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डूंगरपुर: अतिवृष्टि में टूटे एनीकट की 14 साल से नहीं ली सुध, किसान हो रहे परेशान

डूंगरपुर के आसपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत करियाणा के पडोली गांव में 2006 में हुई अतिवृष्टि में एनीकट टूटे गया था. जिसकी सुध अब तक नहीं ली गई है. जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. ग्रामीणों की मांग है कि इसे जल्द से जल्द ठीक किया जाए नहीं तो बरसात के मौसम में कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

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2006 में टूटा एनीकट ग्रामीणों के लिए बन रहा परेशानी
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Published : Jul 9, 2020, 4:22 PM IST

आसपुर (डूंगरपुर). जल संरक्षण को लेकर राज्य सरकार कई योजनाएं लागू कर पानी बचाने के प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर जिले के सागवाड़ा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत करियाणा में पंचायत की अनदेखी करने से वर्ष 2006 में हुई अतिवृष्टि में टूटे एनीकट की सुध अब तक नहीं ली गई है. जिससे कई वर्षों से किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत से लेकर जिला प्रशासन का द्वार भी खटखटाया. जिसके बाद भी हालात जस के तस हैं. जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है.

2006 में टूटा एनीकट ग्रामीणों के लिए बन रहा परेशानी

खेतों में जाने के लिए एनीकट ही रास्ता

दरअसल, करियाणा ग्राम पंचायत के पडोली गांव के भट्टवाला एनीकट 2006 में हुई अतिवृष्टि में टूट गया था. जिसे लेकर ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत को कई बार अवगत कराया, लेकिन अब तक इसकी सुध नहीं ली गई. जबकि यहां पर भट्ट परिवार सहित अन्य लोगों की करीब सौ बीघा से अधिक कृषि भूमि है. यहां पर जाने के लिए भी एनीकट के ऊपर से ही आना जाना होता है. एनीकट के ऊपर बड़े बड़े गड्डे पड़ गए हैं. जिससे यहां पर चलना मौत से कम नहीं है.

यह भी पढ़ें : COVID-19 : बीते 12 घंटों में 7 की मौत और 149 नए पॉजिटिव, कुल आंकड़ा बढ़कर 22 हजार 212 पहुंचा

ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2018 में भी ग्राम पंचायत की ओर से एनीकट के पास रिंगवाल का कार्य किया गया, लेकिन कार्य गुणवत्ताहीन होने से जगह-जगह सीवेज हो गई. जिससे पानी खेतों के पास जा रहा है और कृषि भूमि भी खराब हो रही है. वनस्पति भी उग आई है. रिंगवाल भी कई जगह से क्षतिग्रस्त है. एनीकट मरम्मत को लेकर ग्राम पंचायत से लेकर जिला कलेक्टर तक गुहार लगाने के बाद भी अब तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. समय रहते इसे ठीक नहीं किया गया तो बरसात के मौसम में जनहानि होने का अंदेशा बना हुआ है.

आसपुर (डूंगरपुर). जल संरक्षण को लेकर राज्य सरकार कई योजनाएं लागू कर पानी बचाने के प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर जिले के सागवाड़ा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत करियाणा में पंचायत की अनदेखी करने से वर्ष 2006 में हुई अतिवृष्टि में टूटे एनीकट की सुध अब तक नहीं ली गई है. जिससे कई वर्षों से किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत से लेकर जिला प्रशासन का द्वार भी खटखटाया. जिसके बाद भी हालात जस के तस हैं. जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है.

2006 में टूटा एनीकट ग्रामीणों के लिए बन रहा परेशानी

खेतों में जाने के लिए एनीकट ही रास्ता

दरअसल, करियाणा ग्राम पंचायत के पडोली गांव के भट्टवाला एनीकट 2006 में हुई अतिवृष्टि में टूट गया था. जिसे लेकर ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत को कई बार अवगत कराया, लेकिन अब तक इसकी सुध नहीं ली गई. जबकि यहां पर भट्ट परिवार सहित अन्य लोगों की करीब सौ बीघा से अधिक कृषि भूमि है. यहां पर जाने के लिए भी एनीकट के ऊपर से ही आना जाना होता है. एनीकट के ऊपर बड़े बड़े गड्डे पड़ गए हैं. जिससे यहां पर चलना मौत से कम नहीं है.

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ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2018 में भी ग्राम पंचायत की ओर से एनीकट के पास रिंगवाल का कार्य किया गया, लेकिन कार्य गुणवत्ताहीन होने से जगह-जगह सीवेज हो गई. जिससे पानी खेतों के पास जा रहा है और कृषि भूमि भी खराब हो रही है. वनस्पति भी उग आई है. रिंगवाल भी कई जगह से क्षतिग्रस्त है. एनीकट मरम्मत को लेकर ग्राम पंचायत से लेकर जिला कलेक्टर तक गुहार लगाने के बाद भी अब तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. समय रहते इसे ठीक नहीं किया गया तो बरसात के मौसम में जनहानि होने का अंदेशा बना हुआ है.

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