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धौलपुर सीट पर शोभारानी मारेंगी 'हैट्रिक' या वोट बैंक में लगेगी 'सेंध', मैदान पर है कई दावेदारों की नजर

राजस्थान साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है. इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस-भाजपा समेत सभी राजनीतिक दल रणनीति बना रहे हैं. इस बीच आज हम आपको (Dholpur ASSEMBLY CONSTITUENCY) धौलपुर विधानसभा सीट का हाल बताएंगे. इस सीट से वर्तमान में शोभारानी कुशवाह विधायक हैं, लेकिन इस चुनाव में मुकाबला दिलचस्प हो सकता है.

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Published : Jul 5, 2023, 9:09 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 5:32 PM IST

धौलपुर विधानसभा सीट.

धौलपुर. चंबल नदी के किनारे स्थित धौलपुर जिला बीहड़, अवैध बजरी और डकैतों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता आया है. इस जिले की भौगोलिग स्थिति की तरह ही राजनीति का ग्राफ भी हमेशा उतार-चढ़ाव भरा रहता है. इस जिले में केवल भाजपा और कांग्रेस ही नहीं बल्कि बसपा का भी खासा असर देखने को मिलता है. जिले की चार विधानसभा सीटों में से आज हम आपको धौलपुर विधानसभा सीट की गणित को समझा रहे हैं. इस सीट पर पिछले 20 साल में कांग्रेस, बसपा और भाजपा तीनों को विधायक का ताज पहनने का मौका मिला है, लेकिन वर्तमान में ये सीट विधायक शोभारानी कुशवाह के आसपास ही बनी हुई है.

शोभारानी कुशवाह के परिवार में ये सीट 2013 से गई है, तब से अभी तक इसी परिवार का कब्जा सीट पर बना हुआ है, हालांकि, 2008 से पहले इस सीट पर राजस्थान के दिग्गज राजनेता माने जाने वाले बनवारी लाल शर्मा के परिवार का दबदबा रहा है. यहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का वर्चस्व भी लगातार देखने को मिलता है.

RAJASTHAN SEAT SCAN,  RAJASTHAN ASSEMBLY ELECTION 2023
धौलपुर विधानसभा सीट पर मतदाताओं की स्थिति.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: राजाखेड़ा में फिर कांग्रेस होगी मजबूत या 'गढ़' में लगेगी सेंध, दो दिग्गज परिवारों के बीच दिलचस्प हो सकता है मुकाबला

पति बीएल कुशवाह के बाद शोभारानी बनी विधायकः वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में विधायक शोभारानी कुशवाह के पति बीएल कुशवाह को बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीत हासिल हुई थी, लेकिन उन्हें एक कत्ल की साजिश के मामले में आजीवन कारावास की सजा हो गई. इसके बाद इस सीट पर वर्ष 2017 में उपचुनाव कराया गया. उपचुनाव में बी एल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने टिकट देकर चुनाव लड़ाया था. इस चुनाव में शोभारानी कुशवाह कांग्रेस के प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को हराकर विजयी हुई थी.

इसके बाद वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में फिर से भाजपा ने शोभारानी कुशवाह को मैदान में उतारा और जीत हासिल हुई. शोभारानी कुशवाह राज्यसभा चुनाव में भाजपा से बगावत कर कांग्रेस के प्रत्याशी प्रमोद तिवारी को वोट देकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पाले में पहुंच गई.

RAJASTHAN SEAT SCAN,  RAJASTHAN ASSEMBLY ELECTION 2023
विधायक शोभारानी कुशवाह व शिवचरण कुशवाह.

2023 की राह शोभारानी के लिए चुनौतीपूर्णः 2023 का विधानसभा चुनाव विधायक शोभारानी कुशवाह के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इस सीट पर उनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी के साथ ही उनके सामने पूर्व के चुनाव की तरह ही सगे जीजा डॉक्टर शिवचरण कुशवाह भी टक्कर देने के लिए मैदान में उतर सकते हैं. वहीं, पूर्व विधायक अब्दुल सगीर और कांग्रेस से बीएसपी में शामिल हुए पूर्व सभापति रितेश शर्मा भी चुनाव को त्रिकोणीय बना सकते हैं. विधानसभा चुनाव 2023 में विधायक शोभारानी कुशवाह को उनके समाज के भीतर भी कई नेता चुनौती दे सकते हैं.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: आसींद से बीजेपी मारेगी जीत का 'चौका' या पलटेगा पासा, हर दल को चाहिए गुर्जर-ब्राह्मण के गठजोड़ का साथ

पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा की पारंपरिक सीटः चंबल घाटी की धौलपुर विधानसभा सीट पूर्व मंत्री बनवारीलाल शर्मा की पारंपरिक सीट रही थी. इस सीट पर पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा का मुकाबला पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से हुआ है. धौलपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बनवारी लाल शर्मा 5 बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन वर्ष 2008 से धौलपुर विधानसभा सीट उनके हाथ से निकल गई और बहुजन समाज पार्टी एवं भाजपा के खाते में चली गई. बनवारी लाल शर्मा के पुत्र अशोक शर्मा ने भी इस सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का दामन थाम लिया. चुनाव में अशोक शर्मा को सफलता नहीं मिल सकी. वर्ष 2022 में उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वर्तमान में बनवारी लाल शर्मा की पुत्रबधू नीरजा शर्मा राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाग्य आजमा सकती हैं.

RAJASTHAN SEAT SCAN,  RAJASTHAN ASSEMBLY ELECTION 2023
पिछले चुनाव में यह रहा नतीजा.

रही दल बदलने की राजनीतिः विधायक शोभारानी कुशवाह के परिवार की दल बदलने की राजनीति रही है. वर्ष 2013 के चुनाव में शोभारानी कुशवाह के पति बीएल कुशवाह बहुजन समाज पार्टी से विधायक चुने गए थे, लेकिन एक हत्या की साजिश के मामले में आजीवन कारावास की सजा मिली. वर्ष 2017 के उप चुनाव में बीएल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह ने बीएसपी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. 2018 का विधानसभा चुनाव भी शोभारानी कुशवाह ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की छत्रछाया में ही लड़ा था, लेकिन सत्ता परिवर्तन होने के बाद वर्ष 2020 में राजस्थान कांग्रेस में आए सियासी भूचाल में विधायक शोभारानी कुशवाह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीक पहुंच गई. इसका नतीजा यह रहा कि राज्यसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा से बगावत कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट दिया था. इस वजह से भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित भी कर दिया है.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: उदयपुर शहर विधानसभा सीट पर बीजेपी का दबदबा, क्या इस बार कांग्रेस देगी कड़ी टक्कर? जानें समीकरण

कांग्रेस की नहीं ली सदस्यता, काम जारीः राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट करने के बाद भाजपा से निष्कासित हुई विधायक शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है, लेकिन वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस के साथ काम कर रही हैं. 7 मई को राजाखेड़ा एवं 15 जून को बाड़ी में विधायक शोभारानी कुशवाह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंच को साथ साझा किया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस की नजदीकी होने की वजह से शोभारानी कुशवाहा को ठगी एवं चिटफंड के मुकदमों में भी राहत मिली है.

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पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा व पूर्व विधायक अब्दुल सगीर.

सीट पर यह है मतदाताओं का आंकड़ाः धौलपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के आंकड़ों की बात की जाए तो 114739 पुरुष मतदाता हैं. वहीं, 101493 महिला मतदाता हैं. इस सीट पर कुल मतदाता 216232 हैं. इस सीट पर कुशवाहा, माली, ब्राह्मण, जाटव, लोधी एवं मुसलमान का प्रभाव रहता है.

सीट पर 1952 से लेकर 2018 तक का चुनावी सफरः वर्ष 1952 में यहां से कांग्रेस की टिकट पर श्रीगोपाल भार्गव विजयी रहे. इसके बाद 1957 में डॉ.बहादुर सिंह, 1962 में हरिशंकर हुण्डावाल सोशलिस्ट, 1967 में बनवारी लाल शर्मा कांग्रेस से विजयी रहे थे. इसके बाद 1972 में भी बनवारी लाल शर्मा कांग्रेस की टिकट पर विजयी रहे. 1977 में सरदार जगदीश सिंह जनता पार्टी से चुनाव जीते. वहीं, 1980 में कांग्रेस की टिकट पर बनवारी लाल शर्मा फिर से इस सीट पर काबिज हो गए थे.

