डूंगरपुर. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष रहे डॉ. नागेंद्र सिंह की जन्मस्थली डूंगरपुर जिले में लॉ कॉलेज की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने देशभर में नए लॉ कॉलेज की मान्यता पर तीन साल के लिए रोक लगा दी है. ऐसे में राज्य सरकार की घोषणा पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है.
हालांकि स्थानीय विधायक लॉ कॉलेज को लेकर राज्य सरकार की ओर से पैरवी की बात कर रहे है. आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में लंबे समय से चली आ रही लॉ कॉलेज की मांग पर राज्य सरकार ने अपने बजट में उम्मीद जगाई तो जिला प्रशासन और स्थानीय विधायक गणेश घोघरा ने पहल करते हुए दड़ोदिया में लॉ कॉलेज के लिए जमीन चिन्हित करते हुए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया.
वहीं कानून की पढ़ाई करने की उम्मीद रखने वाले छात्रों की चाह भी बढ़ गई. लेकिन इस पर एक बार फिर अड़ंगा लग गया है. सरकार की घोषणा पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने नए लॉ कॉलेज की मान्यता पर रोक लगा दी है. बार काउंसिल ने लॉ कॉलेज की अनुमति पर 3 साल तक के लिए रोक लगाई है. इससे आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में लॉ कॉलेज की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है.
इसके बाद कानून की पढ़ाई करने की उम्मीद पाले छात्रों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है. बता दें कि किसी भी नए लॉ कॉलेज के लिए बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया की अनापत्ति जरूरी है. लॉ कॉलेज को लेकर विधायक गणेश घोघरा ने कहा कि बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया ने रोक लगाई है लेकिन राज्य सरकार इनमें पहल करेगी.
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विधायक घोघरा ने कहा कि डूंगरपुर में लॉ कॉलेज को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जा रही है. राज्य सरकार बार कॉउंसिल से वार्ता कर लॉ कॉलेज को शुरू करने का प्रयास कर रहा है. ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि डूंगरपुर में लॉ कॉलेज को लेकर कितना प्रयास करते हैं.
लॉ की पढ़ाई के लिए दूसरे जिलों में जाते है विद्यार्थी
डूंगरपुर जिले में लॉ कॉलेज की सुविधा नहीं होने से अभ्यर्थियों को बांसवाड़ा, उदयपुर सहित अन्य शहरों में जाना पड़ता है जबकि लंबे समय से डूंगरपुर में लॉ कॉलेज की मांग चलती आ रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी को ध्यान में रखते हुए इस बजट सत्र में डूंगरपुर में लॉ कॉलेज की घोषणा की है, लेकिन घोषणा के बाद से इस पर अड़ंगा लगता जा रहा है.