धौलपुर. शहर के तीर्थराज मचकुंड पर रविवार को सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित हुआ. शहर के एक समाजसेवी ने एक मंच पर हिंदू-मुस्लिम और सिख बेटियों का कन्यादान कर उन्हीं के धर्म के मुताबिक विवाह संपन्न कराया. इनमें अधिकांश बेटियां अनाथ और गरीब हैं. धौलपुर में पहली मर्तबा कौमी एकता की मिसाल का ऐसा आयोजन देखने को मिला है. जिसकी जिलेभर में चर्चा हो रही है.
समाजसेवी अनिल अग्रवाल ने बताया कि यह विवाह लाडली जगमोहन सेवा समिति धौलपुर के तत्वावधान में रविवार को तीर्थराज मचकुंड में आयोजित किया. इसमें 101 गरीब कन्याओं का विवाह कराया गया. इनमें 54 युवतियां ऐसी थी, जिनके माता-पिता नहीं हैं और 22 युवतियां ऐसी थी, जिनके माता-पिता और भाई भी नहीं है. उन्होंने बताया सामूहिक विवाह सम्मेलन में 74 हिंदू, 17 मुस्लिम और 10 सिख समाज की बेटियों की शादी हुई. सभी का अलग-अलग पांडाल में उन्हीं के धर्म के मुताबिक रीति रिवाज से शादी समारोह को संपन्न कराया गया. समिति की ओर से सभी को घरेलू सामान दिया गया.
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सामूहिक विवाह सम्मेलन में हिंदू जोड़ों ने अग्नि के सामने सात फेरे लिए, तो मुस्लिम जोड़ों का निकाह कराया गया. वहीं, सिख जोड़ों ने गुरबाणी के साथ फेरे लिए है. विवाहित जोड़े को दान-दहेज देकर रस्म के मुताबिक विदाई की गई. समाजसेवी अनिल अग्रवाल ने पिता की भूमिका अदा कर फर्ज निभाया. ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड कौमी एकता की मिसाल का गवाह बना है. इस दौरान के शहर के कई प्रबुद्धजन शामिल हुए. उन्होंने सभी जोड़ों को आशिर्वाद दिया.