बाड़ी (धौलपुर). जिले में शायद ही बहुत कम सरकारी विद्यालय होंगे, जिनमें छात्रों की संख्या एक हजार हो या उससे अधिक हो, लेकिन बाड़ी उपखंड मुख्यालय पर जो सरकारी विद्यालय हैं, उनमें छात्रों की संख्या हजार नहीं डेढ़ हजार से भी अधिक है. चाहे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय किला बाड़ी हो या राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बाड़ी. दोनों विद्यालय छात्र संख्या के आधार पर प्रदेश में अव्वल स्थान रखते हैं, लेकिन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को क्या सुविधा दी जा रही है, इसको लेकर कोई स्थान नहीं है.
इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की ना तो पढ़ाई पर ध्यान दिया जा रहा है और ना ही उनकी जरूरतों पर. शहर के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में 1683 बालिकाओं का पंजीयन है, लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर ना तो पर्याप्त शौचालय हैं और ना ही पर्याप्त पानी की टंकिया. एक आरो प्लांट भी विद्यालय में लूपिन के सहयोग से लगाया गया था, जो अब बंद है. इसके सुधार को लेकर लूपिन अब कोई सहयोग नहीं कर रहा. ऐसे में आरओ प्लांट फेल होने से गर्मी के आते ही स्कूल की छात्राएं पानी के लिए इधर उधर भटक रही है.
![Girls School in Dhaulpur, water problem in Bari Government Girls School](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-badi-problem-rjc10044_17032021155019_1703f_1615976419_43.jpg)
वहीं स्कूल में 12वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा तान्या गर्ग, सानिया सैफी का कहना है कि प्रतिदिन ज्यादातर छात्राएं इसी प्रकार स्कूल के बाहर लगे हैंडपंप से पानी भरती हैं और स्कूल में ले जाकर अपने उपयोग में लेती हैं, क्योंकि स्कूल का आरो प्लांट खराब है. नल व्यवस्था फेल है और जो हैंडपंप लगा है, उसका पानी खारा है. जो पीने लायक नहीं है. कई बार उन्होंने स्कूल प्रशासन से भी शिकायत की है, लेकिन स्कूल प्रशासन ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर कभी कोई ध्यान नहीं दिया है. यह समस्या आजकल की नहीं, बल्कि कई वर्ष पुरानी बताई जा रही है.
![Girls School in Dhaulpur, water problem in Bari Government Girls School](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-badi-problem-rjc10044_17032021155019_1703f_1615976419_303.jpg)
सर्दियों में जरूर छात्राएं पानी की समस्या से रूबरू नहीं होती हैं, लेकिन गर्मी आते ही यह समस्या विकराल हो जाती है. कक्षा 7 की छात्रा अंजली शर्मा और 11वीं की छात्रा प्राची सोनी व लक्ष्मी आदि कई छात्राओं का आरोप है कि स्कूल में ना तो सभी कालांश में पढ़ाई होती है और ना ही उनके टॉयलेटों को सही तरीके से साफ रखा जाता है और पीने के पानी के लिए तो वे अपने घर से या बाहर हैंडपम्प पर पूरे गर्मी के दिनों में रहती हैं.
वहीं स्कूल की इस समस्या को लेकर आस पास के लोगों का आरोप है कि विद्यालय में प्रशासन छात्राओं की सुविधाओं को लेकर कोई ध्यान नहीं देता है. उच्चाधिकारी जब निरीक्षण पर आते हैं, तब छात्राओं को उनसे समस्याओं का जिक्र नहीं करने दिया जाता है और अधिकारी भी ऐसे आते हैं, जो छात्राओं से मिलकर कभी समस्याओं की नहीं पूछते हैं. ऐसे में बालिका विद्यालय की 1683 बालिकाएं पानी की कमी से बेहद परेशान हैं.
![Girls School in Dhaulpur, water problem in Bari Government Girls School](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-badi-problem-rjc10044_17032021155019_1703f_1615976419_1049.jpg)
वहीं राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बाड़ी की प्राचार्या शशि कुमारी ने बताया कि विद्यालय में एक हैंडपम्प लगा है. जिसमें समर लगी हुई है. लूपिन के सहयोग से आरो प्लांट लगाया था, जिसमें समर का पानी साफ होता है, लेकिन लाइट नहीं आने पर समस्या आ जाती है. विद्यालय में पानी पीने के लिए दो टंकियां हैं, जिनसे इतनी छात्राएं पानी कैसे पिएं. इसलिए गर्मियों में जरूर परेशानी महसूस होती है. इसके लिए विभाग को भी लिखा है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस समस्या को भामाशाह के सहयोग से दूर किया जा सकता है.
वहीं ऐसे में सिस्टम पेयजल सप्लाई देने के लाख दावे करे, लेकिन धरातल पर हालात कुछ और है. एक तरफ प्रदेश के पेयजल मंत्री बीडी कल्ला प्रदेश में पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ करने की बात कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ बाड़ी उपखंड क्षेत्र के अधिकांश राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को पानी पीने के लिए घर से पानी ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.