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सरमथुरा में ग्रामीणों ने वोटिंग के बहिष्कार का किया ऐलान, रोड नहीं तो वोट नहीं के लगाए नारे - राजस्थान विधानसभा चुनाव

बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में सरमथुरा के गांव सिद्धपुरा के ग्रामीणों ने 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के दिन मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. मंगलवार को ग्रामीणों ने लामबंद होकर गांव के अंदर ही राजनेता एवं प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर हंगामा किया.

रोड नहीं तो वोट नहीं
रोड नहीं तो वोट नहीं
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 21, 2023, 9:50 PM IST

रोड नहीं तो वोट नहीं

धौलपुर. जिले के सरमथुरा में गांव सिद्धपुरा के ग्रामीणों ने मंगलवार को ग्रामीणों ने लामबंद होकर गांव के अंदर ही राजनेता एवं प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर हंगामा किया. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा, जब तक सड़क और पेयजल की व्यवस्था नहीं होगी तब तक मतदान नहीं किया जाएगा. ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर प्रशासन नेताओ को चेतावनी देकर चौंका दिया है.

ग्रामीणों का का स्पष्ट कहना है कि जब तक गांव में सड़क पानी बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं नही पूरी की जायेगी तब तक चुनाव में बहिष्कार किया जायेगा. सभी ग्रामीणों ने बैठक कर सर्वसम्मति से चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है.

पढ़ें:PM मोदी का तंज- राजस्थान की जनता के जादू के सामने सीएम गहलोत की जादूगरी नहीं चल पाएगी

रोड नहीं तो वोट नहीं: ग्रामीण अजय कुमार मीणा ने बताया जिस दिन से गांव सिद्धपुरा में जन्म लिया है गांव में सड़क एवं पेयजल की व्यवस्था नसीब नहीं हुई है. सरमथुरा उपखंड मुख्यालय से गांव करीब 25 किलोमीटर दूरी पर है. गांव के अंदर मूलभूत समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. सड़क मार्ग नहीं होने की वजह से आवागमन में भारी असुविधा रहती है. ग्रामीणों को कई किलोमीटर का सफर पैदल चलकर जाना पड़ता है. मीणा ने बताया कि पेयजल की समस्या ग्रामीणों के लिए नासूर बनी हुई है. बूंद- बूंद पानी के लिए ग्रामीण महिला एवं बच्चों को दूर-दूर तक भटकना पड़ता है.

सड़क नहीं बनने से नाराज: स्थानीय महिला मुकेशी ने बताया विगत 60 साल से गांव के अंदर सरकार और सिस्टम ने गांव की बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं करा पाया है. गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे जटिल समस्या बन गई है. प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीणों के हाथ पैर फूल जाते हैं. अवागमन का साधन नहीं होने के साथ दुर्गम सड़क रास्ता जान पर भारी पड़ जाता है. ग्रामीण सुमन कुमारी के मुताबिक गांव के हालात सरकार की उपेक्षा के वजह से बदतर हो रही है. मंगलवार को लामबंद होकर ग्रामीणों ने 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है. चेतावनी भरे लहजे में कहा, जब तक सड़क नहीं, तब तक वोट नहीं. उधर मामले को लेकर उपखंड अधिकारी रेखा मीणा ने बताया ग्रामीणों से समझाइश की जा रही है.ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा.उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के पंच पटेलों से वार्ता कर मतदान भी कराया जाएगा.

रोड नहीं तो वोट नहीं

धौलपुर. जिले के सरमथुरा में गांव सिद्धपुरा के ग्रामीणों ने मंगलवार को ग्रामीणों ने लामबंद होकर गांव के अंदर ही राजनेता एवं प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर हंगामा किया. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा, जब तक सड़क और पेयजल की व्यवस्था नहीं होगी तब तक मतदान नहीं किया जाएगा. ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर प्रशासन नेताओ को चेतावनी देकर चौंका दिया है.

ग्रामीणों का का स्पष्ट कहना है कि जब तक गांव में सड़क पानी बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं नही पूरी की जायेगी तब तक चुनाव में बहिष्कार किया जायेगा. सभी ग्रामीणों ने बैठक कर सर्वसम्मति से चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है.

पढ़ें:PM मोदी का तंज- राजस्थान की जनता के जादू के सामने सीएम गहलोत की जादूगरी नहीं चल पाएगी

रोड नहीं तो वोट नहीं: ग्रामीण अजय कुमार मीणा ने बताया जिस दिन से गांव सिद्धपुरा में जन्म लिया है गांव में सड़क एवं पेयजल की व्यवस्था नसीब नहीं हुई है. सरमथुरा उपखंड मुख्यालय से गांव करीब 25 किलोमीटर दूरी पर है. गांव के अंदर मूलभूत समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. सड़क मार्ग नहीं होने की वजह से आवागमन में भारी असुविधा रहती है. ग्रामीणों को कई किलोमीटर का सफर पैदल चलकर जाना पड़ता है. मीणा ने बताया कि पेयजल की समस्या ग्रामीणों के लिए नासूर बनी हुई है. बूंद- बूंद पानी के लिए ग्रामीण महिला एवं बच्चों को दूर-दूर तक भटकना पड़ता है.

सड़क नहीं बनने से नाराज: स्थानीय महिला मुकेशी ने बताया विगत 60 साल से गांव के अंदर सरकार और सिस्टम ने गांव की बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं करा पाया है. गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे जटिल समस्या बन गई है. प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीणों के हाथ पैर फूल जाते हैं. अवागमन का साधन नहीं होने के साथ दुर्गम सड़क रास्ता जान पर भारी पड़ जाता है. ग्रामीण सुमन कुमारी के मुताबिक गांव के हालात सरकार की उपेक्षा के वजह से बदतर हो रही है. मंगलवार को लामबंद होकर ग्रामीणों ने 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है. चेतावनी भरे लहजे में कहा, जब तक सड़क नहीं, तब तक वोट नहीं. उधर मामले को लेकर उपखंड अधिकारी रेखा मीणा ने बताया ग्रामीणों से समझाइश की जा रही है.ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा.उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के पंच पटेलों से वार्ता कर मतदान भी कराया जाएगा.

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