डूंगरपुर. जिले की वन संपदा को आग से बचाने के लिए अब विभाग ने योजना तैयार की है. इसके लिए वन विभाग ने सभी वन रक्षकों को अपने-अपने वन क्षेत्र में अलर्ट रहने के निर्देश दिए है. वहीं वन विभाग दमकल विभाग के साथ तालमेल के साथ काम करेगा. जिससे आग लगने पर तुरंत बुझाने की कार्रवाई भी की जा सके.
जिले के साबला वन क्षेत्र में पिछले दिनों भयंकर आग लगी, जिससे करीब 2 किलोमीटर से ज्यादा का वन क्षेत्र जलकर राख हो गया. वहीं वरदा थाना क्षेत्र में भेड़ माता मंदिर जंगल, शहर के धनमाता की पहाड़ी पर स्थित जंगल में पिछले दिनों आग लगने की घटनाएं घटित हुई है. इससे सबसे बड़ा नुकसान जंगल और पर्यावरण को हुआ है. वहीं कई पशु, पक्षियों का बसेरा भी आग की भेंट चढ़ गया. जंगल मे आग जैसी घटनाओं से सबक लेते हुए वन विभाग अब जंगल को बचाने में जुट गया है.
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जिला वन अधिकारी सुपोंग शशि ने बताया कि जिले के सभी वन अधिकारियों और वन रक्षकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. गर्मी का असर बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं हो रही है. इससे जंगलों को बचाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि जिले के सभी वनखंडों में वन रक्षकों को उनके वन क्षेत्र में नजर रखने के निर्देश हैं. इसके साथ ही उनके वन क्षेत्र में जलस्त्रोत की स्थिति पर भी निगरानी रखी जाएगी. जंगल मे आग लगते ही प्रारंभिक तौर पर उसे तुरंत बुझाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा बड़ी आग जैसी घटना की संभावना पर तुरंत विभागीय अधिकारियों से समन्वय करने के निर्देश दिए हैं.
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डीएफओ ने बताया कि जिला स्तर, प्रशासन और दमकल विभाग के साथ तालमेल से काम करते हुए आग लगने और तुरंत दमकल मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का काम करेगा, जिससे समय रहते जगंल को बचाया जा सके.
पहाड़ और नदी नाले वाले क्षेत्रों में आग बुझाना मुश्किल
डीएफओ ने बताया कि डूंगरपुर जिले में भौगोलिक स्थितियां काफी अलग है. अधिकतर जंगल क्षेत्र पहाड़ियों पर है, जहां वाहन या दमकल का जाना मुश्किल है. ऐसी स्थिति में अगर पहाड़ियों पर आग लग जाती है तो वहां तक दमकल नहीं पंहुच पाती है. ऐसी ही परेशानी साबला वन क्षेत्र में आई थी. ऐसे हालातों से निबटने के लिए वन अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए अलग से योजना बनाई जा रही है, जिससे पहाड़ों के वन क्षेत्र में भी आग की घटनाओं को रोका जा सके.