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Rigging in Dholpur: सैपऊ के राजकीय विद्यालय में भ्रष्टाचार, MRP से अधिक रेट पर खरीदी गई सामाग्री - एमआरपी से अधिक रेट पर खरीदी गई सामाग्री

धौलपुर के सैपऊ उपखण्ड क्षेत्र के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में बड़ी धांधली का मामला प्रकाश में आया है. यहां स्कूल के लिए खरीदे गए सामान तथा स्टेशनरी में एमआरपी से अधिक रेट बिल में दर्शाए गए हैं.

corruption in saipau government school
सैपऊ के राजकीय विद्यालय में भ्रष्टाचार
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Published : Mar 17, 2023, 4:17 PM IST

सैपऊ के राजकीय विद्यालय में भ्रष्टाचार

धौलपुर.सैपऊ उपखण्ड क्षेत्र के राजकीय उच्च माध्यमिक परौआ गांव के सरकारी स्कूल में स्कूल की स्टेशनरी एवं अन्य सामान की खरीद-फरोख्त में धांधली का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने भनक लगने पर स्कूल में हंगामा खड़ा कर दिया. पंचायत बिठाकर खरीदे गए सामान के बिल एवं सामान का मिलान किया तो ग्रामीणों की आंखें खुली की खुली रह गईं. रिकॉर्ड में सामान अधिक पाया गया है. वहीं मौके पर सामान की सामग्री बहुत कम मिली है. मामले में स्कूल के कार्यवाहक प्रिंसिपल ने बाबू को नोटिस थमा दिया है. उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के साथ FIR दर्ज कराने की भी बात कही है.

स्कूल स्टॉफ कर रहा मनमानीः सरपंच प्रतिनिधि जवाहर सिंह कुशवाह ने बताया परौआ गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विगत लंबे समय से व्यवस्थाएं व्याप्त है. स्कूल में अध्यापक काम नहीं करने के साथ स्टॉफ द्वारा मनमानी की जाती है. इसके साथ ही स्कूल के मिड डे मील एवं अन्य सामान की खरीद-फरोख्त में धांधली की जाती है. उन्होंने बताया स्कूल में कार्यरत एलडीसी दिनेश गोड द्वारा सामान की खरीद-फरोख्त में धांधली की है. स्थानीय ग्रामीण रामअवतार परमार ने बताया सरकारी स्कूल अध्यापकों की राजनीति का अखाड़ा बन गया है. विद्यार्थियों को अध्यापन कार्य नहीं कराया जाता. स्कूल के अध्यापक एवं बाबू मिलकर मिड डे मील समेत अन्य स्टेशनरी के सामान की खरीद-फरोख्त में जमकर धोखाधड़ी कर रहे हैं. उन्होंने बताया हाल ही में एलडीसी दिनेश गौड़ द्वारा परीक्षा से संबंधित एवं अन्य स्टेशनरी का सामान खरीदा गया था. जब ग्रामीणों को सरकारी सामान की खरीद-फरोख्त में हुई गड़बड़ी की भनक लगी तो स्कूल पहुंच गए.

ये भी पढ़ेंः Rajasthan Technical University: ठेका फर्म ने काम शुरू नहीं किया, अधर में स्टूडेंट्स का भविष्य, जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला

एमआरपी से अधिक बिल में लगे हैं रेटः स्टेशनरी सामान के बिल वाउचर के साथ सामान का मिलान किया गया तो बहुत अंतर पाया गया है. रजिस्टर, केस बुक डायरी, अंक सूची, भारत नक्शा, ग्राफ, फिनायल, झाड़ू, टॉयलेट क्लीनर, धागा, एसआर रजिस्टर, छात्र उपस्थिति रजिस्टर आदि की खरीद फरोख्त में भारी धांधली पाई गई है. उन्होंने बताया एमआरपी प्रिंट रेट से अधिक बिल में रेट लगाए गए हैं. इसके साथ ही रिकॉर्ड में फिनाइल की चार कट्टी होने के साथ मौके पर दो ही कट्टी पाई गई हैं. लगभग हर स्टेशनरी के सामान में यह गड़बड़ी देखी गई है. मामले को लेकर कार्यवाहक प्रिंसिपल अजीत सिंह ने बताया स्कूल के बाबू द्वारा रविवार को सामान खरीदा गया है. प्रारंभिक जांच में खरीद-फरोख्त में भारी गड़बड़ी पाई गई है. मामले से शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है. बाबू को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. प्रिंसिपल ने बताया प्रारंभिक तौर पर मामला संदिग्ध दिखाई दे रहा है. जरूरत पड़ी तो बाबू के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी.

