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शिक्षक के तबादले पर छात्रों ने काटा जमकर हंगामा...मौके पर पहुंची पुलिस - Sdm Jagdish Gurjar

धौलपुर के बसेड़ी में सोमवार को सरमथुरा उपखंड़ के चांदपुरा स्कूल में शिक्षक के स्थानांतरण को लेकर बच्चों की ओर से सड़क जाम और विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मंगलवार को पुलिस, प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल में पहुंचकर बच्चों से समझाइश की. इसके साथ ही ट्रांसफर की नीति में नहीं पड़ने की नसीहत देते हुए शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया.

धौलपुर की खबर, DSP Hariram Meena
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Published : Oct 1, 2019, 11:32 PM IST

बसेड़ी (धौलपुर). प्रदेश में शिक्षा विभाग राजकीय स्कूलों में बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और बेहतर व्यवस्थाएं होने का दावा करता है, लेकिन ईटीवी भारत अपने दर्शकों को शिक्षा विभाग की हकीकत से रूबरू करा रहा है. जिसे देख पुलिस, प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी दंग रह गए.

शिक्षक का ट्रांसफर होने पर बच्चों का विरोध

उपखंड के चांदपुरा में राज्य सरकार ने ग्रामीण बच्चों को उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय संचालित किया हुआ है. लेकिन स्कूल में संसाधनो का अभाव होने के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. आलम यह है कि 12 कक्षाएं, स्टोर, कार्यालय और किचन सिर्फ चार कक्षाकक्षों में संचालित हो रहे है. जिससे स्कूल में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित बनी हुई है.

मंगलवार को चांदपुरा स्कूल में एसड़ीएम जगदीश गुर्जर, ड़ीएसपी हरिराम मीणा और सीबीईओ रामखिलाड़ी ने शिक्षक के स्थानांतरण होने पर छात्रों के विरोध को देखते हुए स्कूल का दौरा किया. स्कूल में बच्चों को एकत्रित कर एसड़ीएम ने ट्रांसफर को सामान्य प्रक्रिया बताते हुए विरोध को गलत बताया.

पढ़ें- 'मैं ज्योतिषी तो नहीं...लेकिन मुझे आभास होने लगा है कि समय से पहले गिर सकती है गहलोत सरकार'

वहीं, सड़क जाम और तालाबंदी जैसी वारदात में छात्रों को शामिल देख नाराजगी जताई. उन्होने कहा कि ट्रांसफर सरकार की सामान्य प्रक्रिया है. बच्चों को ट्रांसफर की प्रक्रिया में शामिल कर सड़क जाम कराना, स्कूल में तालाबंदी कराना अनुशासन के खिलाफ है.

एसड़ीएम ने बच्चों को शिक्षण व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित कर अध्ययन करने का सुझाब दिया. वहीं, शिक्षको को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर सख्त कार्यवाही अमल में लाने की नसीहत दी. इस दौरान ड़ीएसपी हरिराम मीणा ने सड़क जाम करने पर बच्चों को कानून की जानकारी दी. वहीं, भविष्य खराब होने का हवाला देते हुए ऐसी घटनाओं से दूर रहने का सुझाव दिया.

बसेड़ी (धौलपुर). प्रदेश में शिक्षा विभाग राजकीय स्कूलों में बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और बेहतर व्यवस्थाएं होने का दावा करता है, लेकिन ईटीवी भारत अपने दर्शकों को शिक्षा विभाग की हकीकत से रूबरू करा रहा है. जिसे देख पुलिस, प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी दंग रह गए.

शिक्षक का ट्रांसफर होने पर बच्चों का विरोध

उपखंड के चांदपुरा में राज्य सरकार ने ग्रामीण बच्चों को उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय संचालित किया हुआ है. लेकिन स्कूल में संसाधनो का अभाव होने के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. आलम यह है कि 12 कक्षाएं, स्टोर, कार्यालय और किचन सिर्फ चार कक्षाकक्षों में संचालित हो रहे है. जिससे स्कूल में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित बनी हुई है.

मंगलवार को चांदपुरा स्कूल में एसड़ीएम जगदीश गुर्जर, ड़ीएसपी हरिराम मीणा और सीबीईओ रामखिलाड़ी ने शिक्षक के स्थानांतरण होने पर छात्रों के विरोध को देखते हुए स्कूल का दौरा किया. स्कूल में बच्चों को एकत्रित कर एसड़ीएम ने ट्रांसफर को सामान्य प्रक्रिया बताते हुए विरोध को गलत बताया.

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वहीं, सड़क जाम और तालाबंदी जैसी वारदात में छात्रों को शामिल देख नाराजगी जताई. उन्होने कहा कि ट्रांसफर सरकार की सामान्य प्रक्रिया है. बच्चों को ट्रांसफर की प्रक्रिया में शामिल कर सड़क जाम कराना, स्कूल में तालाबंदी कराना अनुशासन के खिलाफ है.

