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स्पेशल: डूंगरपुर में तकनीकी शिक्षा का बंटाधार, संविदा शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रही ITI में 85 फीसदी पद खाली - डूंगरपुर न्यूज

डूंगरपुर जिले में संचालित तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान स्थाई अनुदेशकों की कमी में अव्यवस्था की मार झेल रहा है. स्थाई अनुदेशकों के ना होने पर संविदा शिक्षकों के भरोसे छात्रों का भविष्य टिका हुआ है. वहीं जिले के अन्य आईटीआई भवन, उपकरण और शिक्षकों के बिना ही संचालित हो रहे हैं.

dungarpur iti running without faculty, डूंगरपुर आईटीआई की खबर
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Published : Nov 18, 2019, 1:12 PM IST

डूंगरपुर. आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में तकनीकी शिक्षा का बंटाधार हो गया है और तकनीकी शिक्षा के सपने देख रहे बच्चों का भविष्य अंधकारमय है. डूंगरपुर आईटीआई में 85 प्रतिशत तकनीकी शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. वहीं तकनीकी शिक्षा प्रदान करने का काम संविदा अनुदेशक शिक्षकों के भरोसे ही चल रही है.

बता दें कि आईटीआई डूंगरपुर में कुल 13 ट्रेड में कुल 440 विद्यार्थी अध्ययनरत है. इसके अलावा 4 ब्रिज कोर्स भी चल रहे है, जिनमें कुल 34 शिक्षक अनुदेशक के पद स्वीकृत है. लेकिन इसकी जगह 1 समूह अनुदेशक के अलावा 4 शिक्षक अनुदेशक ही नियमित कार्यरत हैं.

संविदा शिक्षकों के भरोसे आईटीआई

वहीं खाली पड़े 29 पदों में से 21 संविदा कार्मिक लगे हुए हैं, जो पढ़ाई के अलावा विभिन्न कार्य कर रहे हैं. खाली पदों और संविदा कार्मिकों के चलते विद्यार्थियों के सालभर का कोर्स भी पूरा नहीं हो पा रहा है. वहीं प्रैक्टिकल कक्षाएं भी विधिवत नहीं लग पा रही हैं.

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आईटीआई डूंगरपुर का हाल-बेहाल

आईटीआई डूंगरपुर में कुल 13 ट्रेड संचालित हैं, जिसमें फिटर, इलेक्ट्रिशियन, वायर मैन, टर्नर, मोटर मैकेनिक व्हीकल, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, डीजल मैकेनिक, प्लम्बर, सिलाई, वेल्डर, हिंदी स्टेनो, ड्राइविंग कम मैकेनिक और कोपा की ट्रेड है. प्रत्येक ट्रेड में 2-2 शिक्षक अनुदेशक के पद स्वीकृत हैं. लेकिन केवल 4 पद ही नियमित रूप से भरे हुए हैं. इसके अलावा ब्रिज कोर्स के रूप में ड्रॉइंग, वर्कशॉप कैलकुलेशन, लायबिलिटी स्किल, आईटी लैब संचालित हैं, जिनके लिए 1-1 शिक्षक अनुदेशक के स्वीकृत हैं, लेकिन ये सभी पद भी खाली हैं.

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आठ नए आईटीआई, लेकिन एक में भी शिक्षक अनुदेशक नहीं

तत्कालीन राज्य सरकार ने जिले में साल 2014-15 में 7 नए आईटीआई खोले. इनमें झोथरी, सीमलवाड़ा, चिखली, गलियाकोट, बिछीवाड़ा, दोवड़ा, आसपुर आईटीआई है. इसके बाद साल 2017-2018 में साबला में आईटीआई की घोषणा की गई. लेकिन 5 साल बाद भी इसमे से एक भी आईटीआई का अभी तक भवन तैयार नहीं हुआ है.

वहीं इन 7 आईटीआई में बिना भवन, बिना उपकरण और बिना तकनीकी शिक्षकों के ही छात्रों को एडमिशन भी दे दी गई. सातों आईटीआई में 1-1 यूनिट खोलकर उनमें 21-21 बच्चों को एडमिशन दे दिया. लेकिन पढ़ाने के लिए उनके भवन नहीं होने से छात्रों को डूंगरपुर और सागवाड़ा आईटीआई में कैम्प लगाकर पढ़ाया जाने लगा. इन सभी 7 आईटीआई में प्रत्येक में 10-10 पोस्ट स्वीकृत हैं. लेकिन एक भी शिक्षक अनुदेशक नहीं है. ऐसे में संविदा कार्मिक के द्वारा ही छात्रों को पढ़ाया जा रहा है.

