डूंगरपुर. जिले में कोरोना संक्रमण जानलेवा बन चुका है. कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी अब बढ़ता जा रहा है. इसमें खासकर युवा वर्ग कोरोना और फेफड़ों में संक्रमण के कारण मौत के शिकार हो रहे हैं. इसकी असली वजह समय पर कोरोना की जांच नहीं करवाने के साथ ही इलाज में देरी भी बताई जा रही है. ऐसे में प्रशासन युवाओं से परेशानी होने पर जांच करवाने के लिए आगे आने की अपील कर रहा है.
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जिले के कोविड अस्पताल में इन दिनों प्रतिदिन औसत 10 मौतें हो रही हैं. बड़ी संख्या में हो रही मौतों पर जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने चिंता जताई है. कलेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कोविड अस्पताल के पोजेटिव वार्ड में रोजाना 1 या 2 मौत हो रही हैं. वहीं आइसोलेशन वार्ड में भर्ती ऐसे मरीज जिनकी कोरोना रिपोर्ट आना बाकी है, वहां से ज्यादा मौतें हो रही हैं.
कलेक्टर सुरेश कुमार ने इसका कारण लोगों का लापरवाह होना बताया है. उन्होंने कहा कि लोग बीमार होने के बाद कोरोना जांच कराए बिना ही घरों में इलाज करवा रहे हैं तथा ऑक्सीजन लेवल 40-50 हो जाने के बाद हॉस्पिटल में आ रहे हैं. ऐसे में पहले से गंभीर हालत में भर्ती होने के कारण मरीज की 12 से 30 घंटों में ही मौत हो जा रही है. जिला कलेक्टर ने जिले की जनता से अपील की है कि कोरोना के हल्के लक्षण आते ही चिकित्सक से परामर्श लें और सांस लेने में जरा सी भी तकलीफ होने पर जिला अस्पताल में भर्ती हो जाएं ताकि समय रहते इलाज कर उनकी जान बचाई जा सके.