ETV Bharat / state

स्पेशल रिपोर्ट: खरीफ की कटाई लेट होने से रबी की बुवाई पिछड़ी, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें - धौलपुर में खरीफ की फसल की खबर

धौलपुर में किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही है. जिले में मानसून के देर तक रहने पर खरीफ फसल की लावणी का काम पिछड़ गया है. लेट समय तक बारिश होने के कारण खरीफ की बाजरा, तिल, उड़द, मूंग और मक्का की कटाई देरी से होने पर आगामी फसल रबी की बुवाई भी प्रभावित हो रही है.

धौलपुर में खरीफ फसल की लावणी का काम पिछड़ गया, Lakhni work of kharif crop lagged behind in Dhaulpur, धौलपुर में खरीफ की फसल की खबर, News of kharif crop in dholpur
author img

By

Published : Oct 19, 2019, 12:16 PM IST

धौलपुर. जिले में मानसून के देर तक रहने पर खरीफ फसल की लावणी का काम पिछड़ गया है. लेट समय तक बारिश होने के कारण खरीफ की बाजरा, तिल, उड़द, मूंग और मक्का की कटाई देरी से होने पर आगामी फसल रबी की बुवाई भी प्रभावित हो रही है. रबी फसल में सरसों की बुवाई का शुरुआती समय 15 सितंबर से 15 अक्टूबर माना जाता है. लेकिन खरीफ फसल की बारिश के चलते कटाई देरी से होने पर रबी फसल की सरसों की बुवाई लगभग 15 से 20 दिन तक पिछड़ रही है. जिससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है.

खरीफ की कटाई लेट होने से रबी की बुवाई पिछड़ी

किसानों ने बताया कि खरीफ फसल की बुवाई से लेकर पिछले एक माह तक का सफर अच्छा रहा था. किसानों ने महंगे खाद, बीज और कीटनाशक डालकर खेती करने लायक बनाया था. लेकिन बारिश का दौर देरी से चलने पर खरीफ फसल की लावणी का काम पिछड़ गया. जिसका असर उत्पादन में कमी के साथ चारे की भी समस्या गहराने लगी है. किसानों के मुताबिक बाजरा में मापदंड के अनुसार करीब 30 से 40 फीसदी तक उत्पादन में गिरावट की संभावना है.

पढ़ेंः धौलपुर में तेज बुखार से एक युवती और एक मासूम की मौत, चिकित्सा विभाग की टीम ने शुरू की जांच

उसके अलावा तलहन और तिलहन की फसलें लगभग पूरी तरह से नुकसान दे रही है.जिसमे खासकर तिलहन की फसल अधिक बारिश और खेतों में जल भराव से गल चुकी है. वहीं खरीफ की लावणी पिछड़ने से आगामी फसल रबी भी प्रभावित हो रही है. किसानों के मुताबिक सरसों की बुवाई का समय 15 सितंबर से 15 अक्टूबर माना जाता है. ऐसे में सरसों की बुवाई करीब 20 दिन पिछड़ रही है. सरसों की बुवाई को लेकर किसानों ने खेतों से खरतवार हटाने की कवायद शुरू कर दी है.

पढ़ेंः राजस्थान के मतदाता सत्यापन की सूची में धौलपुर पहले स्थान पर

उधर, कृषि विभाग ने बताया कि मौसम के परिवर्तन से खरीफ और रबी दोनों की फसलें प्रभावित हुई है. मौजूदा समय में खरीफ फसल की लावणी का काम जोरों से चल रहा है. वहीं रबी फसल की बुवाई जिसमें खासकर सरसों फसल की बुवाई की जिले में किसानों ने शुरुआत कर दी है. कृषि विभाग ने कास्तकारों को हिदायत देते हुए कहा कि सरसों की बुवाई करने से पूर्व बीज का पूरी तरह से उपचार करें. मृदा का परीक्षण कराकर ही खेतों में बीज को डालें. जिले इस सीजन में लगभग 65 हजार हेक्टेयर सरसों की बुवाई की जाएगी. किसान उन्नत किश्म के बीज और खाद का जरूर उपयोग करें. जिससे आगामी समय में अनुमान के मुताबिक उत्पादन मिल सके.

धौलपुर. जिले में मानसून के देर तक रहने पर खरीफ फसल की लावणी का काम पिछड़ गया है. लेट समय तक बारिश होने के कारण खरीफ की बाजरा, तिल, उड़द, मूंग और मक्का की कटाई देरी से होने पर आगामी फसल रबी की बुवाई भी प्रभावित हो रही है. रबी फसल में सरसों की बुवाई का शुरुआती समय 15 सितंबर से 15 अक्टूबर माना जाता है. लेकिन खरीफ फसल की बारिश के चलते कटाई देरी से होने पर रबी फसल की सरसों की बुवाई लगभग 15 से 20 दिन तक पिछड़ रही है. जिससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है.

खरीफ की कटाई लेट होने से रबी की बुवाई पिछड़ी

किसानों ने बताया कि खरीफ फसल की बुवाई से लेकर पिछले एक माह तक का सफर अच्छा रहा था. किसानों ने महंगे खाद, बीज और कीटनाशक डालकर खेती करने लायक बनाया था. लेकिन बारिश का दौर देरी से चलने पर खरीफ फसल की लावणी का काम पिछड़ गया. जिसका असर उत्पादन में कमी के साथ चारे की भी समस्या गहराने लगी है. किसानों के मुताबिक बाजरा में मापदंड के अनुसार करीब 30 से 40 फीसदी तक उत्पादन में गिरावट की संभावना है.

