बसेड़ी (धौलपुर). प्रदेश में शिक्षा विभाग राजकीय स्कूलों में बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और बेहतर व्यवस्थाएं होने का दावा करता है, लेकिन ईटीवी भारत अपने दर्शकों को शिक्षा विभाग की हकीकत से रूबरू करा रहा है. जिसे देख पुलिस, प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी दंग रह गए.
उपखंड के चांदपुरा में राज्य सरकार ने ग्रामीण बच्चों को उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय संचालित किया हुआ है. लेकिन स्कूल में संसाधनो का अभाव होने के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. आलम यह है कि 12 कक्षाएं, स्टोर, कार्यालय और किचन सिर्फ चार कक्षाकक्षों में संचालित हो रहे है. जिससे स्कूल में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित बनी हुई है.
मंगलवार को चांदपुरा स्कूल में एसड़ीएम जगदीश गुर्जर, ड़ीएसपी हरिराम मीणा और सीबीईओ रामखिलाड़ी ने शिक्षक के स्थानांतरण होने पर छात्रों के विरोध को देखते हुए स्कूल का दौरा किया. स्कूल में बच्चों को एकत्रित कर एसड़ीएम ने ट्रांसफर को सामान्य प्रक्रिया बताते हुए विरोध को गलत बताया.
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वहीं, सड़क जाम और तालाबंदी जैसी वारदात में छात्रों को शामिल देख नाराजगी जताई. उन्होने कहा कि ट्रांसफर सरकार की सामान्य प्रक्रिया है. बच्चों को ट्रांसफर की प्रक्रिया में शामिल कर सड़क जाम कराना, स्कूल में तालाबंदी कराना अनुशासन के खिलाफ है.
एसड़ीएम ने बच्चों को शिक्षण व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित कर अध्ययन करने का सुझाब दिया. वहीं, शिक्षको को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर सख्त कार्यवाही अमल में लाने की नसीहत दी. इस दौरान ड़ीएसपी हरिराम मीणा ने सड़क जाम करने पर बच्चों को कानून की जानकारी दी. वहीं, भविष्य खराब होने का हवाला देते हुए ऐसी घटनाओं से दूर रहने का सुझाव दिया.