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आदिवासी समाज की मांग, प्रशासनिक सेवाओं में ST आरक्षण में से TSP को मिले अलग से 50% आरक्षण

प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाका डूंरपुर जिले सहित टीएसपी क्षेत्र के आदिवासी समाज में आरक्षण की मांग जोर पकड़ने लगी है. इसी के तहत प्रदेश में एसटी वर्ग को प्रशासनिक सेवाओं में दिए जा रहे आरक्षण में से पृथक से 50 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर डूंगरपुर शहर की वागड़ गांधी वाटिका में डूंगरपुर जिले के विभिन्न आदिवासी संगठन जुटे. आदिवासी संगठनों की बैठक में सभी ने प्रदेश में एसटी वर्ग को प्रशासनिक सेवाओं में दिए जा रहे 12 फीसदी आरक्षण में से टीएसपी के आदिवासियों को पृथक से 6 फीसदी अलग से दिए जाने की मांग उठाई.

Demand for tribal society on reservation
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Published : Jul 29, 2019, 5:24 PM IST

डूंगरपुर. प्रदेश में टीएसपी क्षेत्र के आदिवासी समाज में आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर से आग सुलगने लगी है. टीएसपी क्षेत्र के आदिवासियों की मांग है कि एसटी वर्ग को प्रशासनिक सेवाओं में दिए जा रहे 12 फीसदी आरक्षण में से टीएसपी के आदिवासियों को 6 फीसदी अलग से दिया जाए.

दरअसल, प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाका डूंरपुर जिले सहित टीएसपी क्षेत्र के आदिवासी समाज में आरक्षण की मांग जोर पकड़ने लगी है. इसी के तहत प्रदेश में एसटी वर्ग को प्रशासनिक सेवाओं में दिए जा रहे आरक्षण में से पृथक से 50 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर डूंगरपुर शहर की वागड़ गांधी वाटिका में डूंगरपुर जिले के विभिन्न आदिवासी संगठन जुटे. आदिवासी संगठनों की बैठक में सभी ने प्रदेश में एसटी वर्ग को प्रशासनिक सेवाओं में दिए जा रहे 12 फीसदी आरक्षण में से टीएसपी के आदिवासियों को पृथक से 6 फीसदी अलग से दिए जाने की मांग उठाई.

आरक्षण को लेकर आदिवासी समाज की मांग

यह भी पढ़ेंः कीटनाशक पीने से दुकानदार की मौत, कारणों का खुलासा नहीं

बैठक में पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, पूर्व विधायक सुरेंद्र बामनिया, प्रधान मंजुला रोत, आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष रूपलाल डामोर और आदिवासी संघ के अध्यक्ष सुंदरलाल परमार ने कहा कि एसटी वर्ग को दिए गए आरक्षण का लाभ आज़ादी के बाद से ही नॉन टीएसपी क्षेत्र के मीना वर्ग लेते रहे हैं, इसी कारण आज भी क्षेत्र के लोगों की प्रशानिक सेवाओ में संख्या कम है.

वहीं, वक्ताओं ने कहा कि एसटी वर्ग की आधी आबादी टीएसपी क्षेत्र में निवास करती है. ऐसे में आधा आरक्षण यहां के आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए. इस मौके पर पूर्व सांसद भगोरा ने कहा इस आन्दोलन की शुरुआत आदिवासी संगठनों की ओर से डूंगरपुर जिले से हुई है और इसके बाद संभाग के सभी जिलों में इस तरह की बैठकें होंगी. इधर बैठक के बाद आदिवासी संगठनों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और जल्द ही पृथक से एसटी आरक्षण में से 50 फीसदी आरक्षण की मांग की है.

डूंगरपुर. प्रदेश में टीएसपी क्षेत्र के आदिवासी समाज में आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर से आग सुलगने लगी है. टीएसपी क्षेत्र के आदिवासियों की मांग है कि एसटी वर्ग को प्रशासनिक सेवाओं में दिए जा रहे 12 फीसदी आरक्षण में से टीएसपी के आदिवासियों को 6 फीसदी अलग से दिया जाए.

