राजाखेड़ा (धौलपुर). बीते कई दिनों से पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के बाद मैदानी इलाकों में भी सर्दी का असर बढ़ता ही जा रहा है. मौसम में सुबह से घना कोहरा छाने के कारण पूरे दिन लोगों की दिनचर्या पर काफी प्रभाव पड़ता है. बर्फीली हवाओं के साथ कोहरे की दस्तक ने लोगों के साथ साथ पशु-पक्षियों को भी खासा परेशान किया है. शरीर को सुन्न कर देने वाली बर्फीली हवाओं से बचने के लिए ज्यादातर लोग घरों में ही कैद रह कर अलाव का सहारा ले रहे हैं.
वहीं कड़ाके की सर्दी के कारण गली और मोहल्लों सहित बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहता है. मौसम में कोहरा छाने और बर्फीली हवाओं के चलने से धरतीपुत्र की मुश्किल बढ़ती जा रही हैं. दिनों-दिन बढ़ती जा रही सर्दी के कारण अब किसानों को आलू, सरसों सहित अन्य फसलों में पाला पड़ने का डर सताने लगा है. वहीं कड़ाके की सर्दी को देखते हुए कृषि विभाग ने फसलों को पाले से बचाने के लिए किसानों को कुछ घरेलू बताए और उन उपायों को अपनाने की सलाह भी दी है.
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राजाखेड़ा सहायक कृषि अधिकारी रामखिलाड़ी रावत ने बताया कि कड़ाके की सर्दी से आलू, सरसों सहित व्यवसायिक फसलों में नुकसान की काफी आशंका है. इसके लिए किसान भाई फसलों में पाले से बचाव के लिए खेतों की मेड़ों पर अलाव जलाकर धुआं करें और इसके साथ ही खेतों में हल्की हल्की सिंचाई करने से भी फसल को पाले के नुकसान से बचाया जा सकता है.
सहायक कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान व्यावसायिक गंधक के 1 लीटर घोल को करीब एक हज़ार लीटर पानी में घोल कर फसल पर इसका छिड़काव करें. इस से फसल को 15 दिन तक कोई नुकसान नहीं होगा. अगर फिर भी किसानों को फसल में पाला लगने की आशंका दिखाई दे तो वो इसी घोल का फसलों पर फिर छिड़काव कर सकते हैं. वहीं जानकारों की मानें तो लोगों को इस कड़ाके की सर्दी से निजात पाने के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है.