डूंगरपुर. गर्मी के मौसम में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है. जिले में तापमान 40 डिग्री को पार कर चुका है. गर्मी का असर बढ़ने के साथ ही नदी, नाले, तालाब या बांधों में पानी सूखने लगा है या फिर उनमें पानी कम हो चुका है. ऐसे में सबसे बड़ी समस्या जानवरो के लिए होगी, जिन्हें पीने के लिए पानी उपलब्ध नहीं होगा. ऐसी स्थिति से निबटने के लिए वन विभाग भी तैयार नजर आ रहा है. जिला वन अधिकारी सुपोंग शशि ने बताया कि जिले के जंगल क्षेत्रों में पानी की स्थिति पर पूरी नजर रखी हुई है.
डीएफओ ने बताया कि जंगलों में नदी, नाले और तालाब से जानवरों को पानी मिलता है. जिले के वन्य क्षेत्रों में स्थित जलाशयों में अभी पर्याप्त पानी उपलब्ध है और किल्लत जैसी स्थिति नहीं हैं. उन्होंने बताया कि जिले के सभी वन रक्षकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जंगलों में स्थित जलाशयों पर भी निगरानी रखी जा रही है. अगर नदी, नाले या तालाब में पानी सूखता है और अन्य कोई पानी का स्त्रोत नहीं होने की स्थिति में जंगल में वाटर हॉल बनाकर उनमें पानी की सप्लाई की जाएगी.
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जगंल में जरूरत के अनुसार टैंकर से पंहुचेगा पानी
डीएफओ ने बताया कि जंगल में पानी की कमी होने पर वाटर हॉल में पानी डाला जाएगा. वहां पर टैंकरों के जरिये पानी उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके अलावा जंगल मे पहले से उपलब्ध तालाब या गड्ढों में भी पानी की सप्लाई की जाएगी, ताकि जंगली जानवर वहां अपनी प्यास बुझा सकेंगे. उन्होंने बताया कि सभी वन रक्षकों की ओर से वाटर हॉल की स्थितियों पर नजर रखी जा रही है.
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पानी की तलाश में आ जाते हैं आबादी में
गर्मियों का असर शुरू होते ही पानी की कमी भी शुरू हो जाती है. ऐसे में जंगल मे रहने वाले जंगली जानवर पानी की तलाश में जंगल से बाहर आबादी में आ जाते हैं. कई बार आबादी में आकर जंगली जानवर लोगों पर भी हमला करने की घटनाएं हो चुकी है. ऐसे में वन विभाग जानवरों की पानी की समस्या को समय रहते दूर करने की पूरी तैयारी में है.