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Rain damaged crop in Dholpur: बारिश का कहरः खेत खलियान में पड़ी गेहूं की फसल बर्बाद

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Published : Mar 31, 2023, 8:08 PM IST

धौलपुर में शुक्रवार को हुई तेज बारिश के चलते किसानों के खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है.

Rain damaged crop in Dholpur
बारिश का कहरः खेत खलियान में पड़ी गेहूं की फसल बर्बाद

धौलपुर. शुक्रवार देर शाम आसमान से गिरी आफत ने फिर से किसानों को झकझोर दिया है. बेमौसम की बरसात ने खेत और खलिहान में कटी पड़ी गेहूं की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. विगत 15 दिनों से पूर्वी राजस्थान में मौसम का मिजाज खराब चल रहा है. कहीं बारिश तो कहीं ओलावृष्टि ने पूर्व में भी सरसों, आलू एवं गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया था. शुक्रवार शाम को हुई बारिश से गेहूं की अधिकतर फसल को नुकसान पहुंचा है.

किसान विनीत कुमार शर्मा ने बताया कि अधिकांश काश्तकार सरसों और आलू की लावनी कर चुके हैं. लेकिन गेहूं की फसल की कटाई काफी समय से चल रही थी. किसानों ने कटाई कर लगभग गेहूं की फसल को सूखने के लिए खेत और खलिहान में छोड़ दिया है. लेकिन शुक्रवार शाम को हुई बारिश से खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल चौपट हो गई. उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल पूरी तरह से पक चुकी है. कटी फसल पर पानी पड़ने से दाना और चारा दोनों के खराब होने की पूरी संभावना है. पूर्व में हुई बारिश से सरसों और आलू की फसल में भी नुकसान हुआ है. किसानों की अंतिम उम्मीद और आस गेहूं की फसल पर टिकी हुई थी. लेकिन बेमौसम की बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है.

पढ़ेंः बेमौसम बारिश ने फेरा किसानों की उम्मीद पर पानी, हाड़ौती में 5 लाख हेक्टेयर की फसल में नुकसान

किसानों का कहना है कि महंगे खाद एवं कीटनाशक दवाएं डालकर गेहूं की फसल को पकाव की स्थिति तक पहुंचाया था. अब फसल खराब होने से किसानों के सामने अनाज और चारा का संकट आगामी समय में देखने को मिलेगा. किसान सांवलिया राम कुशवाह ने बताया कि गेहूं की फसल से ही मवेशी के लिए चारा तैयार होता है. गेहूं की फसल के चारे को निकालकर किसान मार्च के महीने तक मवेशी के लिए रखता है. बेमौसम की बरसात में अनाज और चारा दोनों को तहस-नहस कर दिया है. आजीविका के लिए मवेशी किसानों के पास दूसरा जरिया रहता है. लेकिन चारा बर्बाद होने से पशुपालकों के लिए मवेशी पालन का भी संकट नजर आ रहा है.

धौलपुर. शुक्रवार देर शाम आसमान से गिरी आफत ने फिर से किसानों को झकझोर दिया है. बेमौसम की बरसात ने खेत और खलिहान में कटी पड़ी गेहूं की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. विगत 15 दिनों से पूर्वी राजस्थान में मौसम का मिजाज खराब चल रहा है. कहीं बारिश तो कहीं ओलावृष्टि ने पूर्व में भी सरसों, आलू एवं गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया था. शुक्रवार शाम को हुई बारिश से गेहूं की अधिकतर फसल को नुकसान पहुंचा है.

किसान विनीत कुमार शर्मा ने बताया कि अधिकांश काश्तकार सरसों और आलू की लावनी कर चुके हैं. लेकिन गेहूं की फसल की कटाई काफी समय से चल रही थी. किसानों ने कटाई कर लगभग गेहूं की फसल को सूखने के लिए खेत और खलिहान में छोड़ दिया है. लेकिन शुक्रवार शाम को हुई बारिश से खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल चौपट हो गई. उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल पूरी तरह से पक चुकी है. कटी फसल पर पानी पड़ने से दाना और चारा दोनों के खराब होने की पूरी संभावना है. पूर्व में हुई बारिश से सरसों और आलू की फसल में भी नुकसान हुआ है. किसानों की अंतिम उम्मीद और आस गेहूं की फसल पर टिकी हुई थी. लेकिन बेमौसम की बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है.

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किसानों का कहना है कि महंगे खाद एवं कीटनाशक दवाएं डालकर गेहूं की फसल को पकाव की स्थिति तक पहुंचाया था. अब फसल खराब होने से किसानों के सामने अनाज और चारा का संकट आगामी समय में देखने को मिलेगा. किसान सांवलिया राम कुशवाह ने बताया कि गेहूं की फसल से ही मवेशी के लिए चारा तैयार होता है. गेहूं की फसल के चारे को निकालकर किसान मार्च के महीने तक मवेशी के लिए रखता है. बेमौसम की बरसात में अनाज और चारा दोनों को तहस-नहस कर दिया है. आजीविका के लिए मवेशी किसानों के पास दूसरा जरिया रहता है. लेकिन चारा बर्बाद होने से पशुपालकों के लिए मवेशी पालन का भी संकट नजर आ रहा है.

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