दरअसल, प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाका डूंरपुर जिले सहित टीएसपी क्षेत्र के आदिवासी समाज में आरक्षण की मांग जोर पकड़ने लगी है. इसी के तहत प्रदेश में एसटी वर्ग को प्रशासनिक सेवाओं में दिए जा रहे आरक्षण में से पृथक से 50 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर डूंगरपुर शहर की वागड़ गांधी वाटिका में डूंगरपुर जिले के विभिन्न आदिवासी संगठन जुटे. आदिवासी संगठनों की बैठक में सभी ने प्रदेश में एसटी वर्ग को प्रशासनिक सेवाओं में दिए जा रहे 12 फीसदी आरक्षण में से टीएसपी के आदिवासियों को पृथक से 6 फीसदी अलग से दिए जाने की मांग उठाई.

आरक्षण को लेकर आदिवासी समाज की मांग

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बैठक में पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, पूर्व विधायक सुरेंद्र बामनिया, प्रधान मंजुला रोत, आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष रूपलाल डामोर और आदिवासी संघ के अध्यक्ष सुंदरलाल परमार ने कहा कि एसटी वर्ग को दिए गए आरक्षण का लाभ आज़ादी के बाद से ही नॉन टीएसपी क्षेत्र के मीना वर्ग लेते रहे हैं, इसी कारण आज भी क्षेत्र के लोगों की प्रशानिक सेवाओ में संख्या कम है.

वहीं, वक्ताओं ने कहा कि एसटी वर्ग की आधी आबादी टीएसपी क्षेत्र में निवास करती है. ऐसे में आधा आरक्षण यहां के आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए. इस मौके पर पूर्व सांसद भगोरा ने कहा इस आन्दोलन की शुरुआत आदिवासी संगठनों की ओर से डूंगरपुर जिले से हुई है और इसके बाद संभाग के सभी जिलों में इस तरह की बैठकें होंगी. इधर बैठक के बाद आदिवासी संगठनों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और जल्द ही पृथक से एसटी आरक्षण में से 50 फीसदी आरक्षण की मांग की है.

Intro:डूंगरपुर। प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले सहित टीएसपी क्षेत्र के आदिवासी समाज में आरक्षण की मांग को एक बार फिर आग सुलगने लगी है।Body:मामला प्रदेश में एस टी वर्ग से जुड़े आरक्षण से है। इसी के तहत प्रदेश में एसटी वर्ग को प्रशासनिक सेवाओं में दिए जा रहे आरक्षण में से पृथक से 50 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर डूंगरपुर शहर की वागड़ गांधी वाटिका में डूंगरपुर जिले के विभिन्न आदिवासी संगठन जुटे | आदिवासी संगठनो की बैठक में सभी ने प्रदेश में एस टी वर्ग को प्रशासनिक सेवाओं में दिए जा रहे 12 फीसदी आरक्षण में से टीएसपी के आदिवासियों को पृथक से 6 फीसदी अलग से दिए जाने की मांग उठाई।
बैठक में पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, पूर्व विधायक सुरेंद्र बामनिया, प्रधान मंजुला रोत,आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष रूपलाल डामोर और आदिवासी संघ के अध्यक्ष सुंदरलाल परमार ने कहा कि एसटी वर्ग को दिए गए आरक्षण का लाभ आज़ादी के बाद से ही नॉन टीएसपी क्षेत्र के मीना वर्ग लेते रहे। इसी कारण आज भर क्षेत्र के लोगो की प्रशानिक सेवाओ में संख्या कम है।
वक्तों ने कहा कि एसटी वर्ग की आधी आबादी टीएसपी क्षेत्र में निवास करती है ऐसे में आधा आरक्षण यहां के आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए । इस मौके पर पूर्व सांसद भगोरा ने कहा इस आन्दोलन की शुरुआत आदिवासी संगठनो की ओर से डूंगरपुर जिले से हुई है और इसके बाद संभाग के सभी जिलों में इस तरह की बैठकें होंगी।
इधर बैठक के बाद आदिवासी संगठनो ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और जल्द ही पृथक से एसटी आरक्षण में से 50 फीसदी आरक्षण की मांग की है |

बाईट- ताराचंद भगोरा पूर्व सांसद बासंवाडा-डूंगरपुरConclusion:
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