एसड़ीएम ने बच्चों को शिक्षण व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित कर अध्ययन करने का सुझाब दिया. वहीं, शिक्षको को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर सख्त कार्यवाही अमल में लाने की नसीहत दी. इस दौरान ड़ीएसपी हरिराम मीणा ने सड़क जाम करने पर बच्चों को कानून की जानकारी दी. वहीं, भविष्य खराब होने का हवाला देते हुए ऐसी घटनाओं से दूर रहने का सुझाव दिया.

Intro:सोमवार को सरमथुरा उपखंड़ के चांदपुरा स्कूल में शिक्षक के स्थानांतरण को लेकर बच्चों द्वारा सड़क जाम व विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मंगलवार को पुलिस, प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल में पहुॅचकर बच्चों से समझाइस की तथा ट्रांसफर की नीति में नही पड़ने की नसीहत देते हुए शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाब दिया।Body:बसेड़ी (धौलपुर)। प्रदेश में शिक्षा विभाग राजकीय स्कूलों में बच्चो को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व बेहतर व्यवस्थाएं होने का दावा करता है लेकिन ईटीवी भारत अपने दर्शकों को शिक्षा विभाग की हकीकत से रूबरू करा रहा है। जिसे देख पुलिस, प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारी भी दंग रह गए। उपखंड के चांदपुरा में राज्य सरकार ने ग्रामीण बच्चों को उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय संचालित किया हुआ है। लेकिन स्कूल में संसाधनो का अभाव होने के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। आलम यह है कि 12 कक्षाएं, स्टोर, कार्यालय व किचन सिर्फ चार कक्षाकक्षों में संचालित हो रहे है। जिससे स्कूल में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित बनी हुई है।
मंगलवार को चांदपुरा स्कूल में एसड़ीएम जगदीश गुर्जर, ड़ीएसपी हरिराम मीणा व सीबीईओ रामखिलाड़ी ने शिक्षक के स्थानांतरण होने पर छात्रों के विरोध को देखते हुए स्कूल का दौरा किया। स्कूल में बच्चों को एकत्रित कर एसड़ीएम ने ट्रांसफर को सामान्य प्रक्रिया बताते हुए विरोध को गलत बताया वही सड़क जाम व तालाबंदी जैसी वारदात में छात्रों को शामिल देख नाराजगी जताई। उन्होने कहा कि ट्रांसफर सरकार की सामान्य प्रक्रिया है बच्चों को ट्रांसफर की प्रक्रिया में शामिल कर सड़क जाम कराना, स्कूल में तालाबंदी कराना अनुशासन के खिलाफ है। एसड़ीएम ने बच्चों को शिक्षण व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित कर अध्ययन करने का सुझाब दिया। वही शिक्षको को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर सख्त कार्यवाही अमल में लाने की नसीहत दी। इसदौरान ड़ीएसपी हरिराम मीणा ने सड़क जाम करने पर बच्चों को कानून की जानकारी दी वही भविष्य खराब होने का हवाला देते हुए ऐसी घटनाओं से दूर रहने का सुझाब दिया।

स्कूल की व्यवस्थाओं को देख एसड़ीएम रह गए दंग

चांदपुरा स्कूल में व्यवस्थाओं को देख एसड़ीएम दंग रह गए। उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूल को सिर्फ चार कक्षाकक्षों में संचालित किया हुआ था। स्कूल के 1 नम्बर कक्ष में कक्षा 8,10 व 11 वीं कक्षा संचालित थी वही 2 नम्बर में 12 वीं व प्रधानाचार्य कार्यालय, 3 नम्बर में 6, 7 व 9 वीं कक्षा के साथ स्टोर व किचन संचालित थी। इसीप्रकार 4 नम्बर में कक्षा 1 से लेकर 5 तक की कक्षाएं चल रही थी। जिसे देख एसड़ीएम व शिक्षा विभाग के अधिकारी दंग रह गए। जबकि स्कूल का पुराना भवन पूरी तरह खाली पड़ा हुआ था।


बेटियों के शौचालय को देख एसड़ीएम हुए नाराज

स्कूल में शिक्षा की व्यवस्था ही प्रभावित नही थी बल्कि बेटियों की अस्मिता के साथ भी खिलवाड़ किया हुआ था। स्कूल में बेटियों के लिए पृथक शौचालय की कोई व्यवस्था नही थी जबकि स्कूल प्रबंधन ने दोनो दीवारो के मध्य टीन लगाकर शौचालय बनाया हुआ था। लेकिन पीछे से पूरी तरह खुला हुआ था। एसड़ीएम को ईटीवी संवाददाता ने हकीकत से रूबरू कराया तो एसड़ीएम नाराज हो गए तथा तुरंत बेटियों के लिए शौचालय निर्माण कराने के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारी को दिए।

वाइट 1- जगदीश गुर्जर एसड़ीएम सरमथुरा
वाइट 2-रामखिलाड़ी सीबीईओ बसेड़ीConclusion:
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