डूंगरपुर. जिला प्रमुख और प्रधान के चुनावों में भाजपा से गठबंधन पर कांग्रेस दो खेमों में बंटती जा रही है. कांग्रेस के पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा और निवर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश खोडनिया पर कांग्रेस को बेचने के आरोप लगाए हैं.
तारचंद भगोरा ने भाजपा-कांग्रेस के इस गठबंधन को कमल वाले हाथ की दूसरी पार्टी बताते हुए दोनों नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है. इन आरोपों को विधायक गणेश घोघरा ने पूर्व सांसद की बौखलाहट करार दिया है.
'कांग्रेस को भाजपा के हाथों बेच दिया'
कांग्रेस के पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने कहा कि 70 साल से भाजपा और कांग्रेस की राजनीति हमेशा से ही विरोधी रही है. स्थानीय विधायक गणेश घोघरा और निवर्तमान जिलाध्यक्ष दिनेश खोडनिया ने कांग्रेस को भाजपा के हाथों बेच दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के इन नेताओं के बीच हॉर्स ट्रेडिंग हुई है और लाखों-करोड़ों रुपए की खरीद-फरोख्त की गई है. जबकि भाजपा लगातार प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है.
'कांग्रेस नेताओं में आक्रोश'
भगोरा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के आला अधिकारियों और नेताओं से बिना पूछे ही गठबंधन कर लिया, जिसका कांग्रेस को फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ है. इससे कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस के बड़े नेताओं से गणेश घोघरा और दिनेश खोडनिया को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है.
वहीं, पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने अपने बेटे को सीमलवाड़ा प्रधान बनाने के लिए वायरल हो रहे शपथ पत्र के सवाल पर कहा कि प्रदेश में भी कांग्रेस को बीटीपी का समर्थन है. इसलिए हमने भी समर्थन का समझौता किया था, लेकिन बाद में हमने यह समझौता भी तोड़ दिया और बेटे को प्रधान नहीं बनाया. उन्होंने कहा कि वे किसी भी हाल में दक्षिणपंथी विचारधारा वाली पार्टी से समझौता नहीं करेंगे, इसलिए भाजपा से कोई समर्थन नहीं लिया.
यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा का पलटवार
ताराचंद भगोरा के आरोपों पर पलटवार करते हुए यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा ने कहा कि यह पूर्व सांसद की बौखलाहट है. उन्होंने कहा कि वे अपने पुत्र को सीमलवाड़ा प्रधान बनाने के लिए समझौता किया था लेकिन वे नहीं बना पाए, इसलिए गलत आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत वे प्रदेश नेतृत्व से करेंगे.