RAJASTHAN SEAT SCAN,  RAJASTHAN ASSEMBLY ELECTION 2023
पिछले चार विधानसभा चुनाव का परिणाम.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: फतेहपुर शेखावाटी विधानसभा सीट पर कांग्रेस 7, भाजपा को 1 बार मिली कामयाबी, जानें समीकरण

इस सीट पर 1985 में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भाजपा की टिकट पर जीती थी, जबकि 1990 में भैरोंसिंह शेखावत भी भाजपा की टिकट पर जीत चुके हैं. इसके बाद 1993 में एक बार फिर बनवारी लाल शर्मा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को शिकस्त दी थी. वर्ष 1998 में भाजपा से शिवराम, 2003 में कांग्रेस से बनवारी लाल शर्मा, 2008 में भाजपा से अब्दुल सगीर को जीत हासिल हुई थी. 2013 में बीएसपी की टिकट पर बनवारी लाल कुशवाह जीते. इसके बाद 2017 में हुए उप चुनाव में बनवारी लाल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह विधायक बन गई. 2018 में शोभारानी कुशवाह भाजपा से दूसरी बार विधायक बनीं. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे जीजा डॉ शिवचरण कुशवाह को हराया था.

शोभारानी बोलीं, विकास दे दम पर मिलेगी जीतः विधायक शोभारानी कुशवाह ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में विधानसभा क्षेत्र का बुनियादी ढांचा काफी मजबूत हुआ है. सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी ओर से सराहनीय काम कराए गए हैं. उन्होंने बताया कि विकास के बल पर उनको विधानसभा क्षेत्र की जनता फिर से चुनेगी.

अब्दुल सगीर का दावा, उपेक्षित रहा विधानसभा क्षेत्रः पूर्व विधायक एवं पूर्व राज्य मंत्री अब्दुल सगीर ने विधानसभा क्षेत्र को लेकर कहा कि अपेक्षाओं के मुताबिक विधानसभा क्षेत्र का विकास नहीं हो सका है. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई मर्तबा खुले मंच से कहा है कि आप मांगते मांगते थक जाओगे, मैं देते नहीं थकूंगा. वर्तमान विधायक शोभारानी कुशवाह की विधानसभा क्षेत्र में विकास कराने की इच्छाशक्ति नहीं रही थी. विधानसभा क्षेत्र का बुनियादी ढांचा काफी कमजोर हो रहा है. उन्होंने कहा जब वह विधायक एवं राज्य मंत्री थे, उस समय धौलपुर में मेडिकल कॉलेज पॉलिटेक्निक कॉलेज, जिला अस्पताल के साथ सराहनीय विकास के काम हुए थे. सगीर ने कहा वर्तमान में वह आरएलपी सुप्रीमो जयंत चौधरी के साथ काम कर रहे हैं, उन्होंने विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी भी ठोकी है.

धौलपुर विधानसभा सीट.

धौलपुर. चंबल नदी के किनारे स्थित धौलपुर जिला बीहड़, अवैध बजरी और डकैतों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता आया है. इस जिले की भौगोलिग स्थिति की तरह ही राजनीति का ग्राफ भी हमेशा उतार-चढ़ाव भरा रहता है. इस जिले में केवल भाजपा और कांग्रेस ही नहीं बल्कि बसपा का भी खासा असर देखने को मिलता है. जिले की चार विधानसभा सीटों में से आज हम आपको धौलपुर विधानसभा सीट की गणित को समझा रहे हैं. इस सीट पर पिछले 20 साल में कांग्रेस, बसपा और भाजपा तीनों को विधायक का ताज पहनने का मौका मिला है, लेकिन वर्तमान में ये सीट विधायक शोभारानी कुशवाह के आसपास ही बनी हुई है.

शोभारानी कुशवाह के परिवार में ये सीट 2013 से गई है, तब से अभी तक इसी परिवार का कब्जा सीट पर बना हुआ है, हालांकि, 2008 से पहले इस सीट पर राजस्थान के दिग्गज राजनेता माने जाने वाले बनवारी लाल शर्मा के परिवार का दबदबा रहा है. यहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का वर्चस्व भी लगातार देखने को मिलता है.

