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प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए डूंगरपुर एसपी की कार्ययोजना पर होगा अमल! - Dungarpur news

प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए पुलिस के मुखिया डीजीपी की ओर से डूंगरपुर एसपी को कार्ययोजना की जिम्मेदारी सौंपी गई, तो वहीं एसपी ने मानव तस्करी को लेकर अपनी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेज दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश में डूंगरपुर एसपी की कार्ययोजना पर ही अमल होगा और मानव तस्करी को रोकने में सफलता हासिल होगी.

Dungarpur SP, SP Jai Yadav, human trafficking
डूंगरपुर एसपी की कार्ययोजना
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Published : Feb 11, 2020, 2:24 PM IST

डूंगरपुर. जिला अधीक्षक जय यादव ने प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए पुलिस के मुखिया डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव को अपनी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दी है. प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए डूंगरपुर एसपी को ये कार्ययोजना की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

मानव तस्करी को रोकने के लिए डूंगरपुर एसपी को कार्ययोजना की जिम्मेदारी

वहीं एसपी जय यादव ने बताया कि पुलिस महानिदेशक की ओर से पिछले दिनों उन्हें प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए कार्ययोजना की जिम्मेदारी सौंपी थी. एसपी ने कहा कि प्रदेश में मानव तस्करी जिसमें खासकर बाल तस्करी सबसे बड़ा संगठित अपराध है, जिसमें कई लोग मिलकर अपराध में लिप्त होते है. बच्चों को ले जाकर अलग-अलग तरीके से काम लेते है. इस तरह की सक्रिय गैंग है, जो चेन सिस्टम से जुड़ी है.

पढ़ें- विधानसभा में उठा मानव तस्करी का मामला,विधायक रामलाल शर्मा ने सरकार को याद दिलाया वादा

साथ ही एसपी जय यादव ने बताया कि मानव तस्करी के कई यूनिट है. जिसमें बच्चों से बालश्रम, यौन शोषण, अंग बेचने के काम भी गैंग करती है और इन्हीं अपराधों को फोकस में रखकर इन पर कैसे कार्रवाई की जाए इसकी बिंदुवार रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेजी गई है. उन्होंने कहा कि एक राज्य के बच्चे का दूसरे राज्य में शोषण ज्यादा होता है. ऐसी बातें भी कई बार सामने आई है या फिर उनसे जबरन गलत काम करवाया जाता है. इसके लिए पडोसी राज्य की ओर से जॉइंट ऑपरेशन चलाने की योजना भी शामिल है. मानव तस्करी में लिप्त गैंग के साथ ही आरोपियों का चिन्हीकरण करते हुए उनकी डिटेल रिपोर्ट कैसे तैयार की जाए यह भी बताया गया है.

एसपी जय यादव ने बताया कि मानव तस्करी को रोकने के लिए उनकी पूरी गैंग को तोड़ना जरूरी है. प्रदेश में हर जगह तस्करी के अलग-अलग क्षेत्र है. डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर जिलों में बालश्रम की ज्यादा शिकायत है, तो यहां पर किस तरह से गुजरात व अन्य राज्य के बॉर्डर पर नाकाबंदी की जाए, इसकी रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है. इसके अलावा ट्राइबल एरिया के लोगों की बाल तस्करी के खिलाफ जागरूक करने, सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाने के साथ ही सभी विभागों को आपसी तालमेल से कार्य करने पर भी जोर दिया गया है.

पढ़ें- चूरूः ईंट भट्ठे पर काम कर रहे 2 मासूमों को कराया बालश्रम से आजाद

बता दें कि डूंगरपुर एसपी जय यादव की ओर से मानव तस्करी और बालश्रम को रोकने को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत पिछले दिनों कई बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें कई बच्चों को मजदूरी करते हुए और ले जाते हुए छुड़वाया गया है. बहरहाल, मानव तस्करी को रोकने डूंगरपुर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है, जिसमें पुलिस को सफलता भी मिली है और इसी पर डूंगरपुर एसपी ने अपनी कार्ययोजना भी पुलिस मुख्यालय को भेज दी है. तो अब देखना होगा कि प्रदेश में इस पर कितना अमल होता है.

डूंगरपुर. जिला अधीक्षक जय यादव ने प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए पुलिस के मुखिया डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव को अपनी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दी है. प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए डूंगरपुर एसपी को ये कार्ययोजना की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

मानव तस्करी को रोकने के लिए डूंगरपुर एसपी को कार्ययोजना की जिम्मेदारी

वहीं एसपी जय यादव ने बताया कि पुलिस महानिदेशक की ओर से पिछले दिनों उन्हें प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए कार्ययोजना की जिम्मेदारी सौंपी थी. एसपी ने कहा कि प्रदेश में मानव तस्करी जिसमें खासकर बाल तस्करी सबसे बड़ा संगठित अपराध है, जिसमें कई लोग मिलकर अपराध में लिप्त होते है. बच्चों को ले जाकर अलग-अलग तरीके से काम लेते है. इस तरह की सक्रिय गैंग है, जो चेन सिस्टम से जुड़ी है.

