धौलपुर. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री अरुण चतुर्वेदी शनिवार को धौलपुर पहुंचे. यहां उन्होंने सर्किट हाउस में भाजपा नेता और पदाधिकारियों से मुलाकात कर कोरोना के हालातों का जायजा लिया. भाजपा नेताओं से जिले की कानून व्यवस्था की जानकारी लेकर प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. कांग्रेस सरकार को ढाई साल में हर मोर्चे पर विफल बताने के साथ कानून व्यवस्था बदहाल करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस सरकार धौलपुर को बंगाल और बिहार बनाने की कोशिश कर रही है.
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ढाई साल के शासनकाल में हर मोर्चे पर विफल रही है. प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है. दुष्कर्म और दलितों पर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. महिलाएं और बच्चियां घर और सड़कों पर सुरक्षित नहीं है. यहां तक कि अस्पताल और पुलिस थानों में भी खतरा बना रहता है. महिला उत्पीड़न के मामले में राजस्थान दूसरे पायदान पर पहुंच चुका है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का आर्थिक तंत्र चरमरा चुका है. पूर्व में भाजपा सरकार ने किसानों के लिए घोषणा की थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने किसानों की सब्सिडी को खत्म कर दिया. भाजपा पार्टी ने आमजन के लिए भामाशाह स्वास्थ्य योजना की शुरुआत की थी, लेकिन कांग्रेस सरकार बनते ही अशोक गहलोत ने इस योजना को रोक दिया था. अरुण चतुर्वेदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को भी राज्य सरकार ने लागू नहीं किया. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने चिरंजीवी योजना शुरू की थी, लेकिन कोरोना कालखंड में चिरंजीवी बीमा योजना पूरी तरह से पंचर हो चुकी है.
तत्कालीन समय पर भाजपा सरकार ने आमजन के लिए अन्नपूर्णा योजना शुरू की थी. इस योजना के अंतर्गत भाजपा सरकार ने 8 रुपए में भोजन और 5 रुपए में नाश्ता दिया था, लेकिन महामारी के समय में इस योजना को रद्द कर इंदिरा रसोई का नाम दे दिया. उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में बड़ा युद्ध चला है. इसमें लोगों ने अपने परिवारों को खोया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा महामारी के दौरान डेढ़ साल के अंदर मुख्यमंत्री घर से बाहर नहीं निकले. यह कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी संवेदनहीनता है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री संक्रमित होने के बावजूद भी क्षेत्रों में निकले थे, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने आवास पर रहकर ही वर्चुअली महामारी के हालातों का जायजा लेते रहे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एक बड़ी उपलब्धि रही है कि नरेंद्र मोदी के ऊपर ट्विटर के माध्यम से कटाक्ष करना. महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने माकूल ऑक्सीजन की व्यवस्था की थी, लेकिन राज्य सरकार का प्रबंधन निस्तेज रहा था. उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने महामारी के दौर में वेंटिलेटर की व्यवस्था की थी, लेकिन गहलोत सरकार उनका उपयोग ही नहीं कर सकी.
महामारी के दौर में अशोक गहलोत का प्रबंध पूरी तरह से बदल रहा है. चिकित्सा विभाग के मैनेजमेंट से लेकर दवाइयों की व्यवस्था लोगों को मुहैया नहीं हो सकी थी. आरोप लगाते हुए कहा महामारी के दौर में कांग्रेस के नेताओं और पार्षदों को ही अस्पतालों में बेड उपलब्ध होता था. राज्य सरकार ने आम आदमी को अपने हाल पर जीने के लिए छोड़ा था.
उन्होंने कहा इतिहास में पहली बार एसएमएस अस्पताल के दरवाजे गरीब के लिए बंद रहे. प्रदेश सरकार के नेताओं ने सुविधाओं का लाभ दिया था. उन्होंने कहा प्रदेश में बिजली और पानी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. प्रेस वार्ता में भाजपा नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे.