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डूंगरपुर में मां के दुलार, पिता के प्यार से कोरोना से जंग जीत रहे मासूम

आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला मुंबई और गुजरात से प्रवासियों के लौटने के बाद कोरोना के ढ़ेर पर खड़ा हो गया और देखते ही देखते 16 मई के बाद ग्रीन जोन की ओर बढ़ रहा डूंगरपुर रेड जोन में आ गया. डूंगरपुर में वर्तमान में 355 कोरोना पॉजिटिव मरीज है, जिनमें कई मासूम बच्चें भी शामिल हैं. यह बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें इस बीमारी के बारे में कुछ पता तक नहीं.

डूंगरपुर न्यूज, कोरोना वायरस, dungarpur news, corona virus
मासूम बच्चों को मिल रहा माता-पिता का सहारा
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Published : May 31, 2020, 9:38 PM IST

डूंगरपुर. कहते है मां के आंचल और पिता के प्यार में वो ताकत है जिससे उनके जिगर के टुकड़े पर कोई आंच नहीं आए और यह कहावत सार्थक साबित हो रही है. जी हां डूंगरपुर में कोरोना पॉजिटिव मासूमों के लिए उनके माता-पिता कोरोना की जंग लड़ रहे है. ताकि उनके जिगर के टुकड़े को नई जिंदगी मिल सके और इसमें सफलता भी मिली है.

मासूम बच्चों को मिल रहा माता-पिता का सहारा

आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला मुंबई और गुजरात से प्रवासियों के लौटने के बाद कोरोना के ढ़ेर पर खड़ा हो गया और देखते ही देखते 16 मई के बाद ग्रीन जोन की ओर बढ़ रहा डूंगरपुर रेड जोन में आ गया. डूंगरपुर में वर्तमान में 355 कोरोना पॉजिटिव मरीज है, जिनमें कई मासूम बच्चें भी शामिल हैं. यह बच्चे ऐसे है जिन्हें इस बीमारी के बारे में कुछ पता तक नहीं. खेलने-कूदने की उम्र में कोरोना से बचाव की सावधानी कैसे रखे इसके लिए इन बच्चों की देखभाल करने उनके माता-पिता बच्चों के साथ ही कोविड-19 अस्पताल और कोविड केयर सेंटर में रहकर ही कोरोना के खिलाफ जंग में मासूमों के साथ खड़े है.

पढ़ेंः बीकानेरः कोरोना काल से ठप हुआ टेंट व्यवसाय

ईटीवी भारत की टीम इन सारी चीजों को जानने के लिए कोविड केयर सेंटर पहुंची. सुरपुर मॉडल स्कूल में स्थित कोविड केयर सेंटर में कुल 71 मरीज भर्ती है, जिसमें से 38 मरीजों की पहली सैंपल रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है. इसमें करीब 4 मासूम बच्चे हैं, जिनकी उम्र 10 माह से लेकर 5 साल के बीच है जो कोरोना से ग्रसित है और उनके माता-पिता इस लड़ाई में खुद खतरा मोल लेते हुए ख्याल रख रहे है. ईटीवी भारत ने ऐसे बच्चों के माता-पिता से भी बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि वे उनके बच्चों की अच्छे से देखभाल कर रहे है. इसके साथ ही उनके मासूम को डॉक्टरों की ओर से जो भी एडवाइज दी जाती है उनकी भी पालना करवा रहे हैं.

10 माह का मासूम ही पॉजिटिव, माता-पिता नेगेटिव

आंतरी निवासी एक दंपति अपने 10 साल के मासूम बेटे को लेकर पिछले दिनों मुंबई से लौटे. डूंगरपुर आते ही उन्हें कोरोना संदिग्ध मानते हुए सुरपुर कोविड केयर सेंटर में लाकर भर्ती कर लिया गया. इसके बाद मासूम के साथ ही उसके माता-पिता के सैंपल लिए गए, जिसमें चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई. माता-पिता नेगेटिव आए जबकि मां की गोद मे खेलने वाली 10 माह की मासूम कोरोना पॉजिटिव आ गई. मासूम की देखभाल के लिए दंपत्ति भी पॉजिटिव वार्ड में अपने मासूम बेटे के साथ कोरोना की जंग में शामिल हो गए.

पढ़ेंः भंवर लाल शर्मा को अंतिम विदाई देने आया कार्यकर्ता मिला कोरोना पॉजिटिव, बीजेपी में मचा हड़कंप

कोरोना पॉजिटिव मासूम के साथ रहने से नेगेटिव माता-पिता को भी सबसे बड़ा खतरा था, लेकिन वे अपने लाडले को बचाने में जुट गए. मासूम के इलाज के दौरान दंपति ने खुद का ख्याल रखा और डॉक्टरों की सलाह के अनुसार दवाई ली तो अब मासूम की पहली रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है, लेकिन डॉक्टर उसके दूसरी रिपोर्ट के नेगेटिव आने का इंतजार कर रहे है.

पढ़ेंः लॉकडाउन 5 को लेकर गाइडलाइन जारी, धार्मिक स्थल और शिक्षण संस्थान रहेंगे बंद

ऐसा ही किस्सा वरसिंगपुर के एक दंपत्ति का भी है. मुंबई में चूड़ियां बनाने का काम करने वाला युवक अपनी पत्नी, 2 बेटियों और एक 5 साल के बेटे को लेकर डूंगरपुर पहुंचा तो पहले उन्हें क्वॉरेंटाइन कर दिया गया. सैंपल लेकर जांच की गई तो यहां भी सभी को चौका दिया. मां के साथ ही दोनों बेटियां कोरोना नेगेटिव आई, लेकिन पिता और 5 साल का बेटा कोरोना पॉजिटिव आया. लेकिन मासूम की देखभाल के लिए इस बार भी मां का दिल पसीज गया और वह कोरोना की जंग में बच्चे का साथ दे रही है.

6 माह की मासूम कोरोना से जंग जीतकर लौटी

मां के आंचल का साया जब बच्चे पर हो तो कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता. यह पूरी तरह से सच भी साबित हो रहा है. डूंगरपुर कोविड 19 अस्पताल में ऐसे ही 6 माह की एक बच्ची की शनिवार को छुट्टी हुई. 6 माह की कोरोना पॉजिटिव बच्ची की मां भले ही नेगेटिव थी, लेकिन वह अपनी बेटी का बचाने के लिए उसके साथ रही. 14 दिनों तक अस्पताल में रहकर मासूम की देखभाल की और जब मासूम की दो रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद छुट्टी हुई तो मां के चेहरे पर खुशी साफ दिखाई दी.

डूंगरपुर. कहते है मां के आंचल और पिता के प्यार में वो ताकत है जिससे उनके जिगर के टुकड़े पर कोई आंच नहीं आए और यह कहावत सार्थक साबित हो रही है. जी हां डूंगरपुर में कोरोना पॉजिटिव मासूमों के लिए उनके माता-पिता कोरोना की जंग लड़ रहे है. ताकि उनके जिगर के टुकड़े को नई जिंदगी मिल सके और इसमें सफलता भी मिली है.

मासूम बच्चों को मिल रहा माता-पिता का सहारा

आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला मुंबई और गुजरात से प्रवासियों के लौटने के बाद कोरोना के ढ़ेर पर खड़ा हो गया और देखते ही देखते 16 मई के बाद ग्रीन जोन की ओर बढ़ रहा डूंगरपुर रेड जोन में आ गया. डूंगरपुर में वर्तमान में 355 कोरोना पॉजिटिव मरीज है, जिनमें कई मासूम बच्चें भी शामिल हैं. यह बच्चे ऐसे है जिन्हें इस बीमारी के बारे में कुछ पता तक नहीं. खेलने-कूदने की उम्र में कोरोना से बचाव की सावधानी कैसे रखे इसके लिए इन बच्चों की देखभाल करने उनके माता-पिता बच्चों के साथ ही कोविड-19 अस्पताल और कोविड केयर सेंटर में रहकर ही कोरोना के खिलाफ जंग में मासूमों के साथ खड़े है.

पढ़ेंः बीकानेरः कोरोना काल से ठप हुआ टेंट व्यवसाय

ईटीवी भारत की टीम इन सारी चीजों को जानने के लिए कोविड केयर सेंटर पहुंची. सुरपुर मॉडल स्कूल में स्थित कोविड केयर सेंटर में कुल 71 मरीज भर्ती है, जिसमें से 38 मरीजों की पहली सैंपल रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है. इसमें करीब 4 मासूम बच्चे हैं, जिनकी उम्र 10 माह से लेकर 5 साल के बीच है जो कोरोना से ग्रसित है और उनके माता-पिता इस लड़ाई में खुद खतरा मोल लेते हुए ख्याल रख रहे है. ईटीवी भारत ने ऐसे बच्चों के माता-पिता से भी बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि वे उनके बच्चों की अच्छे से देखभाल कर रहे है. इसके साथ ही उनके मासूम को डॉक्टरों की ओर से जो भी एडवाइज दी जाती है उनकी भी पालना करवा रहे हैं.

10 माह का मासूम ही पॉजिटिव, माता-पिता नेगेटिव

आंतरी निवासी एक दंपति अपने 10 साल के मासूम बेटे को लेकर पिछले दिनों मुंबई से लौटे. डूंगरपुर आते ही उन्हें कोरोना संदिग्ध मानते हुए सुरपुर कोविड केयर सेंटर में लाकर भर्ती कर लिया गया. इसके बाद मासूम के साथ ही उसके माता-पिता के सैंपल लिए गए, जिसमें चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई. माता-पिता नेगेटिव आए जबकि मां की गोद मे खेलने वाली 10 माह की मासूम कोरोना पॉजिटिव आ गई. मासूम की देखभाल के लिए दंपत्ति भी पॉजिटिव वार्ड में अपने मासूम बेटे के साथ कोरोना की जंग में शामिल हो गए.

पढ़ेंः भंवर लाल शर्मा को अंतिम विदाई देने आया कार्यकर्ता मिला कोरोना पॉजिटिव, बीजेपी में मचा हड़कंप

कोरोना पॉजिटिव मासूम के साथ रहने से नेगेटिव माता-पिता को भी सबसे बड़ा खतरा था, लेकिन वे अपने लाडले को बचाने में जुट गए. मासूम के इलाज के दौरान दंपति ने खुद का ख्याल रखा और डॉक्टरों की सलाह के अनुसार दवाई ली तो अब मासूम की पहली रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है, लेकिन डॉक्टर उसके दूसरी रिपोर्ट के नेगेटिव आने का इंतजार कर रहे है.

पढ़ेंः लॉकडाउन 5 को लेकर गाइडलाइन जारी, धार्मिक स्थल और शिक्षण संस्थान रहेंगे बंद

ऐसा ही किस्सा वरसिंगपुर के एक दंपत्ति का भी है. मुंबई में चूड़ियां बनाने का काम करने वाला युवक अपनी पत्नी, 2 बेटियों और एक 5 साल के बेटे को लेकर डूंगरपुर पहुंचा तो पहले उन्हें क्वॉरेंटाइन कर दिया गया. सैंपल लेकर जांच की गई तो यहां भी सभी को चौका दिया. मां के साथ ही दोनों बेटियां कोरोना नेगेटिव आई, लेकिन पिता और 5 साल का बेटा कोरोना पॉजिटिव आया. लेकिन मासूम की देखभाल के लिए इस बार भी मां का दिल पसीज गया और वह कोरोना की जंग में बच्चे का साथ दे रही है.

6 माह की मासूम कोरोना से जंग जीतकर लौटी

मां के आंचल का साया जब बच्चे पर हो तो कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता. यह पूरी तरह से सच भी साबित हो रहा है. डूंगरपुर कोविड 19 अस्पताल में ऐसे ही 6 माह की एक बच्ची की शनिवार को छुट्टी हुई. 6 माह की कोरोना पॉजिटिव बच्ची की मां भले ही नेगेटिव थी, लेकिन वह अपनी बेटी का बचाने के लिए उसके साथ रही. 14 दिनों तक अस्पताल में रहकर मासूम की देखभाल की और जब मासूम की दो रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद छुट्टी हुई तो मां के चेहरे पर खुशी साफ दिखाई दी.

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