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सीएम की सभा के बाद कांग्रेस दो गुटों में बंटी, गिर्राज सिंह मलिंगा बनाम रोहित बोहरा विवाद गहराया

सीएम की सभा के बाद कांग्रेस दो गुटों में बंटी, गिर्राज सिंह मलिंगा ने रोहित बोहरा के खिलाफ दिखाए बगावती तेवर, सीएम की सभा में नदारद रहे थे मलिंगा और बेरवा

रोहित बोहरा बनाम गिर्राज सिंह मलिंगा
रोहित बोहरा बनाम गिर्राज सिंह मलिंगा
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Published : May 11, 2023, 12:43 PM IST

Updated : May 11, 2023, 1:00 PM IST

धौलपुर. 7 मई को राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के मरेना कस्बे में महंगाई राहत कैंप के दौरान हुई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा ने राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है. राजस्थान ही नहीं अपितु देश की राजनीति में मुख्यमंत्री के बयानों का खुलकर जिक्र हो रहा है. सियासी पंडित अशोक गहलोत के तरकस से निकले तीर से कांग्रेस के साथ भाजपा के कद्दावर नेता भी हाशिये पर आ गए हैं. मुख्यमंत्री की सभा में कांग्रेस के दो दिग्गज विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खिलाड़ी लाल बैरवा का शामिल नहीं होना गुटबाजी का खुला उदाहरण था. जिसका असर राजाखेड़ा में राजपूत समाज की हुई बैठक में देखने को मिला. महाराणा प्रताप जयंती के अवसर के मौके पर विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने मंच से विधायक रोहित बोहरा नाम लिए बिना हराने की अपील कर डाली. गिर्राज सिंह मलिंगा का बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

बता दें 7 मई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में महंगाई राहत कैंप के दौरान विशाल सभा का आयोजन किया गया था. मुख्यमंत्री की सभा में बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा एवं बसेड़ी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा गैर हाजिर थे. मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा का रोहित वोहरा के विधानसभा क्षेत्र एवं मुख्यमंत्री के मंच पर नहीं पहुंचना गुटबाजी स्पष्ट थी. गुटबाजी का असर 9 मई को राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के गांव नागर में महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर खुले मंच से देखने को मिला. विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने हजारों लोगों की भीड़ में खुले मंच से बिना नाम लिए विधायक रोहित बोहरा एवं उनके पिता प्रद्युम्न सिंह पर जोरदार जुबानी हमला बोला. राजपूत समाज की भरी सभा में हमला भी ऐसा बोला कि आगामी विधानसभा चुनाव में कोठी का राज खत्म करने की बात भी कह डाली. मलिंगा के बयान से जिले की राजनीति में भूचाल के साथ साथ बगावत भी खुलकर सामने आ गई. विधायक मलिंगा ने बिना नाम लिए रोहित बोहरा को हराने का बात कही. मलिंगा का 8 मिनट का स्पीच सोशल मीडिया के तमाम बैनरों पर जमकर वायरल हो रहा है.

2020 के सियासी भूचाल में मलिंगा और खिलाड़ी बैरवा खड़े थे सीएम के साथ : वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार में आए सियासी भूचाल के दौरान विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे. उस समय के डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत 19 विधायक गहलोत सरकार से बगावत कर मानेसर पहुंचे थे. इनमें से विधायक रोहित वोहरा,चेतन डूडी एवं दानिश अबरार सचिन पायलट गुट को छोड़ अशोक गहलोत गुट में शामिल हो गए थे. सियासी भूचाल के दौरान ही विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने सचिन पायलट पर खरीद-फरोख्त का आरोप भी लगाया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की खुलकर पैरवी करने के बाद भी गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खिलाड़ी लाल बैरवा को मंत्रिमंडल में वरीयता नहीं दी गई. मलिंगा ने एक इंटरव्यू में भी मुख्यमंत्री गहलोत के साथ की गई बफादारी के बाद कुछ नहीं मिलने का दर्द बयां की थी.

