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धौलपुर: पशु पक्षी और वन्य जीवों की सहायता के लिए आगे आए समाज के लोग, डीएम ने बंदरों को खिलाया खाना

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Published : May 16, 2021, 5:27 PM IST

धौलपुर जिले की महाराणा स्कूल, मचकुंड मंदिर, वन विहार, तलाबशाही, निभी का ताल के आस-पास बड़ी संख्या में बंदर हैं. जिन्हें आने वाले श्रद्धालुओं से खाने-पीने की व्यवस्था होती थी. अब लॉकडाउन में उनके सामने भुखमरी की स्थिति बन गई है. जिसको देखते हुए रविवार को कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बंदरों को खाना खिलाया.

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पशु पक्षी और वन्य जीवों की सहायता के लिए आगे आए समाज के लोग

धौलपुर. कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने राज्यभर में लॉकडाउन घोषित किया है. लोगों से घरों में रहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की गई है. हालांकि, लॉकडाउन के बाद आम जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है. साथ ही जानवरों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है.

जहां धौलपुर जिले की महाराणा स्कूल, मचकुंड मंदिर, वन विहार, तलाबशाही, निभी का ताल के आस-पास बड़ी संख्या में बंदर हैं. जिन्हें आने वाले श्रद्धालुओं से खाने-पीने व्यवस्था होती थी, लेकिन अब लॉकडाउन में उनके सामने भुखमरी की स्थिति बन गई है. ऐसे में जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने अहम फैसला लिया है. उन्होंने बेजुबान पशु-पक्षियों के अलावा बंदरों के लिए भी स्थान चिन्हित कर उनके खाने-पीने की व्यवस्था के लिए वॉलंटियर्स प्रकोष्ठ गठित किया है.

इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से समाजसेवियों की मदद से इनके लिए रोज केला, चना और बिस्कुट की व्यवस्था की है. जिला कलेक्टर ने बंदरों के लिए चिन्हित स्थानों का दौरा किया और महाराणा स्कूल सहित वन विहार जाकर अपने हाथों से बंदरों को केला और चने खिलाकर आमजन को भी बेजुबानों की मदद करने लिए प्रेरित किया.

पढ़ें: राजस्थान में 16 मई के बाद दिखेगा 'तौकते' तूफान का असर, जारी किया अलर्ट

उन्होंने बताया कि भारतीय अग्रवाल समाज के अध्यक्ष गिरीश गर्ग और ऋषि मित्तल और बजरंग दल के अध्यक्ष राम शर्मा की ओर से वॉलंटियर्स के माध्यम से बंदरों को केला और चने आदि की चिन्हित प्वाइंट पर व्यवस्था करने का कार्य किया जा रहा है. ताकि बंदरों को समय पर भोजन मिले और किसी प्रकार का उत्पात मचाने की शिकायत नहीं हो. उन्होंने अमाजन से अपील की है कि इस संकट की घड़ी में सरकार की ओर से जारी प्रोटोकॉल और कोरोना गाइडलाइन की पालना करें. साथ ही अपने घर पर पक्षियों को परिंडे और दो रोटी बेजुबानों को जरूर खिलाएं. ताकि पशु-पक्षियों की मदद हो सके.

धौलपुर. कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने राज्यभर में लॉकडाउन घोषित किया है. लोगों से घरों में रहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की गई है. हालांकि, लॉकडाउन के बाद आम जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है. साथ ही जानवरों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है.

जहां धौलपुर जिले की महाराणा स्कूल, मचकुंड मंदिर, वन विहार, तलाबशाही, निभी का ताल के आस-पास बड़ी संख्या में बंदर हैं. जिन्हें आने वाले श्रद्धालुओं से खाने-पीने व्यवस्था होती थी, लेकिन अब लॉकडाउन में उनके सामने भुखमरी की स्थिति बन गई है. ऐसे में जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने अहम फैसला लिया है. उन्होंने बेजुबान पशु-पक्षियों के अलावा बंदरों के लिए भी स्थान चिन्हित कर उनके खाने-पीने की व्यवस्था के लिए वॉलंटियर्स प्रकोष्ठ गठित किया है.

इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से समाजसेवियों की मदद से इनके लिए रोज केला, चना और बिस्कुट की व्यवस्था की है. जिला कलेक्टर ने बंदरों के लिए चिन्हित स्थानों का दौरा किया और महाराणा स्कूल सहित वन विहार जाकर अपने हाथों से बंदरों को केला और चने खिलाकर आमजन को भी बेजुबानों की मदद करने लिए प्रेरित किया.

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उन्होंने बताया कि भारतीय अग्रवाल समाज के अध्यक्ष गिरीश गर्ग और ऋषि मित्तल और बजरंग दल के अध्यक्ष राम शर्मा की ओर से वॉलंटियर्स के माध्यम से बंदरों को केला और चने आदि की चिन्हित प्वाइंट पर व्यवस्था करने का कार्य किया जा रहा है. ताकि बंदरों को समय पर भोजन मिले और किसी प्रकार का उत्पात मचाने की शिकायत नहीं हो. उन्होंने अमाजन से अपील की है कि इस संकट की घड़ी में सरकार की ओर से जारी प्रोटोकॉल और कोरोना गाइडलाइन की पालना करें. साथ ही अपने घर पर पक्षियों को परिंडे और दो रोटी बेजुबानों को जरूर खिलाएं. ताकि पशु-पक्षियों की मदद हो सके.

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