धौलपुर. भले ही जिले में मकर संक्रांति पर मौसम साफ हो गया है, लेकिन शनिवार रात को पड़े पाले ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. खेतों के आसपास बर्फ की चादर जमने से फसलों को खासा नुकसान हुआ है. वहीं, गलन भरी सर्दी ने आम लोगों के साथ ही पशु-पक्षियों और वन्यजीवों को भी बेहाल कर दिया है. जिले के ज्यादातर इलाकों में अत्यधिक पाला पड़ने से रबी की फसलों को नुकसान होने की बात कही जा रही है. जिले के किसानों की मानें तो सरसों और आलू दोनों फसलों को भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में पूर्व में फसल बचाव के लिए कृषि विभाग की ओर से किए गए इंतजाम भी अब नाकाफी साबित हो रहे हैं.
जिले में विगत एक हफ्ते से कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे ने आम लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया, लेकिन रविवार को मकर संक्रांति के पर्व पर मौसम साफ रहा. बावजूद इसके शनिवार की रात पड़े पाले और बर्फ ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. स्थानीय कृषक विनीत शर्मा ने बताया कि शनिवार की रात को जोरदार पाले के कारण खेतों में बर्फ की चादर बिछ गई. जिसके कारण यहां सरसों, गेहूं और आलू की फसल को खासा नुकसान हुआ है.
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उन्होंने ने आगे बताया आलू और सरसों की फसल में अब तना गलन, फंगीसाइड और खरखरा जैसे रोग दस्तक दे सकते हैं. ऐसे में किसानों के लिए यह बड़ी समस्या है. वहीं, कृषि विभाग के इंतजाम भी अब नाकाफी साबित हो रहे हैं. बताया गया कि विभाग की ओर से जो भी फसल बचाव के उपाय बताए गए थे, उससे फिलहाल तक किसानों को कोई लाभ नहीं हुआ है.किसानों का कहना है कि अगर इसी तरह से पाला और बर्फ पड़ती रही तो आगे उनकी समस्या और अधिक गहरा सकती है. कृषि विभाग के पर्यवेक्षक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि शनिवार की रात जिले के ज्यादातर इलाकों की खेतों में पाला का असर देखने को मिला. इस दौरान खेतों में बर्फ की चादर बिछ गई थी. हालांकि, किसान फसलों को बचाने के लिए कई तरह के जतन करते नजर आए.