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धौलपुर में कनागत के आखिरी दिन पितृों को भोजन कराकर किया तर्पण...

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Published : Sep 28, 2019, 7:37 PM IST

धौलपुर में कनागत के आखिरी दिन लोगों ने पितृों को याद कर श्रद्धा से तर्पण कर भावभीनी विदाई दी. वहीं, कनागत के 16 दिन के लिए पितृों का आह्वान कर लोगों की ओर से श्राद्ध किया गया.

धौलपुर की खबर, Historical Pilgrimage Machkund

धौलपुर. जिले भर में शनिवार को कनागत के आखिरी दिन सनातन धर्म के लोगों ने पितृ पक्ष को श्राद्ध कर श्रद्धा से भोजन कराकर तर्पण कर भावभीनी विदाई दी. जिले के ऐतिहासिक मचकुंड सरोवर, चंबल नदी और पार्वती नदी में सनातन धर्म के लोगों ने बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ पितृों को तर्पण किया.

ऐतिहासिक मचकुंड सरोवर में लोगों ने पितृों को किया याद

गौरतलब है कि 16 दिन पूर्व शुरू हुए कनागत का शनिवार को समापन हो गया. जिले के ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर और चंबल नदी व पार्वती नदी में लोगों ने आस्था और श्रद्धा के साथ श्राद्ध कर पितृों को भोजन कराया. परलोक सिधार चुके पूर्वजों को याद कर लोगों ने श्रद्धांजलि देकर भावभीनी विदाई दी.

पढ़ें- CM के दौरे को लेकर भीलवाड़ा के समारोह स्थल पर जुटने लगी भीड़

वहीं, शनिवार को सर्व पितृ अमावस्या के दिन चरणावती गंगा पर पितरों की संपूर्णता के लिए सरोवर तालाब और नदियों पर तर्पण किया गया. कर्णागत के 16 दिन के लिए पितृों का आह्वान कर लोगों की ओर से श्राद्ध किया गया. श्राद्ध कर देवताओं और पितृों को उनकी आत्मा को प्रसन्न करने के लिए आस्था पूर्वक भोजन कराया.

भोजन कराने के बाद देवता की संपूर्णता के लिए तर्पण किया गया. देवताओं को तर्पण कर विसर्जन कर चारनावती गंगा पर बैकुंठ वास के लिए रवाना कर दिया. कर्णागत के श्राद्ध पितृों की आत्मा की शांति मोक्ष और परमगति के लिए आयोजित किए जाते हैं.

धौलपुर. जिले भर में शनिवार को कनागत के आखिरी दिन सनातन धर्म के लोगों ने पितृ पक्ष को श्राद्ध कर श्रद्धा से भोजन कराकर तर्पण कर भावभीनी विदाई दी. जिले के ऐतिहासिक मचकुंड सरोवर, चंबल नदी और पार्वती नदी में सनातन धर्म के लोगों ने बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ पितृों को तर्पण किया.

ऐतिहासिक मचकुंड सरोवर में लोगों ने पितृों को किया याद

गौरतलब है कि 16 दिन पूर्व शुरू हुए कनागत का शनिवार को समापन हो गया. जिले के ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर और चंबल नदी व पार्वती नदी में लोगों ने आस्था और श्रद्धा के साथ श्राद्ध कर पितृों को भोजन कराया. परलोक सिधार चुके पूर्वजों को याद कर लोगों ने श्रद्धांजलि देकर भावभीनी विदाई दी.

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वहीं, शनिवार को सर्व पितृ अमावस्या के दिन चरणावती गंगा पर पितरों की संपूर्णता के लिए सरोवर तालाब और नदियों पर तर्पण किया गया. कर्णागत के 16 दिन के लिए पितृों का आह्वान कर लोगों की ओर से श्राद्ध किया गया. श्राद्ध कर देवताओं और पितृों को उनकी आत्मा को प्रसन्न करने के लिए आस्था पूर्वक भोजन कराया.

भोजन कराने के बाद देवता की संपूर्णता के लिए तर्पण किया गया. देवताओं को तर्पण कर विसर्जन कर चारनावती गंगा पर बैकुंठ वास के लिए रवाना कर दिया. कर्णागत के श्राद्ध पितृों की आत्मा की शांति मोक्ष और परमगति के लिए आयोजित किए जाते हैं.

Intro:धौलपुर जिले भर में आज शनिवार को कर्णगत के आखिरी दिन सनातन धर्म के लोगों ने पित्र पक्ष को श्राद्ध कर श्रद्धा से भोजन कराकर तर्पण कर भावभीनी विदाई दी गई। जिले के ऐतिहासिक मचकुंड सरोवर चंबल नदी एवं पार्वती नदी में सनातन धर्म के लोगों ने बड़ी श्रद्धा एवं आस्था के साथ पितरों को तर्पण किया।





Body:गौरतलब है कि 16 दिन पूर्व शुरू हुए कारनागतों का आज समापन हो गया। जिले के ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर एवं चंबल नदी व पार्वती नदी में लोगों ने आस्था एवं श्रद्धा के साथ श्राद्ध कर पितरों को भोजन कराया। परलोक सिधार चुके पूर्वजों को याद कर लोगों ने श्रद्धांजलि देकर भावभीनी विदाई दी। आज शनिवार को सर्व पितृ अमावस्या के दिन चरणावती गंगा पर पितरों की संपूर्णता के लिए सरोवर तालाब एवं नदियों पर तर्पण किया गया। कनागत के 16 दिन के लिए पितरों का आह्वान कर लोगों द्वारा श्राद्ध किया गया। श्राद्ध कर देवताओं और पितरों को उनकी आत्मा को प्रसन्न करने के लिए आस्था पूर्वक भोजन कराया। उसके बाद देवता की संपूर्णता के लिए तर्पण किया गया।


Conclusion:देवताओं को तर्पण कर बिसर्जन कर चारनावती गंगा पर बैकुंठ वास के लिए रवाना कर दिया। करनागत के श्राद्ध पितरों की आत्मा की शांति मोक्ष और परमगति के लिए आयोजित किए जाते हैं।
Byte - मुन्ना लाल शर्मा,शास्त्री
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Neeraj Sharma
Dholpur

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