डूंगरपुर. राजस्थान का आदिवासी क्षेत्र डूंगरपुर जिला अरावली पर्वत की श्रृंखला से चौतरफा घिरा हुआ है. यहां का धरातलीय भू-भाग पहाड़ी है, फिर भी यहां के कई आदिवासी किसान खेतीबाड़ी करके अपना गुजर-बसर करते हैं. लेकिन इस बार राजस्थान में बारिश ने दस्तक दी तो है, लेकिन कई जिलों में अभी भी मानसून नहीं पहुंचा है. ऐसे में किसानों की फसलों को बारिश का इंतजार है.
हालात ये हैं कि पहले कोरोना के कहर और फिर बे मौसम बारिश से फसलें खराब हो गईं. इसके बाद बाजार नहीं मिलने से फसलों के दाम तक नहीं मिले. इसी बीच फसलों पर टिड्डियों के हमले ने किसानों की कमर तोड़ दी. इसके बाद किसानों को मानसून से उम्मीद जगी तो शुरुआत में हुई हल्की बारिश के बाद रोजगार छूट जाने से घरों पर लौटे लोग और किसान खेतो में जुट गए. जैसे-तैसे कर बीज का इंतजाम किया और खेतों में मक्का, धान, सोयाबीन की फसल बोई, लेकिन अब डेढ़ महीने का समय बीतने के बाद भी बारिश ने मुंह मोड़ लिया है. जिससे किसानों के चेहरों पर मायूसी साफ तौर पर देखी जा सकती है.
![rajasthan weather report, डूंगरपुर में नहीं हो रही बारिश, absence of rain in dungarpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-dun-farmar-7205515_05082020093008_0508f_00245_193.jpg)
पहले कोरोना ने सताया, अब बारिश नहीं होने से फसल चौपट
मानसून की बेरुखी को लेकर खेतों का हाल जानने ईटीवी भारत की टीम सुरपुर, थाना, सतीरामपुर गांवों में पंहुची. खेतों में किसानों ने मक्का, उड़द, सोयाबीन की फसल की बुवाई कर दी है. वहीं धान का रोप भी तैयार है. बारिश के कारण फसलों पर पड़ रहे असर के बारे में पूछा तो किसानो ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि पहले कोरोना के कारण 3 महीने तक हालत खराब थे. अब बारिश की उम्मीद में घर में जो कुछ खाने का अनाज था उसे खेतों में बो दिया, लेकिन डेढ़ महीने से बारिश नहीं होने से फसल खराबा हो रहा है. अगर बारिश नहीं होती है तो फिर भूखे मरने की नौबत आ जाएगी.
1.40 लाख हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य, 95 फीसदी में बोई फसल
कृषि जोत को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने कृषि विभाग के उपनिदेशक गौरी शंकर कटारा से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जिले में इस बार खरीफ फसल की बुवाई को लेकर 1 लाख 40 हजार हेक्टेयर में लक्ष्य रखा गया था. जिसके मुकाबले 95 फीसदी बुवाई पूरी कर ली गई है.
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कटारा ने बताया कि जिले में 62 हजार हेक्टेयर में मक्का की बुवाई की गई है. इसके अलावा 15 हजार हेक्टेयर में धान की बुवाई का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन धान की रोपाई पूरी नहीं हो सकी है. वहीं 42 हजार हेक्टेयर से सोयाबीन, 10 हजार हेक्टेयर में उड़द और 1200 हेक्टेयर में अरहर की बुवाई की गई है.
![rajasthan weather report, डूंगरपुर में नहीं हो रही बारिश, absence of rain in dungarpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-dun-farmar-7205515_05082020093008_0508f_00245_929.jpg)
पहाड़ी इलाके में सूख गई 30 फीसदी फसलें
कृषि उपनिदेशक गौरी शंकर कटारा ने बताया कि इस बार बारिश लंबे समय से नहीं हुई है. जिस कारण जिले में पहाड़ी क्षेत्रों में जहां बारिश नहीं हुई है, वहां फसलें सूखने लग गई हैं. करीब 25 से 30 फीसदी फसलें सूख गई हैं. अगर जल्द ही बारिश नहीं आई तो पूरी फसल खराब हो जाएगी.
![rajasthan weather report, डूंगरपुर में नहीं हो रही बारिश, absence of rain in dungarpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8300579_sdfsdgfd.png)
इस साल अब तक 30 फीसदी कम बारिश
सिंचाई विभाग के अनुसार इस बार अब तक बारिश नहीं के बराबर हुई है. जिले में औसत 750 एमएम बारिश होती है, जिसमें से 50 प्रतिशत बारिश जुलाई माह तक होती है, लेकिन इस बार बारिश की बेरुखी इस कदर है कि पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है.
जल संसाधन विभाग के अनुसार जिले में इस बार अब तक 220.88 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि पिछले साल 2019 में 4 अगस्त तक 355 और वर्ष 2018 में 435 एमएम बारिश हो चुकी थी. जिस कारण खेत अब भी सूखे है और फसलें सूखने लगी हैं. जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही है.
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कब टूटेगी बारिश की बेरुखी
किसान बारिश के इंतजार में आसमान की ओर देख रहा है और फसलें सूखने लगी है. किसान खेतों में सूख रही फसलों को देखकर चिंतित है. अब देखना होगा कि बारिश की बेरुखी कब तक टूटती है और किसानों की उम्मीद की फसल कब तक पककर तैयार होती है या फिर किसान इस बार भी मायूस ही रहेगा.