धौलपुर. भरतपुर में बयाना उपखंड इलाके के गांव पीलूपुरा में 1 नवंबर 2020 से गुर्जर समाज के नेता कर्नल किरोड़ी लाल बैंसला ने आंदोलन की चेतावनी दी है. इसे देखते हुए स्थानीय जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है. शनिवार को गुर्जर समाज के नेताओं की बैठक बुलाई गई. बैठक में समझाइश की गई कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन को जिले में उग्र रूप न दें. सड़क और रेलवे ट्रैक को जाम करने की कोशिश न करें. उसके अलावा हाईवे जाम नहीं करने के साथ आगजनी की घटना से दूर रहने की समझाइश की गई है.
कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि पूर्व के गुर्जर आरक्षण आंदोलन में शहर के सागर पाड़ा चेक पोस्ट के पास गुर्जर समाज के लोगों ने जाम लगाकर आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया था. उसके अलावा बसेड़ी इलाके में भी घटना हुई थी. राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में धारा- 144 लागू कर दी गई है. आंदोलन की लीडरशिप करने वाले लोगों को जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा पाबंद भी किया गया है.
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उन्होंने कहा कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन में कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्ती से कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सरकार द्वारा जिला मजिस्ट्रेट को विशेष अधिकार दिए गए हैं. सरकारी और राजकीय संपत्ति को क्षति एवं नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का भी उपयोग किया जा सकता है. लिहाजा गुर्जर समाज के लोग आरक्षण की मांग को कानूनी दायरे में रहकरकरें. कानून का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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कलेक्टर ने बताया कि जिले के प्रत्येक उपखंड मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. जहां एसडीएम, तहसीलदार, गिरदावर और संबंधित हल्का पटवारी को तैनात किया गया है. सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भ्रामक खबर फैलाने वालों के लिए भी एक टीम का विशेष गठन किया गया है. राजधानी मुख्यालय से चार आरएएस अफसर भेजे गए हैं. जिन्हें विशेष जिम्मेदारी दी गई है. गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में प्रशासन एवं पुलिस द्वारा निगरानी रखी जा रही है. जिला प्रशासन में गुर्जर समाज के नेताओं से आरक्षण आंदोलन में शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील की है. बैठक में पूर्व विधायक जसवंत गुर्जर समेत तमाम गुर्जर समाज के नेता मौजूद रहे.