धौलपुर. जिले के कई इलाकों में चम्बल बजरी का अवैध तरीके से धंधा युद्ध स्तर पर चल रहा है. इसमें लिप्त लोग पुलिस की सांठगांठ से मालामाल हो रहे हैं. वहीं, सीओ सिटी दिनेश शर्मा ने हाल ही में आईजी भरतपुर को शिकायत भी पेश की है.
ईटीवी भारत की टीम ने बसईडांग थाना इलाके के हालात देखें तो यहां थाने से करीब ढाई किलोमीटर की दूरी पर ही खाली पड़ी जमीन और खेतों में बजरी के भारी तादाद में स्टॉक पड़े हैं. रोजाना इन बजरी के स्टॉक से ट्रकों के जरिए भरकर उत्तरप्रदेश और राजस्थान के अन्य जिलों में सप्लाई की जा रही है.
चंबल से रोजाना ही अवैध खनन के रूप में ट्रैक्टर के जरिए बजरी इन जगहों पर लाई जा रही है. यहां से अधिकांश बजरी पुलिस विभाग की मिलीभगत से धौलपुर से उत्तरप्रदेश के इलाकों में बड़े पैमाने पर सप्लाई की जा रही है. लिस की आंखों के सामने अवैध बजरी का गोरखधंधा परवान चढ़ रहा है.
पुलिस कार्रवाई इसलिए नहीं कर रही है, क्योंकि हाल ही में सीओ सिटी दिनेश शर्मा ने पुलिस के बड़े अधिकारी पर प्रति ट्रक 25 से 30 हजार रूपये की राशि पहुंचने के गंभीर आरोप लगाए थे.ईटीवी भारत की टीम ने बसई डांग थाना इलाके में जाकर देखा तो सामने आया कि ट्रैक्टर द्वारा खाली पड़ी जमीन और खेतों में बजरी का स्टॉक किया जा रहा हैं. देर शाम खाली ट्रक यहां आते हैं और उन ट्रकों को जेसीबी की सहायता से भरा जाता हैं. ट्रक में बजरी भरने के बाद ट्रकों को तिरपाल से कवर कर दिया जाता हैं और फिर ट्रक यहां से उत्तरप्रदेश के लिए रवाना हो जाते हैं.
बता दें कि धौलपुर शहर के पुलिस उप अधीक्षक दिनेश शर्मा की भरतपुर आईजी को भेजी शिकायत में कहा गया है कि पुलिस द्वारा प्रति ट्रक 26 हजार रूपये वसूल किए जाते हैं. धौलपुर जिले से अवैध बजरी उत्तरप्रदेश के जगनेर होते हुए आगरा, मथुरा और अन्य जगहों पर ट्रकों द्वारा भेजी जाती है. पुलिस और लेबर खर्चा देने के बाद भी प्रति ट्रक 20 से 30 हजार रूपये कमा रहे हैं.
साथ ही बता दें कि बसईडांग थाना इलाके में दिन में ट्रैक्टरों द्वारा बजरी का स्टॉक किया जाता है और रात को ट्रकों में बजरी भरकर उत्तर प्रदेश के लिए भेजी जाती है, जबकि बसईडांग थाना इलाका पास ही है और पुलिस के नीचे अवैध चंबल बजरी का खनन कैसे हो रहा है, इसका किसी के पास जवाब नहीं है.