धौलपुर. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे हैं. धौलपुर जिले के किसानों ने भी मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. विरोध प्रदर्शन के बाद किसानों का यह दल दिल्ली के लिए रवाना हो गया.
ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार ने बिना सवाल जवाब किए संसद में तीन कृषि कानून पारित किए हैं. भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए लागू किए गए तीनों कानून किसान विरोधी हैं. इनके लागू होने से देश का अन्नदाता पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. भारत सरकार किसानों का अभी तक समर्थन मूल्य तक निर्धारित नहीं कर सकी है. मोदी सरकार ने देश की कृषि मंडी एवं व्यापारियों के साथ किसानों को खत्म करने का काम किया है. किसानों ने बताया कि मंडियों में प्रतिस्पर्धा के कारण अनाज का भाव अनुपात के मुताबिक मिलता है. लेकिन कृषि कानून जो पारित किए हुए हैं, वे सरासर किसानों के विरोधी हैं.
ज्ञापन में किसानों के हितों को सर्वोपरि रखने और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई है. ज्ञापन में कहा गया कि देश का किसान पहले से ही ओलावृष्टि, अतिवृष्टि और अन्य समस्याओं से जूझता चला आ रहा है.
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केंद्र सरकार को किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को केंद्र सरकार ने गंभीर होकर नहीं माना, तो सरकार को परिणाम भुगतने होंगे.