धौलपुर. दक्षिणी पश्चिमी विक्षोभ के चलते मंगलवार को जिले में मौसम का मिजाज बिगड़ गया है. मौसम का रुख ऐसे समय पर बदला है. जब किसान सरसों की फसल की कटाई में जुटे हुए हैं. वहीं गेहूं की फसल पकने के अंतिम पड़ाव पर है. ऐसे में बेमौसम बरसात किसानों को चिंता में डाल रही है. सुबह से ही आसमान में छाए बादल मौसम के बिगड़ने के संकेत दे रहे थे. उधर, मौसम बिगड़ने की आशंका से डरे सहमे हुए किसान खेतों में सरसों की कटाई तेज करने के साथ ही फसल को समेटकर खलिहान में रखते नजर आए. किसानों में डर है कि आखरी समय पर मौसम बिगड़ने से होने वाली बारिश और ओलावृष्टि साल भर की मेहनत पर पानी ने फेर दे.
किसान विनीत शर्मा, राम अवतार सिंह कल्याण सिंह आदि ने बताया कि मौसम विभाग की ओऱ से 14 मार्च से लेकर 20 मार्च तक मौसम बिगड़ने को लेकर अलर्ट जारी कर रखा है. विभाग से जारी चेतावनी के मद्देनजर किसान परिवार सरसों की फसल को अतिवृष्टि से बचाने के लिए कटाई कर एकत्रित करने में जुटे हुए हैं. किसानों ने बताया कि इस बार सरसों की फसल की मध्यम पैदावार देखी जा रही है लेकिन गेहूं की फसल काफी बढ़िया हुई है. चिंता का विषय यह है कि यदि मौसम बिगड़ता है तो गेहूं की फसल को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में मौसम का बिगड़ा हुआ मिजाज फसल के अंतिम चरण में किसान की चिंता बढ़ा रही है.
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आलू और सरसों में पाले से हो चुका है नुकसान
सर्दी के दिनों में पाला पड़ने से सरसों और आलू की फसल को पहले ही खासा नुकसान हो चुका है. गेहूं की फसल के लिए सर्दी और पाला मुफीद साबित हुए थे लेकिन पकाव और कटाई के बीच पड़ने वाले दिनों में मौसम के बिगड़ने से इसकी फसल को भी नुकसान हो सकता है. ओलावृष्टि बारिश और तेज हवा जिले में गेहूं की बंपर फसल को झटका दे सकते हैं.
बाड़ी इलाके में ओलावृष्टि और बारिश से किसानों को नुकसान
मंगलवार शाम के समय बाड़ी इलाके में बारिश के साथ ओले गिरने से खेतों में खड़ी सरसों एवं गेहूं की फसल में नुकसान की आशंका देखी जा रही है. लहकपुर निवासी किसान अखै सिंह परमार ने बताया कि चना, मटर के आकाकर के बराबर के ओले गिरने से कटाई के लिए तैयार खड़ी सरसों की फसल खेतों में ही झड़ गई. गेहूं की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है. इसी तरह सैंपऊ उपखंड के गांव जाकी, पुरैनी और उमरारा आदि गांवों में भी ओलावृष्टि होने के समाचार मिले हैं.