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बारिश के बाद खिले धौलपुर के किसानों के चेहरे, मुरझाई फसल में भी आई जान - धौलपुर में खरीफ फसल

धौलपुर में बारिश होने के बाद फसल काफी अच्छी हो गई है. जिससे किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं. अंकुरित फसल खेतों में सूखने के कगार पर पहुंच चुकी थी, लेकिन झमाझम हुई बारिश से किसानों के अरमानों में फिर से खुशी लौट आई है.

धौलपुर में बारिश, rain in dhaulpur
बारिश के बाद काफी खुश हुए किसान
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Published : Jul 22, 2021, 11:41 AM IST

Updated : Jul 22, 2021, 12:00 PM IST

धौलपुर. जिले में बरसात होने के बाद मुरझाई हुई खरीफ फसल में जान लौट आई है. दो दिन पूर्व हुई बारिश के बाद खेतों में खरीफ फसल के पौधे लहराने लगे हैं. खेतों में चारों तरफ हरियाली दिखाई दे रही है. मुरझाई फसल में जान लौटने के बाद किसानों ने निराई और गुड़ाई के काम की शुरुआत जोरों से कर दी है. सुबह से शाम तक किसान खेतों में खून पसीना बहाकर कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

पढ़ेंः Weather Alert : राजस्थान में अगले 48 घंटों के भीतर इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें कहां कितनी हुई बारिश

बता दें कि दो दिन पहले जिले में हुई झमाझम बारिश के बाद बाजरा, दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार, मक्का और अन्य फसलों में जान लौट आई है. जिलेभर का किसान 15 जून से पहले खरीफ फसल की बुवाई कर चुका था, लेकिन लंबे अंतराल के बाद बारिश नहीं होना किसानों के लिए भारी परेशानी का सबब बन रहा था.

बारिश के बाद काफी खुश हुए किसान

अंकुरित फसल खेतों में सूखने के कगार पर पहुंच चुकी थी, लेकिन झमाझम हुई बारिश से किसानों के अरमानों में फिर से खुशी लौट आई है. सुबह से शाम तक किसानों ने निराई गुड़ाई के काम की शुरुआत कर दी है. खुरपी-फावड़े लेकर किसान खेतों में कड़ी मेहनत कर खरपतवार और अनुपयोगी वस्तुओं को फसल से पृथक कर रहा है.

बरसात होने पर एकदम से पौधा विकसित हो चुका है. किसानों ने निराई गुड़ाई कर फर्टिलाइजर और कीटनाशक दवाओं का भी उपयोग शुरू कर दिया है. बरसाती फसलों में फंगीसाइड और एअर हेड कैटरपिलर कीड़े की संभावना प्रबल रहती है.

कैटरपिलर कीट फसल के तनों को कुतरकर पूरी तरह से बर्बाद कर देता है. जिसे लेकर किसानों ने पहले ही एहतियात बरतना शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि जिले में शुरू से ही पारंपरिक खेती का ट्रेंड रहा है.

कृषि विभाग की हिदायतः बरसात होने के बाद फसल में जान लौट आई है. खेतों में खड़ी फसल का पौधा पूरी तरह से विकसित हो चुका है. फसल की नब्ज को देखकर किसान कीटनाशक दवा और फर्टिलाइजर का उपयोग करें. जानकारी नहीं होने पर कृषि सहायता केंद्र पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. फसल से खरपतवार को पृथक कर निराई गुड़ाई को अंजाम दे. जिससे किसानों को अनुपात के मुताबिक उत्पादन मिल सके.

पढ़ेंः खाटूश्यामजी हुए अनलॉक : 117 दिनों बाद श्याम भक्तों का इंतजार खत्म, खुले मंदिर के पट, गूंजे सर्वेश्वर के जयकारे

फिलहाल बरसात से किसानों के मुरझाए हुए चेहरों पर भी खुशी देखी जा रही है. किसानों ने बताया कि वर्तमान मौसम फसल के अनुकूल है, लेकिन फसल को अंतिम मुकाम तक पहुंचाने के लिए बारिश की और आवश्यकता होगी. मौजूदा वक्त की बरसात ने फसल और किसान दोनों को बड़ी राहत प्रदान की है.

धौलपुर. जिले में बरसात होने के बाद मुरझाई हुई खरीफ फसल में जान लौट आई है. दो दिन पूर्व हुई बारिश के बाद खेतों में खरीफ फसल के पौधे लहराने लगे हैं. खेतों में चारों तरफ हरियाली दिखाई दे रही है. मुरझाई फसल में जान लौटने के बाद किसानों ने निराई और गुड़ाई के काम की शुरुआत जोरों से कर दी है. सुबह से शाम तक किसान खेतों में खून पसीना बहाकर कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

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बता दें कि दो दिन पहले जिले में हुई झमाझम बारिश के बाद बाजरा, दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार, मक्का और अन्य फसलों में जान लौट आई है. जिलेभर का किसान 15 जून से पहले खरीफ फसल की बुवाई कर चुका था, लेकिन लंबे अंतराल के बाद बारिश नहीं होना किसानों के लिए भारी परेशानी का सबब बन रहा था.

बारिश के बाद काफी खुश हुए किसान

अंकुरित फसल खेतों में सूखने के कगार पर पहुंच चुकी थी, लेकिन झमाझम हुई बारिश से किसानों के अरमानों में फिर से खुशी लौट आई है. सुबह से शाम तक किसानों ने निराई गुड़ाई के काम की शुरुआत कर दी है. खुरपी-फावड़े लेकर किसान खेतों में कड़ी मेहनत कर खरपतवार और अनुपयोगी वस्तुओं को फसल से पृथक कर रहा है.

बरसात होने पर एकदम से पौधा विकसित हो चुका है. किसानों ने निराई गुड़ाई कर फर्टिलाइजर और कीटनाशक दवाओं का भी उपयोग शुरू कर दिया है. बरसाती फसलों में फंगीसाइड और एअर हेड कैटरपिलर कीड़े की संभावना प्रबल रहती है.

कैटरपिलर कीट फसल के तनों को कुतरकर पूरी तरह से बर्बाद कर देता है. जिसे लेकर किसानों ने पहले ही एहतियात बरतना शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि जिले में शुरू से ही पारंपरिक खेती का ट्रेंड रहा है.

कृषि विभाग की हिदायतः बरसात होने के बाद फसल में जान लौट आई है. खेतों में खड़ी फसल का पौधा पूरी तरह से विकसित हो चुका है. फसल की नब्ज को देखकर किसान कीटनाशक दवा और फर्टिलाइजर का उपयोग करें. जानकारी नहीं होने पर कृषि सहायता केंद्र पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. फसल से खरपतवार को पृथक कर निराई गुड़ाई को अंजाम दे. जिससे किसानों को अनुपात के मुताबिक उत्पादन मिल सके.

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फिलहाल बरसात से किसानों के मुरझाए हुए चेहरों पर भी खुशी देखी जा रही है. किसानों ने बताया कि वर्तमान मौसम फसल के अनुकूल है, लेकिन फसल को अंतिम मुकाम तक पहुंचाने के लिए बारिश की और आवश्यकता होगी. मौजूदा वक्त की बरसात ने फसल और किसान दोनों को बड़ी राहत प्रदान की है.

Last Updated : Jul 22, 2021, 12:00 PM IST
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