पढ़ें वसुंधरा के गढ़ में बीजेपी की हालत पतली, मंच से भाजपा विधायक शोभारानी ने की सीएम गहलोत की तारीफ

एईएन के साथ मारपीट का आरोप लगने के बाद मुख्यमंत्री से बढ़ी दूरियां : विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर वर्ष 2022 में बाड़ी डिस्कॉम के एईएन हर्षाधिपति के साथ मारपीट के आरोप लगने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दूरियां बढ़ गई. मुख्यमंत्री ने सीएम हाउस से ही गिर्राज सिंह मलिंगा को सीबी सीआईडी को समर्पण करने के लिए बोला था. सीबी सीआईडी टीम को बुलाकर अरेस्ट भी कराया था. हालांकि इंजीनियर के साथ हुई मारपीट के आरोपों का विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने खंडन किया था. जिला प्रशासन और उपखंड प्रशासन की रिपोर्ट ने विधायक द्वारा की गई मारपीट के आरोपों को गलत ठहराया था. उस समय गिर्राज सिंह मलिंगा को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था. इस घटना के बाद से ही गिर्राज सिंह मलिंगा की मुख्यमंत्री अशोक से तल्खी बढ़ी है.

रोहित बोहरा बना दूसरा गुट : मौजूदा वक्त में कांग्रेस पूरी तरह से दो गुटों में बंटी है. राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा बनाम गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खिलाड़ी लाल बैरवा दो गुट बन गए. भाजपा से निष्कासित विधायक शोभारानी कुशवाहा दोनों गुटों की गतिविधियों पर नजर रख रही है. शोभारानी कुशवाहा ने अभी तक किसी भी गुट में अपनी भागीदारी नहीं निभाई है. हालांकि शोभारानी कुशवाहा भाजपा से निष्कासित होने के बाद पहली मर्तबा राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में आयोजित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा में शामिल हुई थी.

राजपूत समाज का बड़ा चेहरा गिर्राज सिंह मलिंगा : विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को राजपूत समाज का धौलपुर जिले में बड़ा चेहरा एवं बड़े कद का नेता माना जाता है. संभाग स्तर पर भी गिर्राज सिंह मलिंगा का दबदबा रहता है. धौलपुर जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र जिसमें धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी एवं राजाखेड़ा की बात की जाए तो राजपूत समाज अच्छा खासा वोटर माना जाता है. गिर्राज सिंह मलिंगा राजपूत समाज के वोटरों को किसी भी दिशा में प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के एक्शन पर निश्चित तौर पर उनके द्वारा चारों विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित हो सकता है.

धौलपुर. 7 मई को राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के मरेना कस्बे में महंगाई राहत कैंप के दौरान हुई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा ने राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है. राजस्थान ही नहीं अपितु देश की राजनीति में मुख्यमंत्री के बयानों का खुलकर जिक्र हो रहा है. सियासी पंडित अशोक गहलोत के तरकस से निकले तीर से कांग्रेस के साथ भाजपा के कद्दावर नेता भी हाशिये पर आ गए हैं. मुख्यमंत्री की सभा में कांग्रेस के दो दिग्गज विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खिलाड़ी लाल बैरवा का शामिल नहीं होना गुटबाजी का खुला उदाहरण था. जिसका असर राजाखेड़ा में राजपूत समाज की हुई बैठक में देखने को मिला. महाराणा प्रताप जयंती के अवसर के मौके पर विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने मंच से विधायक रोहित बोहरा नाम लिए बिना हराने की अपील कर डाली. गिर्राज सिंह मलिंगा का बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

बता दें 7 मई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में महंगाई राहत कैंप के दौरान विशाल सभा का आयोजन किया गया था. मुख्यमंत्री की सभा में बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा एवं बसेड़ी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा गैर हाजिर थे. मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा का रोहित वोहरा के विधानसभा क्षेत्र एवं मुख्यमंत्री के मंच पर नहीं पहुंचना गुटबाजी स्पष्ट थी. गुटबाजी का असर 9 मई को राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के गांव नागर में महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर खुले मंच से देखने को मिला. विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने हजारों लोगों की भीड़ में खुले मंच से बिना नाम लिए विधायक रोहित बोहरा एवं उनके पिता प्रद्युम्न सिंह पर जोरदार जुबानी हमला बोला. राजपूत समाज की भरी सभा में हमला भी ऐसा बोला कि आगामी विधानसभा चुनाव में कोठी का राज खत्म करने की बात भी कह डाली. मलिंगा के बयान से जिले की राजनीति में भूचाल के साथ साथ बगावत भी खुलकर सामने आ गई. विधायक मलिंगा ने बिना नाम लिए रोहित बोहरा को हराने का बात कही. मलिंगा का 8 मिनट का स्पीच सोशल मीडिया के तमाम बैनरों पर जमकर वायरल हो रहा है.