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धौलपुर विधानसभा सीट पर मतदाताओं की स्थिति.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: राजाखेड़ा में फिर कांग्रेस होगी मजबूत या 'गढ़' में लगेगी सेंध, दो दिग्गज परिवारों के बीच दिलचस्प हो सकता है मुकाबला

पति बीएल कुशवाह के बाद शोभारानी बनी विधायकः वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में विधायक शोभारानी कुशवाह के पति बीएल कुशवाह को बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीत हासिल हुई थी, लेकिन उन्हें एक कत्ल की साजिश के मामले में आजीवन कारावास की सजा हो गई. इसके बाद इस सीट पर वर्ष 2017 में उपचुनाव कराया गया. उपचुनाव में बी एल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने टिकट देकर चुनाव लड़ाया था. इस चुनाव में शोभारानी कुशवाह कांग्रेस के प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को हराकर विजयी हुई थी.

इसके बाद वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में फिर से भाजपा ने शोभारानी कुशवाह को मैदान में उतारा और जीत हासिल हुई. शोभारानी कुशवाह राज्यसभा चुनाव में भाजपा से बगावत कर कांग्रेस के प्रत्याशी प्रमोद तिवारी को वोट देकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पाले में पहुंच गई.

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विधायक शोभारानी कुशवाह व शिवचरण कुशवाह.

2023 की राह शोभारानी के लिए चुनौतीपूर्णः 2023 का विधानसभा चुनाव विधायक शोभारानी कुशवाह के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इस सीट पर उनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी के साथ ही उनके सामने पूर्व के चुनाव की तरह ही सगे जीजा डॉक्टर शिवचरण कुशवाह भी टक्कर देने के लिए मैदान में उतर सकते हैं. वहीं, पूर्व विधायक अब्दुल सगीर और कांग्रेस से बीएसपी में शामिल हुए पूर्व सभापति रितेश शर्मा भी चुनाव को त्रिकोणीय बना सकते हैं. विधानसभा चुनाव 2023 में विधायक शोभारानी कुशवाह को उनके समाज के भीतर भी कई नेता चुनौती दे सकते हैं.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: आसींद से बीजेपी मारेगी जीत का 'चौका' या पलटेगा पासा, हर दल को चाहिए गुर्जर-ब्राह्मण के गठजोड़ का साथ

पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा की पारंपरिक सीटः चंबल घाटी की धौलपुर विधानसभा सीट पूर्व मंत्री बनवारीलाल शर्मा की पारंपरिक सीट रही थी. इस सीट पर पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा का मुकाबला पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से हुआ है. धौलपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बनवारी लाल शर्मा 5 बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन वर्ष 2008 से धौलपुर विधानसभा सीट उनके हाथ से निकल गई और बहुजन समाज पार्टी एवं भाजपा के खाते में चली गई. बनवारी लाल शर्मा के पुत्र अशोक शर्मा ने भी इस सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का दामन थाम लिया. चुनाव में अशोक शर्मा को सफलता नहीं मिल सकी. वर्ष 2022 में उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वर्तमान में बनवारी लाल शर्मा की पुत्रबधू नीरजा शर्मा राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाग्य आजमा सकती हैं.

RAJASTHAN SEAT SCAN,  RAJASTHAN ASSEMBLY ELECTION 2023
पिछले चुनाव में यह रहा नतीजा.

रही दल बदलने की राजनीतिः विधायक शोभारानी कुशवाह के परिवार की दल बदलने की राजनीति रही है. वर्ष 2013 के चुनाव में शोभारानी कुशवाह के पति बीएल कुशवाह बहुजन समाज पार्टी से विधायक चुने गए थे, लेकिन एक हत्या की साजिश के मामले में आजीवन कारावास की सजा मिली. वर्ष 2017 के उप चुनाव में बीएल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह ने बीएसपी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. 2018 का विधानसभा चुनाव भी शोभारानी कुशवाह ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की छत्रछाया में ही लड़ा था, लेकिन सत्ता परिवर्तन होने के बाद वर्ष 2020 में राजस्थान कांग्रेस में आए सियासी भूचाल में विधायक शोभारानी कुशवाह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीक पहुंच गई. इसका नतीजा यह रहा कि राज्यसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा से बगावत कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट दिया था. इस वजह से भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित भी कर दिया है.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: उदयपुर शहर विधानसभा सीट पर बीजेपी का दबदबा, क्या इस बार कांग्रेस देगी कड़ी टक्कर? जानें समीकरण

कांग्रेस की नहीं ली सदस्यता, काम जारीः राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट करने के बाद भाजपा से निष्कासित हुई विधायक शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है, लेकिन वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस के साथ काम कर रही हैं. 7 मई को राजाखेड़ा एवं 15 जून को बाड़ी में विधायक शोभारानी कुशवाह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मंच को साथ साझा किया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस की नजदीकी होने की वजह से शोभारानी कुशवाहा को ठगी एवं चिटफंड के मुकदमों में भी राहत मिली है.

