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डूंगरपुर: आदिवासी जिलों में ईसाई धर्म अपना चुके आदिवासियों का आरक्षण समाप्त करने की मांग, सौंपा ज्ञापन

डूंगरपुर में ईसाई धर्म अपना चुके आदिवासियों को जनजाति वर्ग से मिलने वाला आरक्षण समाप्त करने की मांग की जा रही है. इसे लेकर जिले में जनजाति सुरक्षा मंच ने आवाज उठाते हुए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

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जिले में आदिवासियों को जनजाति वर्ग से मिलने वाला आरक्षण समाप्त करने की मांग
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Published : Oct 30, 2020, 12:39 PM IST

डूंगरपुर. प्रदेश के आदिवासी जिलों में ईसाई धर्म अपना चुके आदिवासी लोगों को जनजाति वर्ग से मिलने वाला आरक्षण समाप्त करने की मांग उठाई जा रही है. जिसे लेकर जिले में जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है.

जिले में आदिवासियों को जनजाति वर्ग से मिलने वाला आरक्षण समाप्त करने की मांग

राष्ट्रीय जनजाति सुरक्षा मंच के सदस्य लालूराम कटारा ने बताया कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जिले आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं. इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में दशकों से ईसाई मिशनरीज सक्रिय है और आदिवासियों का धर्मांतरण कराकर उन्हें ईसाई बनाया जा रहा है.

साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले दशकों में हजारो की संख्या में आदिवासियों ने ईसाई धर्म को अपना लिया है और ये सिलसिला लगातार जारी है. जनजाति सुरक्षा मंच ने बताया कि आदिवासी क्षेत्र में धर्म परिवर्तन कर चुके लोग अब भी जनजाति वर्ग को मिलने वाला आरक्षण और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. जिसके वे अब हकदार नहीं हैं.

पढ़ें: नागौर: वन विभाग के अधिकारियों ने सांभर झील क्षेत्र का किया निरीक्षण

कटारा ने बताया कि जनजाति सुरक्षा मंच लंबे समय से इस मुहिम को लेकर आवाज उठा रहा है. ताकि जनजाति वर्ग को मिलने वाला आरक्षण व अन्य लाभ कोई और न उठा सके. ज्ञापन में 1967 के अनुसूचित जाति व जनजाति विधेयक का हवाला देते हुए स्पष्ट किया गया है कि जिस व्यक्ति ने जनजाति अदिमत की ओर से विश्वासों का परित्याग कर देता है वो व्यक्ति जनजाति का सदस्य नहीं कहा जाएगा. इसलिए सरकार धर्मांतरण कर चुके लोगों को आरक्षण का लाभ समाप्त करें.

डूंगरपुर. प्रदेश के आदिवासी जिलों में ईसाई धर्म अपना चुके आदिवासी लोगों को जनजाति वर्ग से मिलने वाला आरक्षण समाप्त करने की मांग उठाई जा रही है. जिसे लेकर जिले में जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है.

जिले में आदिवासियों को जनजाति वर्ग से मिलने वाला आरक्षण समाप्त करने की मांग

राष्ट्रीय जनजाति सुरक्षा मंच के सदस्य लालूराम कटारा ने बताया कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जिले आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं. इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में दशकों से ईसाई मिशनरीज सक्रिय है और आदिवासियों का धर्मांतरण कराकर उन्हें ईसाई बनाया जा रहा है.

साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले दशकों में हजारो की संख्या में आदिवासियों ने ईसाई धर्म को अपना लिया है और ये सिलसिला लगातार जारी है. जनजाति सुरक्षा मंच ने बताया कि आदिवासी क्षेत्र में धर्म परिवर्तन कर चुके लोग अब भी जनजाति वर्ग को मिलने वाला आरक्षण और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. जिसके वे अब हकदार नहीं हैं.

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कटारा ने बताया कि जनजाति सुरक्षा मंच लंबे समय से इस मुहिम को लेकर आवाज उठा रहा है. ताकि जनजाति वर्ग को मिलने वाला आरक्षण व अन्य लाभ कोई और न उठा सके. ज्ञापन में 1967 के अनुसूचित जाति व जनजाति विधेयक का हवाला देते हुए स्पष्ट किया गया है कि जिस व्यक्ति ने जनजाति अदिमत की ओर से विश्वासों का परित्याग कर देता है वो व्यक्ति जनजाति का सदस्य नहीं कहा जाएगा. इसलिए सरकार धर्मांतरण कर चुके लोगों को आरक्षण का लाभ समाप्त करें.

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