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डूंगरपुर: मानसून को देखते हुए आपदा प्रबंधन की तैयारियों में जुटा प्रशासन... - डूंगरपुर में अधिकारियों की बैठक

आगामी मानसून को देखते हुए जिला कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान कलेक्टर ने भारी बारिश की स्थिति में तैयारियों को लेकर अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिए.

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डूंगरपुर में कलेक्टर ने ली बैठक
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Published : Jun 4, 2020, 12:45 PM IST

डूंगरपुर. आगामी मानसून को देखते हुए जिला कलेक्टर कानाराम ने जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ अधिकारियों की बैठक ली, साथ ही ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संवाद किया. इस दौरान कलेक्टर ने आपदा प्रबंधन के तहत जिले में भारी बारिश की स्थिति में तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए निर्देश दिए. वहीं, जनप्रतिनिधियों से क्षेत्र में आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी लेते हुए उनके समाधान के निर्देश दिए.

डूंगरपुर में कलेक्टर ने ली बैठक

जिला कलेक्टर कानाराम ने आईटी केंद्र में वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा की. उनके साथ सांसद कनकमल कटारा, विधायक गणेश घोघरा सहित कई अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान मानसून की संभावित स्थिति को देखते हुए विभिन्न विभागों की ओर से की गई तैयारियों पर चर्चा करते हुए उनकी समीक्षा की गई. खासकर डूंगरपुर जिले में भारी बारिश के कारण प्रसिद्ध आस्था के केंद्र बेणेश्वरधाम के तीनों पुलियों पर पानी आने की स्थिति में वहां की तैयारियों के बारे में जानकारी ली.

इस दौरान साबला एसडीएम ने बताया कि बेणेश्वर धाम पुलिय पर हर बार बारिश में पानी आ जाता है और वहां रहने वाले कुछ लोग फंस जाते हैं, लेकिन वे सभी लोग स्थानीय निवासी या पुजारी हैं, जिनके पास खाने-पीने का तमाम इंतजाम होता है. इसके अलावा गोताखोर की टीम भी तैनात रहती है. पुलियों पर पानी आने की स्थिति में सूचना का प्रसारण भी किया जाता है, ताकि कोई हादसा नहीं हो.

इसके अलावा गुजरात राज्य के कडाणा बांध के भर जाने की स्थिति में जिले के गलियाकोट बैक वाटर क्षेत्र के डूब में आने और वहां के निवासियों को भारी परेशानी की बात भी आई. इस पर सांसद कनकमल ने कहा कि गलियाकोट क्षेत्र में हर समय समस्या रहती है, लेकिन कडाणा बांध से कॉर्डिनेशन नहीं होने के कारण यहां पानी भरता है. ऐसे में अधिकारी बांध के गेट खोलने को लेकर गुजरात के अधिकारियों के साथ तालमेल के साथ काम करें.

यह भी पढ़ें- कोरोना संकट में आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे राजस्थान के पुलिसकर्मी, ADG ट्रेनिंग के दिए तनाव कम करने के 11 टिप्स

वहीं, कडाणा के बैक वाटर में मगरमच्छ के ज्यादातर होने से वहां के निवासियों और जानवरों पर हमला करने की समस्या बताई और अधिकारियों को समाधान करवाने के निर्देश दिए. कलेक्टर कानाराम ने जिले में स्थित बांध, उनकी भराव क्षमता और मौजूद जल के बारे में जानकारी ली. साथ ही इन बांधो की स्थिति के बारे में जानकारी लेते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के निर्देश दिए. इसके अलावा भारी बारिश के कारण पुलियों-सड़कों पर पानी भर जाने और रास्ते अवरुद्ध होने की स्थिति में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए.

डूंगरपुर. आगामी मानसून को देखते हुए जिला कलेक्टर कानाराम ने जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ अधिकारियों की बैठक ली, साथ ही ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संवाद किया. इस दौरान कलेक्टर ने आपदा प्रबंधन के तहत जिले में भारी बारिश की स्थिति में तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए निर्देश दिए. वहीं, जनप्रतिनिधियों से क्षेत्र में आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी लेते हुए उनके समाधान के निर्देश दिए.

डूंगरपुर में कलेक्टर ने ली बैठक

जिला कलेक्टर कानाराम ने आईटी केंद्र में वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा की. उनके साथ सांसद कनकमल कटारा, विधायक गणेश घोघरा सहित कई अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान मानसून की संभावित स्थिति को देखते हुए विभिन्न विभागों की ओर से की गई तैयारियों पर चर्चा करते हुए उनकी समीक्षा की गई. खासकर डूंगरपुर जिले में भारी बारिश के कारण प्रसिद्ध आस्था के केंद्र बेणेश्वरधाम के तीनों पुलियों पर पानी आने की स्थिति में वहां की तैयारियों के बारे में जानकारी ली.

इस दौरान साबला एसडीएम ने बताया कि बेणेश्वर धाम पुलिय पर हर बार बारिश में पानी आ जाता है और वहां रहने वाले कुछ लोग फंस जाते हैं, लेकिन वे सभी लोग स्थानीय निवासी या पुजारी हैं, जिनके पास खाने-पीने का तमाम इंतजाम होता है. इसके अलावा गोताखोर की टीम भी तैनात रहती है. पुलियों पर पानी आने की स्थिति में सूचना का प्रसारण भी किया जाता है, ताकि कोई हादसा नहीं हो.

इसके अलावा गुजरात राज्य के कडाणा बांध के भर जाने की स्थिति में जिले के गलियाकोट बैक वाटर क्षेत्र के डूब में आने और वहां के निवासियों को भारी परेशानी की बात भी आई. इस पर सांसद कनकमल ने कहा कि गलियाकोट क्षेत्र में हर समय समस्या रहती है, लेकिन कडाणा बांध से कॉर्डिनेशन नहीं होने के कारण यहां पानी भरता है. ऐसे में अधिकारी बांध के गेट खोलने को लेकर गुजरात के अधिकारियों के साथ तालमेल के साथ काम करें.

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वहीं, कडाणा के बैक वाटर में मगरमच्छ के ज्यादातर होने से वहां के निवासियों और जानवरों पर हमला करने की समस्या बताई और अधिकारियों को समाधान करवाने के निर्देश दिए. कलेक्टर कानाराम ने जिले में स्थित बांध, उनकी भराव क्षमता और मौजूद जल के बारे में जानकारी ली. साथ ही इन बांधो की स्थिति के बारे में जानकारी लेते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के निर्देश दिए. इसके अलावा भारी बारिश के कारण पुलियों-सड़कों पर पानी भर जाने और रास्ते अवरुद्ध होने की स्थिति में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए.

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