डूंगरपुर. आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में तकनीकी शिक्षा का बंटाधार हो गया है और तकनीकी शिक्षा के सपने देख रहे बच्चों का भविष्य अंधकारमय है. डूंगरपुर आईटीआई में 85 प्रतिशत तकनीकी शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. वहीं तकनीकी शिक्षा प्रदान करने का काम संविदा अनुदेशक शिक्षकों के भरोसे ही चल रही है.

बता दें कि आईटीआई डूंगरपुर में कुल 13 ट्रेड में कुल 440 विद्यार्थी अध्ययनरत है. इसके अलावा 4 ब्रिज कोर्स भी चल रहे है, जिनमें कुल 34 शिक्षक अनुदेशक के पद स्वीकृत है. लेकिन इसकी जगह 1 समूह अनुदेशक के अलावा 4 शिक्षक अनुदेशक ही नियमित कार्यरत हैं.

संविदा शिक्षकों के भरोसे आईटीआई

वहीं खाली पड़े 29 पदों में से 21 संविदा कार्मिक लगे हुए हैं, जो पढ़ाई के अलावा विभिन्न कार्य कर रहे हैं. खाली पदों और संविदा कार्मिकों के चलते विद्यार्थियों के सालभर का कोर्स भी पूरा नहीं हो पा रहा है. वहीं प्रैक्टिकल कक्षाएं भी विधिवत नहीं लग पा रही हैं.

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आईटीआई डूंगरपुर का हाल-बेहाल

आईटीआई डूंगरपुर में कुल 13 ट्रेड संचालित हैं, जिसमें फिटर, इलेक्ट्रिशियन, वायर मैन, टर्नर, मोटर मैकेनिक व्हीकल, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, डीजल मैकेनिक, प्लम्बर, सिलाई, वेल्डर, हिंदी स्टेनो, ड्राइविंग कम मैकेनिक और कोपा की ट्रेड है. प्रत्येक ट्रेड में 2-2 शिक्षक अनुदेशक के पद स्वीकृत हैं. लेकिन केवल 4 पद ही नियमित रूप से भरे हुए हैं. इसके अलावा ब्रिज कोर्स के रूप में ड्रॉइंग, वर्कशॉप कैलकुलेशन, लायबिलिटी स्किल, आईटी लैब संचालित हैं, जिनके लिए 1-1 शिक्षक अनुदेशक के स्वीकृत हैं, लेकिन ये सभी पद भी खाली हैं.

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आठ नए आईटीआई, लेकिन एक में भी शिक्षक अनुदेशक नहीं

तत्कालीन राज्य सरकार ने जिले में साल 2014-15 में 7 नए आईटीआई खोले. इनमें झोथरी, सीमलवाड़ा, चिखली, गलियाकोट, बिछीवाड़ा, दोवड़ा, आसपुर आईटीआई है. इसके बाद साल 2017-2018 में साबला में आईटीआई की घोषणा की गई. लेकिन 5 साल बाद भी इसमे से एक भी आईटीआई का अभी तक भवन तैयार नहीं हुआ है.

वहीं इन 7 आईटीआई में बिना भवन, बिना उपकरण और बिना तकनीकी शिक्षकों के ही छात्रों को एडमिशन भी दे दी गई. सातों आईटीआई में 1-1 यूनिट खोलकर उनमें 21-21 बच्चों को एडमिशन दे दिया. लेकिन पढ़ाने के लिए उनके भवन नहीं होने से छात्रों को डूंगरपुर और सागवाड़ा आईटीआई में कैम्प लगाकर पढ़ाया जाने लगा. इन सभी 7 आईटीआई में प्रत्येक में 10-10 पोस्ट स्वीकृत हैं. लेकिन एक भी शिक्षक अनुदेशक नहीं है. ऐसे में संविदा कार्मिक के द्वारा ही छात्रों को पढ़ाया जा रहा है.

Intro:डूंगरपुर। आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में तकनीकी शिक्षा का बंटाढार हो गया है और तकनीकी शिक्षा के सपने देख रहे बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। इसका कारण है डूंगरपुर आईटीआई में 85 प्रतिशत तकनीकी शिक्षकों के पद खाली पड़े है। यूं कहें कि तकनीकी शिक्षा संविदा अनुदेशक शिक्षकों के भरोसे ही चल रही है तो भी कोई अतिश्योक्ति नहीं।