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पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा व पूर्व विधायक अब्दुल सगीर.

सीट पर यह है मतदाताओं का आंकड़ाः धौलपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के आंकड़ों की बात की जाए तो 114739 पुरुष मतदाता हैं. वहीं, 101493 महिला मतदाता हैं. इस सीट पर कुल मतदाता 216232 हैं. इस सीट पर कुशवाहा, माली, ब्राह्मण, जाटव, लोधी एवं मुसलमान का प्रभाव रहता है.

सीट पर 1952 से लेकर 2018 तक का चुनावी सफरः वर्ष 1952 में यहां से कांग्रेस की टिकट पर श्रीगोपाल भार्गव विजयी रहे. इसके बाद 1957 में डॉ.बहादुर सिंह, 1962 में हरिशंकर हुण्डावाल सोशलिस्ट, 1967 में बनवारी लाल शर्मा कांग्रेस से विजयी रहे थे. इसके बाद 1972 में भी बनवारी लाल शर्मा कांग्रेस की टिकट पर विजयी रहे. 1977 में सरदार जगदीश सिंह जनता पार्टी से चुनाव जीते. वहीं, 1980 में कांग्रेस की टिकट पर बनवारी लाल शर्मा फिर से इस सीट पर काबिज हो गए थे.

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पिछले चार विधानसभा चुनाव का परिणाम.

पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: फतेहपुर शेखावाटी विधानसभा सीट पर कांग्रेस 7, भाजपा को 1 बार मिली कामयाबी, जानें समीकरण

इस सीट पर 1985 में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भाजपा की टिकट पर जीती थी, जबकि 1990 में भैरोंसिंह शेखावत भी भाजपा की टिकट पर जीत चुके हैं. इसके बाद 1993 में एक बार फिर बनवारी लाल शर्मा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को शिकस्त दी थी. वर्ष 1998 में भाजपा से शिवराम, 2003 में कांग्रेस से बनवारी लाल शर्मा, 2008 में भाजपा से अब्दुल सगीर को जीत हासिल हुई थी. 2013 में बीएसपी की टिकट पर बनवारी लाल कुशवाह जीते. इसके बाद 2017 में हुए उप चुनाव में बनवारी लाल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह विधायक बन गई. 2018 में शोभारानी कुशवाह भाजपा से दूसरी बार विधायक बनीं. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे जीजा डॉ शिवचरण कुशवाह को हराया था.

शोभारानी बोलीं, विकास दे दम पर मिलेगी जीतः विधायक शोभारानी कुशवाह ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में विधानसभा क्षेत्र का बुनियादी ढांचा काफी मजबूत हुआ है. सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी ओर से सराहनीय काम कराए गए हैं. उन्होंने बताया कि विकास के बल पर उनको विधानसभा क्षेत्र की जनता फिर से चुनेगी.

अब्दुल सगीर का दावा, उपेक्षित रहा विधानसभा क्षेत्रः पूर्व विधायक एवं पूर्व राज्य मंत्री अब्दुल सगीर ने विधानसभा क्षेत्र को लेकर कहा कि अपेक्षाओं के मुताबिक विधानसभा क्षेत्र का विकास नहीं हो सका है. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई मर्तबा खुले मंच से कहा है कि आप मांगते मांगते थक जाओगे, मैं देते नहीं थकूंगा. वर्तमान विधायक शोभारानी कुशवाह की विधानसभा क्षेत्र में विकास कराने की इच्छाशक्ति नहीं रही थी. विधानसभा क्षेत्र का बुनियादी ढांचा काफी कमजोर हो रहा है. उन्होंने कहा जब वह विधायक एवं राज्य मंत्री थे, उस समय धौलपुर में मेडिकल कॉलेज पॉलिटेक्निक कॉलेज, जिला अस्पताल के साथ सराहनीय विकास के काम हुए थे. सगीर ने कहा वर्तमान में वह आरएलपी सुप्रीमो जयंत चौधरी के साथ काम कर रहे हैं, उन्होंने विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी भी ठोकी है.

Last Updated : Dec 1, 2023, 5:32 PM IST
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