डूंगरपुर. कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने बुधवार को जिले में कोरोना के हालातों पर पत्रकारों को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिले में करीब 1500 कोरोना संक्रमित मरीज हैं. पिछले दिनों शादियों की वजह से अचानक संक्रमण के साथ मरीजों की संख्या भी बढ़ी है.
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कलेक्टर ने गांवों में 30 से 45 वर्ष के युवाओं की मौत पर चिंता जाहिर करते हुए बताया कि इसकी सबसे बड़ी वजह गांवों में लोगों की ओर से बरती जा रही लापरवाही है. खासकर युवा वर्ग बुखार, सर्दी-जुकाम या खासी की शिकायत होने पर उसे हल्के में ले रहा है और डॉक्टर को दिखाने की बजाय घर पर दवाई ले रहा है, जिससे कई बार उनकी तबियत ज्यादा खराब हो जाती है. ऑक्सीजन लेवल 60 ओर 70 से भी नीचे चला जाता है और उस समय अस्पताल में आने के कारण भर्ती होते ही उनकी मौत हो जाती है. कलेक्टर ने ऐसी स्थिति से बचने के लिए युवाओं को किसी भी तरह के लक्षण नजर आते ही तुरंत ही पास के असपताल में डॉक्टर को दिखाने की अपील की है. साथ ही डॉक्टर की ओर से दी गई दवाई या जांच करवाने की अपील की है.
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कलेक्टर ने कहा कि गांवों में कोरोना का लेकर आज भी अजीब डर है. उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच करवाने या पॉजिटिव आना कोई बुरी बात नहीं है, इससे व्यक्ति को समय पर इलाज मिल सकता है और उसकी जान बचाई जा सकती है.
कोविड अस्पताल में 100 बेड खाली और 100 ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध
कलेक्टर ने बताया कि जिला कोविड अस्पताल में 305 बेड की क्षमता है, लेकिन 200 मरीज ही भर्ती है. 100 बेड अब भी खाली हैं. वहीं, 100 ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध है. मरीजों के इलाज के लिए इंतजाम में कोई कमी नहीं है, लेकिन जिस तरह से मौतें हो रही हैं, ये सबसे बड़ी चिंता की बात है.