डूंगरपुर. नगर परिषद डूंगरपुर के निवर्तमान सभापति केके गुप्ता इन दिनों भाजपा से नाराज चल रहे हैं. इसी कारण वे निर्दलीय के रूप में भी ताल ठोंक सकते हैं. जो भाजपा के लिए मुसीबत बन सकता है. भाजपा से उनकी नाराजगी को लेकर जिलाध्यक्ष प्रभु पंड्या से ईटीवी भारत ने बातचीत की जहां उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी.
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभु पंड्या ने कहा कि निवर्तमान सभापति केके गुप्ता की नाराजगी का कोई कारण नहीं है. भाजपा ने उनको बहुत सम्मान दिया है और आगे भी मिलेगा. बीजेपी ने उन्हें बोर्ड बनाकर दिया और सभापति बनाकर फर्श से अर्श तक पंहुचाया. उन्होंने कहा कि जब वे बीजेपी में नहीं थे तब वे एक सामान्य व्यक्ति ही थे, इसलिए नाराजगी का कोई कारण पार्टी को समझ मे नहीं आ रहा है.
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जिलाध्यक्ष प्रभु पंड्या ने कहा कि उनकी लगातार केके गुप्ता से बातचीत हो रही है. हमने उनको कहा भी है कि बीजेपी ने उन्हें सभापति की जिम्मेदारी दी, जिस कारण वे शहर में अच्छा काम कर सके. जिलाध्यक्ष ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति ये सोचे कि मैं अपनी वजह से बना या अपनी ताकत से बना तो यह उसकी गलत सोच है.
भाजपा एक परिवार है और परिवार के साथ रहने से उनका सम्मान भी होता है. उसकी ताकत दिखती है, लेकिन कोई व्यक्ति परिवार से अलग होकर अपनी ताकत दिखाने का प्रयास करता है तो उसमें खुद की छवि खराब होगी. फिर परिवार भी कोई कठोर निर्णय ले सकता है. जिलाध्यक्ष ने साफ शब्दों में कह दिया कि भाजपा में उनका स्वागत है, लेकिन वे अलग होकर गए तो फिर भाजपा से उनकी विदाई भी हो सकती है.
बता दें कि भाजपा से नाराज निवर्तमान सभापति केके गुप्ता सागवाड़ा नगरपालिका से निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने सागवाड़ा में मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आवदेन भी किया था. लेकिन उनके निवास को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं की आपत्ति के बाद उपखंड अधिकारी ने उनका नाम नहीं जोड़ा. इसके बाद वे राज्य निर्वाचन आयोग में आपत्ति दर्ज करवाने को लेकर जयपुर पंहुचे हुए हैं. लेकिन सूत्रों के अनुसार जयपुर में गुप्ता ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सहित कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है. जिसके बाद क्या निर्णय हुआ इसका खुलासा केके गुप्ता के वापस लौटने पर ही चल सकेगा.