धौलपुर. जिले में लॉकडाउन का फायदा उठाने में खनन माफिया सक्रिय हो गए हैं. खनन माफियाओं ने नरपुरा गांव के पास पत्थर की खुदाई करते हुए विद्युत टावरों को निशाना बनाया है. 33 केवी के टावर के चारों तरफ खुदाई करने से टावर की बुनियाद कमजोर हो गई है. जिसके कारण विद्युत टावर कभी भी गिर सकता है.
जिससे बड़ा हादसा तो होगा ही साथ में भरतपुर-धौलपुर जिले की विद्युत आपूर्ति भी महीनों तक प्रभावित हो सकती है. विद्युत निगम की तरफ से खनिज विभाग को कई बार लिखित में पत्र देकर अवगत भी कराया है, लेकिन खनन माफियाओं के खिलाफ विभाग की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया है. जिसके कारण विद्युत टावर हादसे का इंतजार कर रहा है.
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डिस्कॉम के अधिकारियों ने शुक्रवार को टावर के पास पहुंचकर उसका निरीक्षण किया. टावर के चारों तरफ खुदाई होने से बुनियाद पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है. जो कभी भी हादसे का सबब बन सकती है.
गौरतलब है कि कोविड-19 संक्रमित पाए इलाकों में कर्फ्यू लगने से पुलिस और प्रशासन व्यस्त हो गया है. वहीं पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया हुआ है. इसका फायदा और लाभ जिले के खनन माफियाओं ने उठाना शुरू कर दिया है. नरपुरा गांव के पास पत्थर खनन माफियाओं ने विद्युत पावर को ही निशाना बना डाला.
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33 केवी लाइन के टावर के चारों तरफ खुदाई करने से बुनियाद पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है. आलम यहां तक पहुंच गया है कि टावर कभी भी गिर सकता है. जिसके कारण बड़ा हादसा होना स्वाभाविक है. उसके अलावा धौलपुर का 220 केवी का प्रोजेक्ट पूरा डंप हो जाएगा.
विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता सोन सिंह मीणा ने बताया 33 केवी भरतपुर-धौलपुर लाइन का टावर नरपुरा गांव के पास स्थित है. जिसके चारों तरफ पिछले लंबे समय से अवैध खनन किया जा रहा है. पत्थर की खुदाई होने से 33 केवी टावर की बुनियाद पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है. जिसके कारण टावर कभी भी गिर सकता है.
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मीणा ने कहा कि समस्या को लेकर कई बार माइनिंग विभाग को लिखित में अवगत करा दिया गया है, लेकिन अभी तक पत्थर खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई हैं. खनन माफियाओं द्वारा लॉकडाउन का फायदा उठाया जा रहा है. शुक्रवार को डिस्कॉम के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर हालातों का जायजा लिया. समय रहते प्रशासन पुलिस और खनिज विभाग ने प्रभावी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया तो 220 केवी विद्युत प्रोजेक्ट पूरा डंप हो जाएगा.