2020 के सियासी भूचाल में मलिंगा और खिलाड़ी बैरवा खड़े थे सीएम के साथ : वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार में आए सियासी भूचाल के दौरान विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे. उस समय के डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत 19 विधायक गहलोत सरकार से बगावत कर मानेसर पहुंचे थे. इनमें से विधायक रोहित वोहरा,चेतन डूडी एवं दानिश अबरार सचिन पायलट गुट को छोड़ अशोक गहलोत गुट में शामिल हो गए थे. सियासी भूचाल के दौरान ही विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने सचिन पायलट पर खरीद-फरोख्त का आरोप भी लगाया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की खुलकर पैरवी करने के बाद भी गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खिलाड़ी लाल बैरवा को मंत्रिमंडल में वरीयता नहीं दी गई. मलिंगा ने एक इंटरव्यू में भी मुख्यमंत्री गहलोत के साथ की गई बफादारी के बाद कुछ नहीं मिलने का दर्द बयां की थी.

पढ़ें वसुंधरा के गढ़ में बीजेपी की हालत पतली, मंच से भाजपा विधायक शोभारानी ने की सीएम गहलोत की तारीफ

एईएन के साथ मारपीट का आरोप लगने के बाद मुख्यमंत्री से बढ़ी दूरियां : विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर वर्ष 2022 में बाड़ी डिस्कॉम के एईएन हर्षाधिपति के साथ मारपीट के आरोप लगने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दूरियां बढ़ गई. मुख्यमंत्री ने सीएम हाउस से ही गिर्राज सिंह मलिंगा को सीबी सीआईडी को समर्पण करने के लिए बोला था. सीबी सीआईडी टीम को बुलाकर अरेस्ट भी कराया था. हालांकि इंजीनियर के साथ हुई मारपीट के आरोपों का विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने खंडन किया था. जिला प्रशासन और उपखंड प्रशासन की रिपोर्ट ने विधायक द्वारा की गई मारपीट के आरोपों को गलत ठहराया था. उस समय गिर्राज सिंह मलिंगा को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था. इस घटना के बाद से ही गिर्राज सिंह मलिंगा की मुख्यमंत्री अशोक से तल्खी बढ़ी है.

रोहित बोहरा बना दूसरा गुट : मौजूदा वक्त में कांग्रेस पूरी तरह से दो गुटों में बंटी है. राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा बनाम गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खिलाड़ी लाल बैरवा दो गुट बन गए. भाजपा से निष्कासित विधायक शोभारानी कुशवाहा दोनों गुटों की गतिविधियों पर नजर रख रही है. शोभारानी कुशवाहा ने अभी तक किसी भी गुट में अपनी भागीदारी नहीं निभाई है. हालांकि शोभारानी कुशवाहा भाजपा से निष्कासित होने के बाद पहली मर्तबा राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में आयोजित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा में शामिल हुई थी.

राजपूत समाज का बड़ा चेहरा गिर्राज सिंह मलिंगा : विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को राजपूत समाज का धौलपुर जिले में बड़ा चेहरा एवं बड़े कद का नेता माना जाता है. संभाग स्तर पर भी गिर्राज सिंह मलिंगा का दबदबा रहता है. धौलपुर जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र जिसमें धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी एवं राजाखेड़ा की बात की जाए तो राजपूत समाज अच्छा खासा वोटर माना जाता है. गिर्राज सिंह मलिंगा राजपूत समाज के वोटरों को किसी भी दिशा में प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के एक्शन पर निश्चित तौर पर उनके द्वारा चारों विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित हो सकता है.

Last Updated : May 11, 2023, 1:00 PM IST
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