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राजे के गढ़ में ही मुरझाया 'कमल', लहराया 'हाथ'...गुटबाजी ने कर दिया सूपड़ा साफ

एक कहावत है 'घर को आग लग गई घर के चिराग से', राजस्थान बीजेपी की गुटबाजी पर ये कहावत सटीक बैठती है. धौलपुर पंचायत चुनाव में बीजेपी की गुटबाजी का नतीजा ये रहा कि राजे के गढ़ में ही कमल मुरझा गया. बड़े नेताओं की गुटबाजी के चलते पंचायत चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा.

dholpur panchayat election
धौलपुर में बीजेपी की हार
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Published : Oct 29, 2021, 9:53 AM IST

Updated : Oct 29, 2021, 10:11 PM IST

धौलपुर. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच की अदावत पार्टी पर भारी पड़ रही है. इसकी एक झलक धौलपुर में हुए पंचायती राज चुनाव के परिणामों में नजर आई. राजे के गढ़ में ही 'कमल' मुरझा गया. जबकि कांग्रेस का 'हाथ' पंचायत समिति से लेकर जिला परिषद तक मजबूत हो गया है. जिला परिषद में कांग्रेस का जिला प्रमुख बनना तय है. वहीं पंचायत समितियों में भी अधिकांश पर 'पंजा' भारी पड़ता नजर आ रहा है.

जिला परिषद वार्ड में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. जबकि बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. जिला परिषद के 23 वार्डों में से कांग्रेस को 17 सीटें मिली है जबकि बीजेपी ने महज 6 सीटें ही हासिल की है.

धौलपुर पंचायत चुनाव में बीजेपी को करारी हार

जिला परिषद वार्ड में कांग्रेस को स्पष्ट बहुत मिला है. हालांकि सैपऊ पंचायत समिति में बीजेपी को बहुमत मिला है. इसके अलावा धौलपुर, बाड़ी, राजाखेड़ा, बसेड़ी और सरमथुरा में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. भाजपा की हार का कारण गुटबाजी माना जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया गुट के कार्यकर्ताओं के बंटने के कारण भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ है. बताया जा रहा है कि पंचायती राज चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया गया था. ऐसे में वसुंधरा राजे के कार्यकर्ताओं की चुप्पी और अंदरूनी बगावत के कारण भाजपा जिले में चारों खाने चित हो गई.

वहीं पंचायती चुनाव में बाड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. सैपऊ पंचायत समिति में भाजपा को बढ़त हासिल हुई है. इसके अलावा बसेड़ी और सरमथुरा पंचायत समिति में निर्दलीय प्रत्याशियों ने कांग्रेस और भाजपा दोनों का ही गणित बिगाड़ दिया है.

धौलपुर पंचायत समिति की बात की जाए तो 29 पंचायत समिति वार्ड से 14 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है और भाजपा को 10 वार्डों पर जीत मिली है. 4 वार्डों पर बहुजन समाज पार्टी ने भी जीत हासिल कर सबको चौंका दिया है. एक वार्ड पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की है.

यह भी पढ़ें : पंचायत में 'पंजा' भारी : अलवर-धौलपुर में जिला प्रमुख तो 22 में से 15 प्रधान बनाने का डोटासरा ने किया दावा

राजाखेड़ा पंचायत समिति में कांग्रेस का प्रधान बनना तय माना जा रहा है. 25 वार्ड में से 19 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. वहीं भाजपा केवल 3 सीट पर सिमट गई है इसके साथ 3 पर निर्दलीय ने भी जीत हासिल की है. सैपऊ पंचायत समिति में बीजेपी को बहुमत प्राप्त हुआ है. 27 वार्ड में से 14 पर भाजपा ने जीत हासिल की है. जबकि कांग्रेस सिर्फ 9 वार्डों पर ही सिमट कर रह गई. उसके साथ बीएसपी 2 और निर्दलीय 2 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है.

बसेड़ी पंचायत समिति में जीते हुए निर्दलीय प्रत्याशियों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का गणित बिगाड़ दिया है. 19 वार्ड में से 9 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, तो वही 4 वार्ड पर बीजेपी और 6 वार्डों पर निर्दलीयों ने जीत हासिल की है.

सरमथुरा पंचायत समिति में निर्दलीयों ने बाजी मारी है. 15 वार्ड में से 9 पर निर्दलीय जीत कर आए हैं. वहीं 4 पर कांग्रेस, एक पर बीएसपी और 2 पर बीजेपी सिमट कर रह गई है. ऐसे में सर मथुरा पंचायत समिति का प्रधान निर्दलीयों के बिना सहयोग से नहीं बन सकता है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के नेताओं ने गठजोड़ शुरू कर दिया है.

पढ़ें- प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर बीकानेर पहुंचे CM गहलोत, विपक्ष पर साधा निशाना

कांग्रेस का रहा अच्छा प्रदर्शन...

