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धौलपुर के जाटों ने आरक्षण की मांग को लेकर भरी हुंकार, जयपुर में 25 दिसंबर से महापड़ाव की चेतावनी

धौलपुर में गुरुवार को राजस्थान युवा जाट महासभा के पदाधिकारियों ने ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान जाट समाज के लोगों ने मांगें पूरी नहीं होने पर जयपुर में 25 दिसंबर 2020 से महापड़ाव की भी चेतावनी दी है.

Chief Minister Ashok Gehlot, जाट आंदोलन धौलपुर, OBC Reservation
ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
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Published : Dec 17, 2020, 3:32 PM IST

धौलपुर. जिले के राजस्थान युवा जाट महासभा के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन प्रेषित किया है. कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से राजस्थान युवा जाट महासभा के पदाधिकारियों ने केंद्र में ओबीसी आरक्षण में शामिल करने की मांग की है.

उच्चतम न्यायालय की ओर से 17 मार्च 2015 को केंद्र में ओबीसी आरक्षण से भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज को वंचित कर दिया था. जिसे लेकर जाट समाज फिर से लामबंद हो गया है. जाट समाज के लोगों ने जयपुर में 25 दिसंबर 2020 से महापड़ाव की भी चेतावनी दी है.

जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में राजस्थान युवा जाट महासभा के पदाधिकारियों ने बताया कि भरतपुर धौलपुर जिले के जाटों को सर्वप्रथम 10 जनवरी 2000 को राज्य में ओबीसी वर्ग में शामिल किया गया था. उसके बाद केंद्र में भी दोनों जिलों के जाट समाज को 4 मार्च 2014 को ओबीसी वर्ग में सम्मिलित किया गया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय की ओर से 17 मार्च 2015 को केंद्र में लागू हुए ओबीसी आरक्षण से जाट समाज को बाहर कर दिया गया.

ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

वहीं, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट और सिफारिश के आधार पर पुनः राज्य में 23 अगस्त 2017 को ओबीसी वर्ग में जाट समाज को शामिल कर लिया गया, लेकिन राज्य में ओबीसी सूची में सम्मिलित होने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से अभी तक केंद्र में भरतपुर धौलपुर जिले के जाटों को ओबीसी वर्ग में सम्मिलित करने की सिफारिश नहीं भेजी गई है. ऐसे में जाट समाज राज्य सरकार से शीघ्र ही केंद्र के ओबीसी वर्ग में सम्मिलित कराने की सिफारिश की मांग करता है.

पढ़ें- धौलपुर: पुरानी रंजिश को लेकर दो सगे भाइयों को मारी गोली

उन्होंने बताया राज्य में 10 अगस्त 2015 से 23 अगस्त 2017 के मध्य अवधि में भरतपुर धौलपुर जिले के जाट समुदाय को ओबीसी आरक्षण से लंबित कर दिया गया. जिसके कारण 2013 से 2017 तक के मध्य आयोजित विभिन्न भर्तियों में जाट समाज के अभ्यर्थियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है. जाट समाज के पदाधिकारियों ने बताया फरवरी 2016 और 2017 में भरतपुर धौलपुर जिले के जाटों को ओबीसी वर्ग में शामिल करने के लिए किए गए आंदोलन और संघर्ष के दौरान मुकदमें दर्ज किए गए थे, लेकिन राजस्थान सरकार ने दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया है.

राजस्थान युवा जाट महासभा के पदाधिकारियों ने गुरुवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया है. ज्ञापन के माध्यम से जाट समाज को ओबीसी वर्ग में केंद्र सरकार में शामिल करने की सिफारिश की मांग की है. जाट समाज के पदाधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने जाट समाज को ओबीसी वर्ग में सम्मिलित करने के लिए सिफारिश नहीं की गई तो 25 दिसंबर 2020 से जयपुर राजधानी में महापड़ाव डाला जाएगा.

धौलपुर. जिले के राजस्थान युवा जाट महासभा के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन प्रेषित किया है. कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से राजस्थान युवा जाट महासभा के पदाधिकारियों ने केंद्र में ओबीसी आरक्षण में शामिल करने की मांग की है.

उच्चतम न्यायालय की ओर से 17 मार्च 2015 को केंद्र में ओबीसी आरक्षण से भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज को वंचित कर दिया था. जिसे लेकर जाट समाज फिर से लामबंद हो गया है. जाट समाज के लोगों ने जयपुर में 25 दिसंबर 2020 से महापड़ाव की भी चेतावनी दी है.

जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में राजस्थान युवा जाट महासभा के पदाधिकारियों ने बताया कि भरतपुर धौलपुर जिले के जाटों को सर्वप्रथम 10 जनवरी 2000 को राज्य में ओबीसी वर्ग में शामिल किया गया था. उसके बाद केंद्र में भी दोनों जिलों के जाट समाज को 4 मार्च 2014 को ओबीसी वर्ग में सम्मिलित किया गया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय की ओर से 17 मार्च 2015 को केंद्र में लागू हुए ओबीसी आरक्षण से जाट समाज को बाहर कर दिया गया.

ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

वहीं, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट और सिफारिश के आधार पर पुनः राज्य में 23 अगस्त 2017 को ओबीसी वर्ग में जाट समाज को शामिल कर लिया गया, लेकिन राज्य में ओबीसी सूची में सम्मिलित होने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से अभी तक केंद्र में भरतपुर धौलपुर जिले के जाटों को ओबीसी वर्ग में सम्मिलित करने की सिफारिश नहीं भेजी गई है. ऐसे में जाट समाज राज्य सरकार से शीघ्र ही केंद्र के ओबीसी वर्ग में सम्मिलित कराने की सिफारिश की मांग करता है.

पढ़ें- धौलपुर: पुरानी रंजिश को लेकर दो सगे भाइयों को मारी गोली

उन्होंने बताया राज्य में 10 अगस्त 2015 से 23 अगस्त 2017 के मध्य अवधि में भरतपुर धौलपुर जिले के जाट समुदाय को ओबीसी आरक्षण से लंबित कर दिया गया. जिसके कारण 2013 से 2017 तक के मध्य आयोजित विभिन्न भर्तियों में जाट समाज के अभ्यर्थियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है. जाट समाज के पदाधिकारियों ने बताया फरवरी 2016 और 2017 में भरतपुर धौलपुर जिले के जाटों को ओबीसी वर्ग में शामिल करने के लिए किए गए आंदोलन और संघर्ष के दौरान मुकदमें दर्ज किए गए थे, लेकिन राजस्थान सरकार ने दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया है.

राजस्थान युवा जाट महासभा के पदाधिकारियों ने गुरुवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया है. ज्ञापन के माध्यम से जाट समाज को ओबीसी वर्ग में केंद्र सरकार में शामिल करने की सिफारिश की मांग की है. जाट समाज के पदाधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने जाट समाज को ओबीसी वर्ग में सम्मिलित करने के लिए सिफारिश नहीं की गई तो 25 दिसंबर 2020 से जयपुर राजधानी में महापड़ाव डाला जाएगा.

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