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चिकित्सा क्षेत्र की बड़ी कामयाबी, डॉक्टर ने कहा- सांप का डसना अब जानलेवा नहीं - चिकित्सा क्षेत्र न्यूज

धौलपुर के एक दिवसीय मेडिकल शिविर में पहुंचे डॉ. रामकेश सिंह परमार सहा ने सर्प काटने को लेकर ईटीवी भारत से खास वार्ता में एक अहम जानकारी दी. इसे मेडिकल सिस्टम की बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है.

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Published : Sep 4, 2019, 2:41 PM IST

Updated : Sep 4, 2019, 4:20 PM IST

धौलपुर. देश के कई जगहों से आए दिन सांप काटने के तमाम मामले सामने आते हैं. प्राय: ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जानकारी के अभाव में नीम-हाकिम, झाड़ भूंक और भोपाओं के झांसे में आकर जान से हाथ धो बैठते हैं. लेकिन अब लोगों को ऐसा करने की आवश्यकता नहीं होगी.

धौलपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रामकेश सिंह परमार

जी हां, धौलपुर में आयोजित एक दिवसीय मेडिकल शिविर में डॉ. रामकेश ने एक महत्तवपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब सर्प काटने पर किसी को घबराने की जरुरत नहीं है. क्योंकि इसके उपचार के लिए सभी जरूरी दवाईयां उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि वे अपनी चिकित्सा सेवा के दौरान वे हजारों मरीजों को उपचार देकर नया जीवन प्रदान किए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश कोबरा, अजगर जैसे बिषैले सर्प पाए जाते हैं. जो किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में ग्रामीण नीम-हकीमों के पास चले जाते हैं और मजबूरन उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है. लेकिन अब चिकित्सा क्षेत्र में सर्प के काटने का उचित और सम्पूर्ण उपचार उपलब्ध है.

पढ़ें: जयपुर: रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र के अतिक्रमण के हालातों की हुई समीक्षा

डॉ. ने बताया कि कोबरा सर्प के काटने से मनुष्य के शरीर के नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है. जिसमे मरीज को बेहोशी, नींद और अधिक स्वांस लेने में तकलीफ होती है. इस कारण मरीज की जान चली जाती है. मेडिसन में इसके जहर को खत्म करने के लिए एंटी स्नेक वीनोम देकर सर्प दंश के जहर के प्रभाव से बचा जा सकता है. डॉ रामकेश ने बताया कि सर्प दंश के शिकार लोग घबराएं न. क्योंकि चिकित्सा के क्षेत्र में इसका सम्पूर्ण उपचार संभव है, जिसका समय रहते लाभ उठाया जा सकता है.

धौलपुर. देश के कई जगहों से आए दिन सांप काटने के तमाम मामले सामने आते हैं. प्राय: ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जानकारी के अभाव में नीम-हाकिम, झाड़ भूंक और भोपाओं के झांसे में आकर जान से हाथ धो बैठते हैं. लेकिन अब लोगों को ऐसा करने की आवश्यकता नहीं होगी.

धौलपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रामकेश सिंह परमार

जी हां, धौलपुर में आयोजित एक दिवसीय मेडिकल शिविर में डॉ. रामकेश ने एक महत्तवपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब सर्प काटने पर किसी को घबराने की जरुरत नहीं है. क्योंकि इसके उपचार के लिए सभी जरूरी दवाईयां उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि वे अपनी चिकित्सा सेवा के दौरान वे हजारों मरीजों को उपचार देकर नया जीवन प्रदान किए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश कोबरा, अजगर जैसे बिषैले सर्प पाए जाते हैं. जो किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में ग्रामीण नीम-हकीमों के पास चले जाते हैं और मजबूरन उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है. लेकिन अब चिकित्सा क्षेत्र में सर्प के काटने का उचित और सम्पूर्ण उपचार उपलब्ध है.

पढ़ें: जयपुर: रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र के अतिक्रमण के हालातों की हुई समीक्षा

डॉ. ने बताया कि कोबरा सर्प के काटने से मनुष्य के शरीर के नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है. जिसमे मरीज को बेहोशी, नींद और अधिक स्वांस लेने में तकलीफ होती है. इस कारण मरीज की जान चली जाती है. मेडिसन में इसके जहर को खत्म करने के लिए एंटी स्नेक वीनोम देकर सर्प दंश के जहर के प्रभाव से बचा जा सकता है. डॉ रामकेश ने बताया कि सर्प दंश के शिकार लोग घबराएं न. क्योंकि चिकित्सा के क्षेत्र में इसका सम्पूर्ण उपचार संभव है, जिसका समय रहते लाभ उठाया जा सकता है.

Intro:धौलपुर जिले में एक दिवसीय मेडिकल शिविर में पहुंचे डॉ रामकेश सिंह परमार सहा, प्रोफ़ेसर मेडिसन,गोल्ड मेडलिस्ट,एमबीबीएस,एमडी,डीएनबी ,पीजीडीसीई [यूके ] ,आईडी स्पेस्लिस्ट,सबाई मान सिंह अस्पताल जयपुर राजस्थान ने ईटीवी भारत से ख़ास वार्ता में कहा कि अब सर्प काटना जानलेवा नहीं है। मेडिकल के अंदर सर्प काटने वाले मरीजों के लिए सभी प्रकार की दबाएं मौजूद है। जिनसे सर्प दंश के शिकार मरीजों को बचाया जा सकता है।


Body:डॉ रामकेश ने कहा कि प्राय ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जानकारी के अभाव में नीम हाकिम झाड़भूँक और भोपाओं के झांसे में आकर जान से हाथ धो बैठते है। डॉ रामकेश ने बताया कि उन्होंने अपनी चिकित्सा सेवा के दौरान करीब हजारों मरीजों को उपचार देकर नया जीवन प्रदान किया है। डॉ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश कोबरा,अजगर आदि बिषेले सर्प पाए जाते है। जो किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अपना शिकार बना लेते है। लेकिन जानकारी के अभाव में ग्रामीण नीम हकीमों के पास चले जाते है ,जिससे मरीज की उचित इलाज के अभाव में जान चली जाती है। लेकिन चिकित्सा क्षेत्र में सर्प के काटने का उचित और सम्पूर्ण उपचार उपलब्ध है। डॉ ने बताया कि कोबरा सर्प के काटने से मनुष्य के शरीर के नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। जिसमे मरीज को बेहोशी नींद अधिक स्वांस लेने में तकलीफ होती है। जिसके कारण मरीज की जान चली जाती है। मेडिसन में इसके जहर को खत्म करने के लिए एंटी स्नेक वीनोम देकर सर्प दंश के जहर के प्रभाव से बचा जा सकता है। उसके अलावा वाइपर [अजगर ]जो कि वस्कुलोटोक्सिक जिससे व्यक्ति के पूरे शरीर में सूजन होने के खून पतला होने के कारण गुर्दे काम करना बंद कर देते है। जिससे मरीज की मृत्यु तक हो जाती है। 





Conclusion:डॉ रामकेश ने बताया कि सर्प दंश के शिकार लोग घबराएं नहीं चिकित्सा के क्षेत्र में सम्पर्ण उपचार संभव है। जिसका समय रहते हुए लाभ उठाया जा सकता है। 
Byte - डॉ रामकेश सिंह परमार,वरिष्ठ चिकित्सक सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर
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Neeraj Sharma
Dholpur
Last Updated : Sep 4, 2019, 4:20 PM IST
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