धौलपुर. जिला प्रशासन और महिला अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वाधान में पंचायत समिति सभागार में दहेज प्रथा निषेध अधिनियम और बाल विवाह रोकथाम के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में जिला प्रभारी सचिव शुचि शर्मा ने कहा कि समाज की समरसता को ध्यान में रखा जाएं. सामाजिक बदलाव हमें अपने से ही करना होगा. महिला और साथिन के समूह को अद्यतन जानकारी होनी चाहिए और विधिक ज्ञान सशक्त होना चाहिए.
उन्होंने कार्यक्रम में महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं की समाज में बहुत बड़ी भागीदारी है. महिलाओं को अपने साथ हो रहे अत्याचारों के संबंध में आवाज उठानी चाहिए. समाज में बेटियों को पढ़ाने और बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए.
जागरूक महिलाएं ही समाज में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जागरूक कर सकती है. उन्होंने बैठक में उपस्थित महिलाओं की बड़ी तादाद में मौजूदगी को लेकर खुशी व्यक्त की और कहा कि महिलाओं की भागीदारी से ना केवल सामाजिक बदलाव की राह प्रसस्त होगी, बल्कि कोरोना जन जागरूकता अभियान की सफलता, मास्क जनांदोलन अभियान सहित बाल विवाह रोकथाम, दहेज प्रथा उन्मूलन को भी बढ़ावा मिलेगा और जागरूकता पैदा होगी.
जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि महिलाओं को दिए गए अधिकारों की प्रति जानकारी होने के साथ-साथ समाज में दिए गए अधिकारो के प्रति सजगता होने पर ही मानसिकता में परिवर्तन हो सकता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने साथ हो रहे अत्याचारों के संबंध में आवाज उठानी चाहिए. किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उसकी शिकायत दर्ज कराएं.
उन्होंने महिला उत्थान के संबंध में कई महत्त्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि आपकी आवाज ही अन्य महिलाओं की आवाज बनेगी और उन्हें न्याय मिलेगा. ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. उन्होंने जिले में पूर्व में हुए महिला उत्थान के नवाचारों सेल्फ डिफेंस, आवाज कार्यक्रम, नारी उत्थान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अनेक कार्यक्रमों के आयोजन के संबंध में जानकारी दी.