धौलपुर. जिले की पार्वती मुख्य नहर में सिंचाई विभाग की ओर से पानी कम रिलीज होने से बसेड़ी, सैंपऊ और कोलारी इलाके के किसानों को फसल में पानी लगाने के लिए भारी परेशानी हो रही है. वर्तमान समय में सरसों, गेहूं एवं आलू की फसल पकाव की स्थिति पर पहुंच चुकी है, लेकिन फसल पकाव के अंतिम चरण में पानी नहीं मिलने से काश्तकारों को मायूसी हाथ लग रही है. उधर विद्युत विभाग में विद्युत आपूर्ति समय से नहीं दे पा रहा है. ऐसे में किसानों के लिए फसल को बचाना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.
सिंचाई विभाग की ओर से जिले की पार्वती मुख्य नहर में पानी कम रिलीज करने से नहर के अंतिम छोर पर बैठे किसानों को पानी मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. बसेड़ी, सैपऊ और कोलारी इलाके के करीब 2 दर्जन से अधिक गांव के किसान नेहरी एरिया पर आश्रित है. इन किसानों की खरीफ फसल की सिंचाई अधिकांश पार्वती मुख्य नहर और उसमें से निकली माइनरों की ओर से की जाती है.
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किसानों ने बताया वर्तमान में सरसों और आलू की फसल पूरी तरह से पकाव की स्थिति पर पहुंच चुकी है. सरसों की पछैती वैरायटी में मौजूदा वक्त में पानी की विशेष जरूरत है. उसके साथ ही गेहूं और आलू फसल में पानी की विषय जरूरत है. सरसों फसल को महज एक पानी की आवश्यकता है, वहीं गेहूं फसल में अभी दो पानी लगाना शेष है. किसानों ने बताया करीब 4 दिन पूर्व सिंचाई विभाग ने पार्वती मुख्य नहर से पानी के गेज को कम कर दिया है. जिसके कारण सैपऊ उपखण्ड और कोलारी क्षेत्र के किसानों को पानी मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है.
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किसानों का कहना है खरीफ फसल का बुवाई से लेकर अब तक का सफर काफी ठीक रहा था. हालांकि बीच में कोहरा और पाले ने खरीफ फसल को प्रभावित किया था. वर्तमान में सरसों की पछेती वैरायटी में पानी की सख्त जरूरत है. उसके अलावा आलू फसल भी पकाब की स्थिति पर पहुंच चुकी है. किसानों के पास सिंचाई के लिए अन्य कोई दूसरा साधन नहीं होने पर भारी परेशानी हो रही है. उधर जिन किसानों के पास सिंचाई के लिए निजी संसाधन है उनको विद्युत आपूर्ति पूरी नहीं मिल रही है.
ऐसे में जिले के किसानों को फसल पकाव आपके लिए एक एक बूंद पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. उधर सिंचाई विभाग ने बताया पार्वती डैम में पानी कम हो चुका है. जिसके कारण पानी कम रिलीज किया जा रहा है. लेकिन किसानों की समस्या को देखते हुए उच्च अधिकारियों से वार्ता कर पानी और अधिक रिलीज किया जाएगा.