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डूंगरपुर: कोरोना से मौतों की बढ़ती संख्या पर कलेक्टर ने जताई चिंता, युवाओं से अपील- समय रहते जांच और इलाज करवाएं - District Collector inspects covid Hospital

डूंगरपुर में कोरोना काल बनता जा रहा है. रोजोना यहां 10 मौतें हो रही हैं. शुक्रवार को जिला कलेक्टर ने कोविड अस्पताल को निरीक्षण किया और हालात पर चिंता जताते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की.

डूंगरपुर में कोरोना, लोगों से गाइडलाइन की पालना की अपील, Corona in Dungarpur,  10 deaths daily from Corona in Dungarpur, District Collector inspects covid Hospital
जिला कलेक्टर ने किया कोविड अस्पताल का निरीक्षण
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Published : Apr 30, 2021, 3:42 PM IST

डूंगरपुर. जिले में कोरोना संक्रमण जानलेवा बन चुका है. कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी अब बढ़ता जा रहा है. इसमें खासकर युवा वर्ग कोरोना और फेफड़ों में संक्रमण के कारण मौत के शिकार हो रहे हैं. इसकी असली वजह समय पर कोरोना की जांच नहीं करवाने के साथ ही इलाज में देरी भी बताई जा रही है. ऐसे में प्रशासन युवाओं से परेशानी होने पर जांच करवाने के लिए आगे आने की अपील कर रहा है.

जिला कलेक्टर ने किया कोविड अस्पताल का निरीक्षण

पढ़ें: कोरोना संक्रमण रोकने के लिए और सख्त हो जन अनुशासन पखवाड़े की गाइडलाइन : CM गहलोत

जिले के कोविड अस्पताल में इन दिनों प्रतिदिन औसत 10 मौतें हो रही हैं. बड़ी संख्या में हो रही मौतों पर जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने चिंता जताई है. कलेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कोविड अस्पताल के पोजेटिव वार्ड में रोजाना 1 या 2 मौत हो रही हैं. वहीं आइसोलेशन वार्ड में भर्ती ऐसे मरीज जिनकी कोरोना रिपोर्ट आना बाकी है, वहां से ज्यादा मौतें हो रही हैं.

कलेक्टर सुरेश कुमार ने इसका कारण लोगों का लापरवाह होना बताया है. उन्होंने कहा कि लोग बीमार होने के बाद कोरोना जांच कराए बिना ही घरों में इलाज करवा रहे हैं तथा ऑक्सीजन लेवल 40-50 हो जाने के बाद हॉस्पिटल में आ रहे हैं. ऐसे में पहले से गंभीर हालत में भर्ती होने के कारण मरीज की 12 से 30 घंटों में ही मौत हो जा रही है. जिला कलेक्टर ने जिले की जनता से अपील की है कि कोरोना के हल्के लक्षण आते ही चिकित्सक से परामर्श लें और सांस लेने में जरा सी भी तकलीफ होने पर जिला अस्पताल में भर्ती हो जाएं ताकि समय रहते इलाज कर उनकी जान बचाई जा सके.

डूंगरपुर. जिले में कोरोना संक्रमण जानलेवा बन चुका है. कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी अब बढ़ता जा रहा है. इसमें खासकर युवा वर्ग कोरोना और फेफड़ों में संक्रमण के कारण मौत के शिकार हो रहे हैं. इसकी असली वजह समय पर कोरोना की जांच नहीं करवाने के साथ ही इलाज में देरी भी बताई जा रही है. ऐसे में प्रशासन युवाओं से परेशानी होने पर जांच करवाने के लिए आगे आने की अपील कर रहा है.

जिला कलेक्टर ने किया कोविड अस्पताल का निरीक्षण

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जिले के कोविड अस्पताल में इन दिनों प्रतिदिन औसत 10 मौतें हो रही हैं. बड़ी संख्या में हो रही मौतों पर जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने चिंता जताई है. कलेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कोविड अस्पताल के पोजेटिव वार्ड में रोजाना 1 या 2 मौत हो रही हैं. वहीं आइसोलेशन वार्ड में भर्ती ऐसे मरीज जिनकी कोरोना रिपोर्ट आना बाकी है, वहां से ज्यादा मौतें हो रही हैं.

कलेक्टर सुरेश कुमार ने इसका कारण लोगों का लापरवाह होना बताया है. उन्होंने कहा कि लोग बीमार होने के बाद कोरोना जांच कराए बिना ही घरों में इलाज करवा रहे हैं तथा ऑक्सीजन लेवल 40-50 हो जाने के बाद हॉस्पिटल में आ रहे हैं. ऐसे में पहले से गंभीर हालत में भर्ती होने के कारण मरीज की 12 से 30 घंटों में ही मौत हो जा रही है. जिला कलेक्टर ने जिले की जनता से अपील की है कि कोरोना के हल्के लक्षण आते ही चिकित्सक से परामर्श लें और सांस लेने में जरा सी भी तकलीफ होने पर जिला अस्पताल में भर्ती हो जाएं ताकि समय रहते इलाज कर उनकी जान बचाई जा सके.

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