशल: 'गोल्डन आवर ऐप' देगा गंभीर मरीजों को जीवनदान, जयपुर पुलिस जल्द शुरू करेगी सुविधा

ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए डॉ. कांतिलाल मेघवाल ने कहा कि यह बात सही है कि कोरोना के बाद सरकार की गाइड लाइन के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार प्रशासन, चिकित्सा विभाग और नगर परिषद के सहयोग से किया गया. इसके बाद परिवार को यह दुःख रहा कि वह उसके परिवार के सदस्य का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके. लेकिन सरकार ने अब नई गाइड लाइन जारी कि है, जिसमें कोरोना से मौत के बाद भी परिवार के लोग चाहें तो वे शव को अपने साथ ले जाकर सामाजिक रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर सकेंगे, लेकिन इस दौरान भी उन परिवार के लोगों को शव के अंतिम संस्कार को लेकर सरकार की गाइड लाइन का पूर्णतया पालन करना होगा, जिसमें कई खास बातें है, जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है.

पढ़ें- स्पेशल: लाल ढक्कन वाले ड्रम में 'मौत' बांट रहे है शराब तस्कर

आइये जानते है नई गाइड लाइन में क्या है खास

1. नई गाइड लाइन के अनुसार अब कोरोना से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसका शव परिवार के लोगों को मिल सकेगा.

2. कोरोना संक्रमित शव को चिकित्सा विभाग की ओर से सेनेटाइज करने के बाद बॉडी बैग में सुरक्षित पैक किया जाएगा. इसके बाद शव से शव को सैनिटाइज किया जाएगा.

3. शव को कोरोना गाइड लाइन के अनुसार ही परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा. इसके लिए चिकित्सा विभाग की ओर से एक गाइड लाइन की जानकारी देने वाला पर्चा साथ दिया जाएगा.

4. शव को ले जाने से पहले परिजनों को एक लिखित शपथ पत्र देना होगा, जिसमें उन्हें शपथ लेनी होगी की वे सरकारी गाइड लाइन का पूर्णतया पालन करेंगे.

5. शव को ले जाने पर वहां के स्थानीय चिकित्सा प्रशासन के साथ ही सीएमएचओ, उपखंड अधिकारी को भी स्वयं के स्तर पर परिजनों को सूचना देनी होगी.

6. शव को एम्बुलेंस के जरिये ही सुरक्षित तरीके से ले जा सकेंगे.

7. शव को अस्पताल से सीधे ही श्मशान घाट पर ले जाना होगा. शव को लेकर घर नहीं जा पाएंगे.

8. शव की बैग पैकिंग को नहीं खोल सकेंगे और न ही परिवार के लोग किसी तरह से चूम सकेंगे.

9. अंतिम संस्कार के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से एक पीपीई किट भी परिजनों को दिया जाएगा. यह पीपीई किट दाह संस्कार करने वाले एक ही व्यक्ति के लिए होगा.

10. अंतिम संस्कार के दौरान भी अधिकतम 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे.

पढ़ें- Special: कोरोना काल में रिवर्स टेलीमेडिसिन से मेडिकल स्टूडेंट्स कर रहे पढ़ाई

अब हर मृतक के सैम्पल लेना जरूरी नहीं

कोरोना संदिग्ध मृतक के अब सैम्पल लेना जरूरी नहीं रहेगा. केवल कोरोना गाइड लाइन का पालन किया जाएगा. कोरोना के लक्षण वाले मरीज के अस्पताल पंहुचते ही मौत हो जाने की स्थिति में अब सैंपल लेना जरूरी नहीं होगा, बल्कि चिकित्सा विभाग की ओर से शव को गाइड लाइन के अनुसार बॉडी बैग में पैक करके दे दिया जाएगा और फिर कोरोना पॉजिटिव गाइड लाइन के अनुसार ही अंतिम संस्कार किया जाएगा.

इसके अलावा ऐसे मरीज जिनके कोरोना सैंपल लिए गए है, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले मौत हो जाने पर शव को रहने नहीं दिया जाएगा. बल्कि गाइड लाइन के अनुसार उसका भी अंतिम संस्कार किया जा सकेगा.

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