धौलपुर पंचायत चुनाव में कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन देखा जा रहा है. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस में भी फूट देखी जा रही थी. लेकिन शीर्ष नेतृत्व के दखल के बाद एन वक्त पर कांग्रेस पार्टी संभल गई. जिससे जिला प्रमुख का बहुमत प्राप्त करने के साथ बाड़ी, धौलपुर और राजाखेड़ा में कांग्रेस का प्रधान बनना लगभग तय माना जा रहा है.

धौलपुर. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच की अदावत पार्टी पर भारी पड़ रही है. इसकी एक झलक धौलपुर में हुए पंचायती राज चुनाव के परिणामों में नजर आई. राजे के गढ़ में ही 'कमल' मुरझा गया. जबकि कांग्रेस का 'हाथ' पंचायत समिति से लेकर जिला परिषद तक मजबूत हो गया है. जिला परिषद में कांग्रेस का जिला प्रमुख बनना तय है. वहीं पंचायत समितियों में भी अधिकांश पर 'पंजा' भारी पड़ता नजर आ रहा है.

जिला परिषद वार्ड में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. जबकि बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. जिला परिषद के 23 वार्डों में से कांग्रेस को 17 सीटें मिली है जबकि बीजेपी ने महज 6 सीटें ही हासिल की है.

धौलपुर पंचायत चुनाव में बीजेपी को करारी हार

जिला परिषद वार्ड में कांग्रेस को स्पष्ट बहुत मिला है. हालांकि सैपऊ पंचायत समिति में बीजेपी को बहुमत मिला है. इसके अलावा धौलपुर, बाड़ी, राजाखेड़ा, बसेड़ी और सरमथुरा में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. भाजपा की हार का कारण गुटबाजी माना जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया गुट के कार्यकर्ताओं के बंटने के कारण भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ है. बताया जा रहा है कि पंचायती राज चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया गया था. ऐसे में वसुंधरा राजे के कार्यकर्ताओं की चुप्पी और अंदरूनी बगावत के कारण भाजपा जिले में चारों खाने चित हो गई.

वहीं पंचायती चुनाव में बाड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. सैपऊ पंचायत समिति में भाजपा को बढ़त हासिल हुई है. इसके अलावा बसेड़ी और सरमथुरा पंचायत समिति में निर्दलीय प्रत्याशियों ने कांग्रेस और भाजपा दोनों का ही गणित बिगाड़ दिया है.

धौलपुर पंचायत समिति की बात की जाए तो 29 पंचायत समिति वार्ड से 14 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है और भाजपा को 10 वार्डों पर जीत मिली है. 4 वार्डों पर बहुजन समाज पार्टी ने भी जीत हासिल कर सबको चौंका दिया है. एक वार्ड पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की है.

यह भी पढ़ें : पंचायत में 'पंजा' भारी : अलवर-धौलपुर में जिला प्रमुख तो 22 में से 15 प्रधान बनाने का डोटासरा ने किया दावा

राजाखेड़ा पंचायत समिति में कांग्रेस का प्रधान बनना तय माना जा रहा है. 25 वार्ड में से 19 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. वहीं भाजपा केवल 3 सीट पर सिमट गई है इसके साथ 3 पर निर्दलीय ने भी जीत हासिल की है. सैपऊ पंचायत समिति में बीजेपी को बहुमत प्राप्त हुआ है. 27 वार्ड में से 14 पर भाजपा ने जीत हासिल की है. जबकि कांग्रेस सिर्फ 9 वार्डों पर ही सिमट कर रह गई. उसके साथ बीएसपी 2 और निर्दलीय 2 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है.

बसेड़ी पंचायत समिति में जीते हुए निर्दलीय प्रत्याशियों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का गणित बिगाड़ दिया है. 19 वार्ड में से 9 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, तो वही 4 वार्ड पर बीजेपी और 6 वार्डों पर निर्दलीयों ने जीत हासिल की है.

सरमथुरा पंचायत समिति में निर्दलीयों ने बाजी मारी है. 15 वार्ड में से 9 पर निर्दलीय जीत कर आए हैं. वहीं 4 पर कांग्रेस, एक पर बीएसपी और 2 पर बीजेपी सिमट कर रह गई है. ऐसे में सर मथुरा पंचायत समिति का प्रधान निर्दलीयों के बिना सहयोग से नहीं बन सकता है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के नेताओं ने गठजोड़ शुरू कर दिया है.

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कांग्रेस का रहा अच्छा प्रदर्शन...

धौलपुर पंचायत चुनाव में कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन देखा जा रहा है. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस में भी फूट देखी जा रही थी. लेकिन शीर्ष नेतृत्व के दखल के बाद एन वक्त पर कांग्रेस पार्टी संभल गई. जिससे जिला प्रमुख का बहुमत प्राप्त करने के साथ बाड़ी, धौलपुर और राजाखेड़ा में कांग्रेस का प्रधान बनना लगभग तय माना जा रहा है.

Last Updated : Oct 29, 2021, 10:11 PM IST
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