डूंगरपुर. स्वच्छ्ता के लिए प्रदेश में सिरमौर डूंगरपुर नगर परिषद देशभर में पहले पायदान की जंग लड़ रही है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में देश में 10वें स्थान और सिटिजन फीडबैक में पहले स्थान पर रहकर अपनी स्वच्छता का लोहा मनवाया था. वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में भी डूंगरपुर नगरपरिषद देश में अव्वल आने के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण के मापदंडों को पूरा करने के लिए प्रयासरत है. वही स्वच्छता के इन प्रयासों में नगरपरिषद के सफाईकर्मियों का जज्बा भी देखते ही बनता है. नगरपरिषद के 40 से अधिक सफाईकर्मी ऐसे है जो की शहर की स्वच्छता को लेकर पिछले चार साल से रात को सोये नहीं है ओर उसी का ही नतीजा है की रात के समय सफाई के सर्वे में डूंगरपुर नगरपरिषद प्रदेश में सबसे आगे है. पेश है एक रिपोर्ट....
नगर परिषद डूंगरपुर ने स्वच्छ्ता से लेकर जल संरक्षण सभी क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य किये है. डूंगरपुर शहर की स्वच्छता आज देश में मिसाल बन चुकी है. यहां की स्वच्छ्ता की तारीफ देश के प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और मंत्री से लेकर अधिकारी तक कर चुके है और इसका श्रेय डूंगरपुर नगर परिषद की टीम और यहां के सफाई कर्मचारियों को जाता है. इनका काम शहर के लोगों को दिखाई नहीं देता, क्योंकि रात के अंधियारे में और कड़ाके की ठंड में जब समूचा शहर सो जाता है. इस दरम्यान 40 सफाई कर्मचारियों का कारवां रात 8 बजे हाथ में झाड़ू लेकर निकलता है. रात 3 बजे तक समूचा शहर चमकाने के बाद ही राहत की सांस लेते हैं. कोहरे की सर्द रात हो या फिर बारिश का मौसम, इनका यह समय चक्र पिछले 4 साल से एक दिन भी नहीं छूटा. उसी जज्बे का ही नतीजा है की प्रदेश में रात के समय सफाई के मामले में डूंगरपुर सबसे आगे चल रहा है.
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हर रोज तय होता है रूट, फिर होती है सफाई
डूंगरपुर नगर परिषद के आयुक्त नरपतसिंह राजपुरोहित रात के समय सफाई के बारे में बताते है कि नगर परिषद से रोजाना अधिकारियों द्वारा रूट तय किया जाता है जो तहसील चौराहे से लेकर हॉस्पीटल तक, हॉस्पीटल से लेकर बस स्टैंड तक, बस स्टैंड से लगाकर सिंटेक्स चौराहे का रूट रोजाना रात को सफाई के लिए तय होता है. आयुक्त ने बताया की इन सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी परिषद की है. इन्हें रात के वक्त किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए दो सुपरवाइजर साथ रहते हैं. इन्हीं सफाई कर्मचारियों की मेहनत से ही डूंगरपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में नंबर 1 लाना है.
गीले ओर सूखे कचरे का अलग-अलग कलेक्शन और निस्तारण
नगर परिषद आयुक्त ने बताया कि नगर परिषद की टीम की ओर से शहर में 10 हजार 500 घरो में डोर-टू डोर कचरा संग्रहण का कार्य भी किया जाता है. गीले और सूखे कचरे का कलेक्शन अलग-अलग किया जाता है. इसके बाद उनका निस्तारण भी अलग-अलग ही होता है. इसके अलावा पोलीथिन का उपयोग नहीं करने सहित स्वच्छता सर्वेक्षण के अलग-अलग पैरामीटर्स पर काम किया जा रहा है.
स्वच्छ्ता कर्मियों का सपना डूंगरपुर आए नंबर 1
सफाईकर्मियों के अपने काम के प्रति समर्पित भाव के चलते ही आज शहर को स्वच्छता और पर्यटन का तमगा हासिल हुआ है. खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी डूंगरपुर शहर की स्वच्छता की तारीफ़ अपने भाषणों में कर चुके है. इधर शहर की स्वच्छता के प्रहरी बने इन सफाई कर्मियों का कहना है की सफाई करना ही हमारा काम है अब इसमें क्या देखना कि दिन हो या रात, काम करेंगे तो शहर को इनाम मिलेगा और स्वच्छता कर्म है, इसी कर्म के बूते स्वच्छता का फल मिलेगा. डूंगरपुर को यदि स्वच्छता लक्ष्य में नंबर 1 की जगह मिलती है तो इस गौरव को पाने के लिए हम दो गुनी मेहनत करने को तैयार है.
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दिन-रात सफाई पर काम, अव्वल आने की होड़
प्रदेश की डूंगरपुर नगर परिषद स्वच्छता काे लेकर दिन रात काम कर रही है. सभी का एक लक्ष्य है की इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में डूंगरपुर शहर को देश में नंबर वन बनाना है. खेर अब देखना होगा कि डूंगरपुर नगरपरिषद और स्वच्छता के प्रहरी इन सफाईकर्मियों की मेहनत कितना रंग स्वच्छता सर्वेक्षण में दिखा पाते हैं.