डूंगरपुर. हाइवे पर एक साल में 67 एक्सीडेंट, 61 से ज्यादा लोगों की मौत. इससे भी ज्यादा घायल. किसी का हाथ टूटा तो किसी का पैर. हाइवे पर इन एक्सीडेंट को कम कैसे किया जाए इसे लेकर पुलिस ने एक प्लान बनाया. ऐसी पहल जो अनोखी है पर बड़े सहज अंदाज में हादसे की भयावहता कहती है.
उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाइवे 48 पर गुजरते समय जैसे ही डूंगरपुर जिले की सीमा के बिछीवाड़ा के आसपास से गुजरते हैं तो हाइवे किनारे सड़क दुर्घटनाओं में क्षतिग्रस्त कई वाहन सड़क किनारे दिखते हैं. वहां से गुजरने वाले लोग एकबारगी सोचते हैं कि आखिर यह क्या है? फिर अगल बगल नजर दौड़ाते हैं तो ऐसा कोई गैरेज भी नहीं दिखता. सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर इन कबाड़ वाहनों को ऐसे क्यों रखा गया है. लेकिन जब पास के बोर्ड्स पर नजर पड़ती है तो तस्वीर स्पष्ट हो जाती है.
जिले की बिछीवाडा थाना पुलिस ने ओवरस्पीड से गुजरने वाले वाहनों की रफ़्तार काबू कर हादसों पर रोक लगाने के लिए एक इमोशनल तरकीब निकाली है. बढ़ते हादसों को देखते हुए पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहनों को ब्लैक स्पॉट्स पर डिस्प्ले कर दिया है. इन्हें हाइवे किनारे पत्थरों के स्टैंड पर प्रदर्शित किया गया है. एक संदेश के साथ. पास ही रोड इंस्ट्रक्शन साइन बोर्ड्स पर स्पीड नियंत्रित करने और रफ्तार के कहर से होने वाले नुकसान को दर्शाते हैं. समझाते हैं जरा संभल कर चलें.
30 किमी के दायरे में दिखते हैं टूटे फूटे वाहन- नवाचार मोतली मोड़ से रतनपुर बॉर्डर के बीच करीब 30 किमी में किया गया है. दरअसल, हाइवे का ये हिस्सा पहाड़ी इलाके में है. यहां कई ढलान और खतरनाक मोड़ हैं. यहीं पर हादसे पेश आते हैं. खासकर बारिश के दिनों में तो संख्या और बढ़ जाती है. इससे पहले जैसा कि हर जगह पर देखने को मिलता है पुलिस और नेशनल हाइवे अथोरिटी ने संयुक्त रूप से चेतावनी बोर्ड लगवाए थे. लेकिन इसका ख़ासा फर्क नहीं दिखा. फिर टूटे फूटे वाहनों के सहारे ही लोगों को चेताने का काम शुरू कर दिया. क्रेश वाहनों को ही सड़क किनारे चेतावनी मॉडल के रूप में प्रदर्शित करने का प्लान तैयार कर दिया.
12 ब्लैक स्पॉट्स डराते नहीं समझाते हैं- पुलिस की मानें तो खेरवाड़ा के पास मोतली मोड़ से रतनपुर बॉर्डर तक 12 से अधिक ब्लैक स्पॉट हैं. यहां पर आए दिन हादसे होते हैं. ऐसे में पुलिस ने आरा पुलिया, लेहणा घाटी, रतनपुर मन्दिर मोड़, खजूरी, बरोठी, शेरावाड़ा मोड़, गोगा मोड़ दर्जन भर जगह पर ऐसे वाहनों को रखा हैं. साथ ही सूचनात्मक बोर्ड भी लगाए हैं. वहां गुजरने वाले वाहनों को चेताया कि ये एक्सीडेंट जोन है, वाहन सावधानी से चलाएं. पुलिस सर्विस रोड और पुल के नीचे वाली सड़क के दोनों तरफ स्पीड ब्रेकर भी बनवा रही है.
वर्ष 2022 में 90 हादसों में हुई 61 मौत- डूंगरपुर जिले में वर्ष 2022 में नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और अन्य मार्गों पर कुल 90 हादसे हुए. जिसमे नेशनल हाइवे पर 57 चारपहिया वाहन और 10 दुपहिया वाहन हादसे के शिकार हुए. इसमें 47 लोगों की जान चली गई. तो स्टेट हाइवे पर 3 चारपहिया वाहन और 3 दुपहिया वाहन हादसे के शिकार हुए. इसमें 6 ने दम तोड़ दिया. जिले के अन्य मार्गों पर भी 8 चार पहिया वाहन और 9 दुपहिया वाहन हादसे के शिकार हुए जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई.
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