Body:डूंगरपुर आईटीआई में शिक्षा के साथ ही शिक्षक अनुदेशकों के हाल जानने ईटीवी भारत की टीम पंहुची तो चौकाने वाली बातें सामने आई। आईटीआई में तकनीकी शिक्षा को लेकर प्रवेश लेने वाले बच्चों को यहां पढ़ाने वाले ही नहीं है तो ऐसे में उन्हें कैसे अच्छी तकनीकी शिक्षा मिलेगी इस पर भी कई सवाल खड़े हो रहे है। ईटीवी भारत ने आईटीआई में हर ट्रेड के बारे में जानकारी ली और उनमें पढ़ाने वाले शिक्षक अनुदेशक के बारे में पता किया तो 85 प्रतिशत पद खाली पड़े है तो उनकी जगह संविदा पर शिक्षक लगाकर पढ़ाई करवाई जा रही है।
आईटीआई डूंगरपुर में कुल 13 ट्रेड में कुल 440 विद्यार्थी अध्ययनरत है। इसके अलावा 4 ब्रिज कोर्स भी चल रहे है, जिनमे कुल 34 शिक्षक अनुदेशक के पद स्वीकृत है, लेकिन इसकी जगह 1 समूह अनुदेशक के अलावा 4 शिक्षक अनुदेशक ही नियमित कार्यरत है। वहीं खाली पड़े 29 पदों में से 21 संविदा कार्मिक लगे हुए है, जो पढ़ाई के अलावा विभिन्न कार्य कर रहे है। खाली पदों और संविदा कार्मिकों के चलते विद्यार्थियों के सालभर का कोर्स भी पूरा नहीं हो पा रहा है। वहीं प्रैक्टिकल कक्षाएं भी विधिवत नहीं लग पा रही है तो ऐसे में विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा कैसे प्राप्त कर सकेंगे ऐसे कई सवाल खड़े हो रहे है।

- आइए जानते है क्या है पदों का हाल
आईटीआई डूंगरपुर में कुल 13 ट्रेड संचालित है। जिसमे फिटर, इलेक्ट्रिशियन, वायरमैन, टर्नर, मोटर मैकेनिक व्हीकल, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, डीजल मैकेनिक, प्लम्बर, सिलाई, वेल्डर, हिंदी स्टेनो, ड्राइविंग कम मैकेनिक और कोपा की ट्रेड संचालित है। प्रत्येक ट्रेड में 2-2 शिक्षक अनुदेशक के पद स्वीकृत है, लेकिन केवल 4 पद ही नियमित रूप से भरे हुए है। इसके अलावा ब्रिज कोर्स के रूप में ड्रॉइंग, वर्कशॉप कैलकुलेशन, लायबिलिटी स्किल, आईटी लैब संचालित है। इसमे भी एक -एक शिक्षक अनुदेशक के स्वीकृत है, लेकिन यह भी सभी खाली है।

- आठ नए आईटीआई, लेकिन एक में भी शिक्षक अनुदेशक नहीं
तत्कालीन राज्य सरकार ने जिले में वर्ष 2014-15 में 7 नए आईटीआई खोले। इनमें झोथरी, सीमलवाड़ा, चिखली, गलियाकोट, बिछीवाड़ा, दोवड़ा, आसपुर आईटीआई है। इसके बाद वर्ष 2017-2018 में साबला में आईटीआई की घोषणा की गई। लेकिन 5 साल बाद भी इसमे से एक भी आईटीआई का अभी तक भवन तैयार नहीं हुआ है। इतना ही नही सरकार को इतनी जल्दी थी 7 आईटीआई में बिना भवन, बिना उपकरण और बिना तकनीकी शिक्षकों के ही छात्रों को एडमिशन भी दे दिए। 7 आईटीआई में 1-1 यूनिट खोलकर उनमें 21-21 बच्चो को एडमिशन दे दिया। लेकिन पढ़ाने के लिए उनके भवन नहीं होने से छात्रों को डूंगरपुर व सागवाड़ा आईटीआई में कैम्प लगाकर पढ़ाया जाने लगा। इन 7 आईटीआई में प्रत्येक में 10-10 पोस्ट स्वीकृत है, लेकिन एक भी शिक्षक अनुदेशक नहीं है तो इनमें भी संविदा कार्मिक लगाकर ही पढ़ाई करवाई जा रही है।

- कैसे होगा सपना साकार
आईटीआई में 85 फीसदी से ज्यादा पद खाली है, जबकि सरकार तकनीकी शिक्षा पर जोर देने की बात कर रही, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। अब देखना होगा कि सरकार बच्चों की पढ़ाई को लेकर आईटीआई में नियमित शिक्षक अनुदेशकों की भर्ती कर पाती है या फिर ढर्रा ऐसे ही चलता रहेगा।

बाईट- संजयसिंह पटेल, अधीक्षक आईटीआई डूंगरपुर।



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