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धौलपुरः भारत विकास परिषद ने परिचर्चा कार्यक्रम में कोरोना के प्रति किया जागरूक

धौलपुर में कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में कोरोना जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत शुक्रवार को भारत विकास परिषद ने एक परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों पर चर्चा की.

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Published : Oct 31, 2020, 10:58 PM IST

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धौलपुर में भारत विकास परिषद ने आयोजित किया कार्यक्रम

धौलपुर. कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोपाल प्रसाद गोयल के निर्देशन में कोरोना जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत शुक्रवार शाम जिले के बाड़ी उपखंड की सत्यनारायण धर्मशाला में भारत विकास परिषद ने एक परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों पर चर्चा की.

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धौलपुर में भारत विकास परिषद ने आयोजित किया कार्यक्रम

इस दौरान डॉ. रेनू अग्रवाल डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी रोटेरियल धौलपुर, डॉ. गोपाल प्रसाद गोयल मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी धौलपुर, डॉ. हरिओम बाल रोग विशेषज्ञ धौलपुर के साथ उत्तर प्रदेश आगरा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. रणवीर त्यागी और भारत विकास परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. शिवदयाल मंगल मुख्य चिकित्सा अधिकारी सामान्य चिकित्सालय बाड़ी मौजूद रहे.

परिचर्चा कार्यक्रम में मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र मंगल ने वहां उपस्थित अतिथियों से पूछा कि, भारत में जब ये महामारी 2020 में आई है तो इसे कोविड-19 क्यों कहा जाता है. इसे कोविड-20 क्यों नहीं कहा जाता. इस सवाल का जवाब देते हुए भारत विकास परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. शिवदयाल मंगल ने कहा कि, ये महामारी चीन में सन् 2019 से शुरू हुई थी. इसीलिए इसे कोविड-19 की संज्ञा दी गई है.

ये भी पढ़ेंः धौलपुर: फांसी के फंदे से लटकता मिला महिला का शव, पीहर पक्ष ने लगाया दहेज हत्या का आरोप

उन्होंने कहा कि, महामारी ने भारत में फिर से भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जन्म दिया है. लोग पहले हाथ जोड़कर एक दूसरे व्यक्ति से नमस्कार करते थे. वहीं, अब कोरोना ने दोबारा लोगों को नमस्कार करना सिखा दिया है. जबकि, महामारी ने हाथ मिलाने की प्रथा को बंद कर दिया है. वहीं, परिचर्चा कार्यक्रम में डॉ. रेनू अग्रवाल ने कहा कि, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को मुख्य रूप से घर से निकलते समय मास्क लगाने की जरूरत है. साथ ही भीड़-भाड़ वाले इलाकों में भी जाने से बचें और बार-बार सैनिटाइजर से हाथ साफ करें.

धौलपुर. कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोपाल प्रसाद गोयल के निर्देशन में कोरोना जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत शुक्रवार शाम जिले के बाड़ी उपखंड की सत्यनारायण धर्मशाला में भारत विकास परिषद ने एक परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों पर चर्चा की.

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धौलपुर में भारत विकास परिषद ने आयोजित किया कार्यक्रम

इस दौरान डॉ. रेनू अग्रवाल डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी रोटेरियल धौलपुर, डॉ. गोपाल प्रसाद गोयल मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी धौलपुर, डॉ. हरिओम बाल रोग विशेषज्ञ धौलपुर के साथ उत्तर प्रदेश आगरा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. रणवीर त्यागी और भारत विकास परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. शिवदयाल मंगल मुख्य चिकित्सा अधिकारी सामान्य चिकित्सालय बाड़ी मौजूद रहे.

परिचर्चा कार्यक्रम में मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र मंगल ने वहां उपस्थित अतिथियों से पूछा कि, भारत में जब ये महामारी 2020 में आई है तो इसे कोविड-19 क्यों कहा जाता है. इसे कोविड-20 क्यों नहीं कहा जाता. इस सवाल का जवाब देते हुए भारत विकास परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. शिवदयाल मंगल ने कहा कि, ये महामारी चीन में सन् 2019 से शुरू हुई थी. इसीलिए इसे कोविड-19 की संज्ञा दी गई है.

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उन्होंने कहा कि, महामारी ने भारत में फिर से भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जन्म दिया है. लोग पहले हाथ जोड़कर एक दूसरे व्यक्ति से नमस्कार करते थे. वहीं, अब कोरोना ने दोबारा लोगों को नमस्कार करना सिखा दिया है. जबकि, महामारी ने हाथ मिलाने की प्रथा को बंद कर दिया है. वहीं, परिचर्चा कार्यक्रम में डॉ. रेनू अग्रवाल ने कहा कि, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को मुख्य रूप से घर से निकलते समय मास्क लगाने की जरूरत है. साथ ही भीड़-भाड़ वाले इलाकों में भी जाने से बचें और बार-बार सैनिटाइजर से हाथ साफ करें.

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