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साथ ही एसपी जय यादव ने बताया कि मानव तस्करी के कई यूनिट है. जिसमें बच्चों से बालश्रम, यौन शोषण, अंग बेचने के काम भी गैंग करती है और इन्हीं अपराधों को फोकस में रखकर इन पर कैसे कार्रवाई की जाए इसकी बिंदुवार रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेजी गई है. उन्होंने कहा कि एक राज्य के बच्चे का दूसरे राज्य में शोषण ज्यादा होता है. ऐसी बातें भी कई बार सामने आई है या फिर उनसे जबरन गलत काम करवाया जाता है. इसके लिए पडोसी राज्य की ओर से जॉइंट ऑपरेशन चलाने की योजना भी शामिल है. मानव तस्करी में लिप्त गैंग के साथ ही आरोपियों का चिन्हीकरण करते हुए उनकी डिटेल रिपोर्ट कैसे तैयार की जाए यह भी बताया गया है.

एसपी जय यादव ने बताया कि मानव तस्करी को रोकने के लिए उनकी पूरी गैंग को तोड़ना जरूरी है. प्रदेश में हर जगह तस्करी के अलग-अलग क्षेत्र है. डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर जिलों में बालश्रम की ज्यादा शिकायत है, तो यहां पर किस तरह से गुजरात व अन्य राज्य के बॉर्डर पर नाकाबंदी की जाए, इसकी रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है. इसके अलावा ट्राइबल एरिया के लोगों की बाल तस्करी के खिलाफ जागरूक करने, सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाने के साथ ही सभी विभागों को आपसी तालमेल से कार्य करने पर भी जोर दिया गया है.

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बता दें कि डूंगरपुर एसपी जय यादव की ओर से मानव तस्करी और बालश्रम को रोकने को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत पिछले दिनों कई बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें कई बच्चों को मजदूरी करते हुए और ले जाते हुए छुड़वाया गया है. बहरहाल, मानव तस्करी को रोकने डूंगरपुर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है, जिसमें पुलिस को सफलता भी मिली है और इसी पर डूंगरपुर एसपी ने अपनी कार्ययोजना भी पुलिस मुख्यालय को भेज दी है. तो अब देखना होगा कि प्रदेश में इस पर कितना अमल होता है.

Intro:डूंगरपुर। प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए पुलिस के मुखिया डीजीपी की ओर से डूंगरपुर एसपी को कार्ययोजना की जिम्मेदारी सौपी गई तो वहीं एसपी ने मानव तस्करी को लेकर अपनी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेज दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश में डूंगरपुर एसपी की कार्ययोजना पर ही अमल होगा और मानव तस्करी को रोकने में सफलता हासिल होगी।


Body:डूंगरपुर एसपी जय यादव ने बताया कि पुलिस महानिदेशक की ओर से पिछले दिनों उन्हें प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के लिए कार्ययोजना की जिम्मेदारी सौपी थी। एसपी ने बताया कि प्रदेश में मानव तस्करी जिसमे खासकर बाल तस्करी सबसे बड़ा संगठित अपराध है, जिसमे कई लोग मिलकर अपराध कारित करते है। बच्चों को ले जाकर अलग-अलग तरीके से काम लेते है। इस तरह की सक्रिय गैंग है जो चैन सिस्टम से जुड़ी है।
एसपी ने कहा कि मानव तस्करी के कई यूनिट है, जिसमें बच्चों से बालश्रम, यौन शोषण, अंग बेचने के काम भी गैंग करती है और इन्ही अपराधों को फोकस में रखकर इन पर कैसे कार्रवाई की जाए इसकी बिंदुवार रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेजी गई है। उन्होंने कहा कि एक राज्य के बच्चे का दूसरे राज्य में शोषण ज्यादा होता है ऐसी बाते भी कई बार सामने आई है या फिर उनसे जबरन गलत काम करवाया जाता है। इसके लिए पडौसी राज्य की ओर से जॉइंट ऑपरेशन चलाने की योजना भी शामिल है।
मानव तस्करी में लिप्त गैंग के साथ ही आरोपियों का चिन्हीकरण करते हुए उनकी डिटेल रिपोर्ट कैसे तैयार की जाए यह भी बताया गया है। एसपी ने बताया कि मानव तस्करी को रोकने के लिए उनकी पूरी गैंग को तोड़ना जरूरी है।
एसपी ने बताया कि प्रदेश में हर जगह तस्करी के अलग-अलग क्षेत्र है। डूंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ़, उदयपुर जिलों में बालश्रम की ज्यादा शिकायत है तो यहां पर किस तरह से गुजरात व अन्य राज्य के बॉर्डर पर नाकाबंदी की जाए इसकी रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है। इसके अलावा ट्राइबल एरिया के लोगो की बाल तस्करी के खिलाफ जागरूक करने, सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाने के साथ ही सभी विभागों को आपसी तालमेल से कार्य करने पर भी जोर दिया गया है।


Conclusion:आपको बता दे कि डूंगरपुर एसपी की ओर से मानव तस्करी ओर बालश्रम को रोकने को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत पिछले दिनों कई बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें कई बच्चों को मजदूरी करते हुए और ले जाते हुए छुड़वाया गया है।
बहरहाल मानव तस्करी को रोकने डूंगरपुर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है,जिसमे पुलिस को सफलता भी मिली है और इसी पर डूंगरपुर एसपी ने अपनी कार्ययोजना भी पुलिस मुख्यालय को भेज दी है तो अब देखना होगा कि प्रदेश में इस पर कितना अमल होता है।

बाईट: जय यादव, एसपी डूंगरपुर
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