सैपऊ के राजकीय विद्यालय में भ्रष्टाचार

धौलपुर.सैपऊ उपखण्ड क्षेत्र के राजकीय उच्च माध्यमिक परौआ गांव के सरकारी स्कूल में स्कूल की स्टेशनरी एवं अन्य सामान की खरीद-फरोख्त में धांधली का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने भनक लगने पर स्कूल में हंगामा खड़ा कर दिया. पंचायत बिठाकर खरीदे गए सामान के बिल एवं सामान का मिलान किया तो ग्रामीणों की आंखें खुली की खुली रह गईं. रिकॉर्ड में सामान अधिक पाया गया है. वहीं मौके पर सामान की सामग्री बहुत कम मिली है. मामले में स्कूल के कार्यवाहक प्रिंसिपल ने बाबू को नोटिस थमा दिया है. उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के साथ FIR दर्ज कराने की भी बात कही है.

स्कूल स्टॉफ कर रहा मनमानीः सरपंच प्रतिनिधि जवाहर सिंह कुशवाह ने बताया परौआ गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विगत लंबे समय से व्यवस्थाएं व्याप्त है. स्कूल में अध्यापक काम नहीं करने के साथ स्टॉफ द्वारा मनमानी की जाती है. इसके साथ ही स्कूल के मिड डे मील एवं अन्य सामान की खरीद-फरोख्त में धांधली की जाती है. उन्होंने बताया स्कूल में कार्यरत एलडीसी दिनेश गोड द्वारा सामान की खरीद-फरोख्त में धांधली की है. स्थानीय ग्रामीण रामअवतार परमार ने बताया सरकारी स्कूल अध्यापकों की राजनीति का अखाड़ा बन गया है. विद्यार्थियों को अध्यापन कार्य नहीं कराया जाता. स्कूल के अध्यापक एवं बाबू मिलकर मिड डे मील समेत अन्य स्टेशनरी के सामान की खरीद-फरोख्त में जमकर धोखाधड़ी कर रहे हैं. उन्होंने बताया हाल ही में एलडीसी दिनेश गौड़ द्वारा परीक्षा से संबंधित एवं अन्य स्टेशनरी का सामान खरीदा गया था. जब ग्रामीणों को सरकारी सामान की खरीद-फरोख्त में हुई गड़बड़ी की भनक लगी तो स्कूल पहुंच गए.

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एमआरपी से अधिक बिल में लगे हैं रेटः स्टेशनरी सामान के बिल वाउचर के साथ सामान का मिलान किया गया तो बहुत अंतर पाया गया है. रजिस्टर, केस बुक डायरी, अंक सूची, भारत नक्शा, ग्राफ, फिनायल, झाड़ू, टॉयलेट क्लीनर, धागा, एसआर रजिस्टर, छात्र उपस्थिति रजिस्टर आदि की खरीद फरोख्त में भारी धांधली पाई गई है. उन्होंने बताया एमआरपी प्रिंट रेट से अधिक बिल में रेट लगाए गए हैं. इसके साथ ही रिकॉर्ड में फिनाइल की चार कट्टी होने के साथ मौके पर दो ही कट्टी पाई गई हैं. लगभग हर स्टेशनरी के सामान में यह गड़बड़ी देखी गई है. मामले को लेकर कार्यवाहक प्रिंसिपल अजीत सिंह ने बताया स्कूल के बाबू द्वारा रविवार को सामान खरीदा गया है. प्रारंभिक जांच में खरीद-फरोख्त में भारी गड़बड़ी पाई गई है. मामले से शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है. बाबू को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. प्रिंसिपल ने बताया प्रारंभिक तौर पर मामला संदिग्ध दिखाई दे रहा है. जरूरत पड़ी तो बाबू के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी.

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