धौलपुर. जिला एवं सत्र न्यायाधीश सतीश चंद गुप्ता ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाते हुए ग्राम पंचायत बसई नवाब के सरपंच चुनाव को निरस्त कर सरपंच वेद प्रकाश को अयोग्य घोषित किया है. चुनाव हारने वाले प्रतिद्वंद्वी ने दो से अधिक संतान होने का न्यायालय में परिवाद पेश किया था. न्यायालय ने सबूतों के आधार पर दोषी मानते हुए चुनाव को निरस्त कर दिया है.
दावे की पैरवी कर रहे अधिवक्ता आरिफ हमीद खान ने बताया कि 3 अक्टूबर, 2020 को ग्राम पंचायत बसई नवाब में सरपंच पद का चुनाव संपन्न हुआ था. निर्वाचन अधिकारी ने अधिक मतों के आधार पर वेद प्रकाश पुत्र प्रहलाद को सरपंच पद का विजई प्रत्याशी घोषित कर दिया. अधिवक्ता ने कि बताया सरपंच पद के विजयी प्रत्याशी वेद प्रकाश पुत्र प्रहलाद ने अपने शपथ पत्र में दो संतानों के बारे में जानकारी दी थी. जबकि एक अन्य संतान का जन्म 15 सितंबर, 2020 को हुआ था. यह तथ्य प्रत्याशी द्वारा शपथ पत्र में छुपाया गया था.
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उन्होंने बताया कि पराजित प्रत्याशी रमेश चंद कुशवाह ने वर्तमान सरपंच वेद प्रकाश के खिलाफ शपथ पत्र में दो से अधिक संतान का तथ्य छुपाने का परिवाद जिला एवं सत्र न्यायालय में दायर किया था. मामले में न्यायाधीश सतीश चंद गुप्ता ने गुरुवार को साक्ष्यों को आधार मानते हुए वर्तमान सरपंच वेद प्रकाश को अयोग्य घोषित कर चुनाव को निरस्त कर दिया है. उन्होंने बताया हलफनामे में सरपंच वेद प्रकाश ने संतान का तथ्य छुपाया था. जांच एवं साक्ष्यों में तीन संतान पाई गई है.
1995 के बाद हुआ था संशोधनः पंचायती राज विभाग की चुनाव प्रक्रिया में 1995 के बाद संशोधन किया गया था. दो से अधिक संतान होने पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को अयोग्य माना गया है. वेद प्रकाश ने शपथ पत्र में केवल दो संतान का हवाला दिया था. जबकि एक संतान का तथ्य छुपाया गया था.