पढ़ेंः धौलपुर में तेज बुखार से एक युवती और एक मासूम की मौत, चिकित्सा विभाग की टीम ने शुरू की जांच

उसके अलावा तलहन और तिलहन की फसलें लगभग पूरी तरह से नुकसान दे रही है.जिसमे खासकर तिलहन की फसल अधिक बारिश और खेतों में जल भराव से गल चुकी है. वहीं खरीफ की लावणी पिछड़ने से आगामी फसल रबी भी प्रभावित हो रही है. किसानों के मुताबिक सरसों की बुवाई का समय 15 सितंबर से 15 अक्टूबर माना जाता है. ऐसे में सरसों की बुवाई करीब 20 दिन पिछड़ रही है. सरसों की बुवाई को लेकर किसानों ने खेतों से खरतवार हटाने की कवायद शुरू कर दी है.

पढ़ेंः राजस्थान के मतदाता सत्यापन की सूची में धौलपुर पहले स्थान पर

उधर, कृषि विभाग ने बताया कि मौसम के परिवर्तन से खरीफ और रबी दोनों की फसलें प्रभावित हुई है. मौजूदा समय में खरीफ फसल की लावणी का काम जोरों से चल रहा है. वहीं रबी फसल की बुवाई जिसमें खासकर सरसों फसल की बुवाई की जिले में किसानों ने शुरुआत कर दी है. कृषि विभाग ने कास्तकारों को हिदायत देते हुए कहा कि सरसों की बुवाई करने से पूर्व बीज का पूरी तरह से उपचार करें. मृदा का परीक्षण कराकर ही खेतों में बीज को डालें. जिले इस सीजन में लगभग 65 हजार हेक्टेयर सरसों की बुवाई की जाएगी. किसान उन्नत किश्म के बीज और खाद का जरूर उपयोग करें. जिससे आगामी समय में अनुमान के मुताबिक उत्पादन मिल सके.

Intro:खरीफ की कटाई लेट होने से रवी की बुबाई पिछड़ी,किसान के माथे पर चिंता की लकीरें 

धौलपुर जिले में मानसून के देरी से रहने पर खरीफ फसल की लावणी का काम पिछड़ गया है। लेट समय तक बारिश होने के कारण खरीफ की बाजरा तिल,उड़द.मूंग और मक्का की कटाई देरी से होने पर आगामी फसल रवी भी प्रभावित हो रही है। रवि फसल में सरसों की बुबाई का शुरूआती समय 15 सितंबर से 15 अक्टूबर माना जाता है। लेकिन खरीफ फसल की बारिश के चलते कटाई देरी से होने पर रवि फसल की सरसों की बुबाई लगभग 15 से 20 दिन तक पिछड़ रही है। जिससे किसानों के माथे पर चिंन्ता की लकीरें बन रही है। 





Body:किसानों ने बताया कि खरीफ फसल की बुबाई से लेकर पिछले एक माह तक का सफर अच्छा रहा था। किसानों ने महंगे खाद बीज और कीटनाशक डालकर खेती को बनाया था। लेकिन बारिश दौर देरी से चलने पर खरीफ फसल की लावणी का काम पिछड़ गया। जिसका असर उत्पादन में कमी के साथ चारे की समस्या गहराने लगी है। किसानों के मुताबिक बाजरा में मापदंड के अनुसार करीब 30 से 40 फीसदी तक उत्पादन में गिरावट की संभावना है। उसके अलावा तलहन और तिलहन की फसलें लगभग पूरी तरह से नुकसान दे रही है। जिसमे खासकर तिलहन की फसल अधिक बारिश और खेतों में जल भराव से गल चुकी है। खरीफ की लावणी पिछड़ने से आगामी फसल रवि भी प्रभावित हो रही है। किसानों के मुताबिक सरसों की बुबाई का समय 15 सितंबर से 15 अक्टूबर माना जाता है। ऐसे में सरसों की बुबाई करीब 20 दिन पिछड़ रही है। हालाँकि किसान खेतों में खून पसीना एक कर मेहनत से जुटा हुआ है। सरसों की बुबाई को लेकर किसानों ने खेतों से खरतवार हटाने की कवायद शुरू कर दी है।




Conclusion:उधर कृषि विभाग ने बताया कि मौसम के परिवर्तन से खरीफ और रवि की दोनों फसलें प्रभावित हुई है। मौजूदा समय में खरीफ फसल की लावणी का काम जोरों से चल रहा है। वही रवि फसल की बुवाई जिसमे खासकर सरसों फसल की बुवाई की जिले में किसानों ने शुरुआत कर दी है। कृषि विभाग ने कास्तकारों को हिदायत देते हुए कहा कि सरसों की बुबाई करने से पूर्व बीज का पूरी तरह से उपचार करें। मृदा का परिक्षण कराकर ही खेतों में बीज को डालें। जिले इस सीजन में लगभग 65 हजार हेक्टेयर सरसों की बुवाई की जायेगी। किसान उन्नत किश्म के बीज और खाद का जरूर उपयोग करे। जिससे आगामी समय में अनुमान के मुताबिक उत्पादन मिल सके।
1,Byte- देवीराम, किसान
2,Byte -सोरन सिंह,किसान
3,Byte -सरिता,किसान महिला
4,Byte - कौशलेंद्र शर्मा,कृषि अधिकारी
Report
Neeraj Sharma
Dholpur                                                            

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.