धौलपुर. जिले की एससी-एसटी कोर्ट ने कौलारी थाना इलाके में वर्ष 2016 में एक 19 वर्षीय युवती का जबरन अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई (Life imprisonment to convicts of gangrape) है. एससी-एसटी कोर्ट के न्यायाधीश नरेंद्र मीणा ने सजा सुनाते हुए दोषी भूरा और सोनू उर्फ हंसराम को आजीवन करावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा दोषियों पर 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.
एपीपी माहिर हसन रिजवी ने बताया कि मामला धौलपुर जिले के कौलारी थाना इलाके का हैं. जहां 7 अप्रैल, 2016 को परिवादी ने पुलिस थाना कौलारी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 6 अप्रैल, 2016 को उसकी 19 वर्षीय बेटी गांव की एक दुकान पर सामान लेने गई थी. वह मनियां थाना इलाके में फाटक के पास बिलखती हुई मिली थी. रिपोर्ट में बताया कि उसकी बेटी को भूरा और सोनू उर्फ हंसराम जबरन मोटरसाइकिल पर बिठा कर करौली जिले में एक धर्मशाला में ले गए. जहां दोनों ने रात को जबरन बारी-बारी उससे दुष्कर्म किया.
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इसके बाद दोनों मुल्जिम पीड़िता को मनियां थाना इलाके के फाटक के पास छोड़ गए. कौलारी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोप-पत्र न्यायालय में पेश किया. दोनों मुल्जिम कोर्ट से जमानत पर चल रहे हैं. बहुचर्चित मामले में सोमवार को एससी-एसटी कोर्ट के न्यायाधीश नरेंद्र मीणा ने मुल्जिम भूरा पुत्र रामकुमार निवासी दगरा का पुरा और सोनू हंसराम पुत्र कप्तान निवासी कैमारा को आजीवन करावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा दोनों पर 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है.