डूंगरपुर. जिला मुख्यालय पर स्थित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के तीरंदाजी कोर्ट में असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ करने और आगजनी का मामला सामने आया है. इसके बाद तीरंदाजी कोर्ट को भारी नुकसान हुआ है. वहीं इस घटना के बाद तीरंदाजों आक्रोश है और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
डूंगरपुर की जमीन ने स्व. जयंतीलाल ननोमा और नरेश डामोर जैसी वो अंतराष्ट्रीय शख्सीयतें दी हैं, जिनके बूते यहां की तीरंदाजी को नया मुकाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर कायम हो सका. अभावों में प्रशिक्षण लेकर ओलंपिक मेडल लेने वाले खिलाड़ियों ने काफी प्रयासों से यहां तीरंदाजी कॉम्पलेक्स का निर्माण पूर्ववती भाजपा सरकार के समय शुरू कराया तो राज बदलने के साथ ही बजट के अभाव में यह काम रुक गया. अब तक मौके पर जो कमरे और ट्रेनिंग एरिया तैयार किया गया है, वह कोच जयंतीलाल की हादसे में मौत के बाद से सुनसान और खाली पड़ा है.
अब यहां स्थाई रूप से कोई खिलाड़ी नहीं रहते और रात में असामाजिक तत्वों ने तीरंदाजी कोर्ट के दरवाजे तोड़ दिए हैं. दीवारों, दरवाजों सहित टॉयलेटस, खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के बेशकीमती सामान भी असामाजिक तत्वों ने जला दिया है. साथ ही पूरे परिसर में शराब की फूटी बोतलें बिखरी है और दीवारों पर अश्लील गालियां लिखकर पूरे परिसर की गरिमा को दागदार कर दिया है.
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तीरंदाजी कॉम्पलेक्स में विशेष रूप से छात्राएं रोजाना प्रशिक्षण व प्रेक्टिस के लिए आती है, लेकिन पिछले तोड़फोड़ व आगजनी जैसी घटनाओं से आक्रोशित है. यहां तक कि अमाजिक तत्वों ने ओलंपियन स्व. जयंतीलाल की तस्वीर को भी नुकसान पहुंचाया, जिससे खिलाड़ियों में रोष व्याप्त है. खिलाड़ियो ने जलाई गई खेल सामग्री की जगह नई खेल सामग्री दिलाए जाने की मांग राज्य सरकार से की है. साथ ही परिसर में स्थाई चौकीदार और नियमित पुलिस गश्त की मांग रखी है.
जनजाति बहुल डूंगरपुर जिले की खेल प्रतिभाओं के लिए राज्य सरकार ने भले ही तीरंदाजी अकादमी का सपना साकार करने का बजट दिया हो, लेकिन जो पैसा अब तक तीरंदाजी कॉम्पलेक्स के लिए खर्चकर एक सकारात्मक माहौल जनजाति बालाओं में तैयार किया है. उसे बनाए रखने के लिए सबसे पहले सुरक्षित माहौल और जलाए गए खेल के बेशकीमती सामान की कमी को पूरा करने की जरूरत है.